राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को कन्हैयालाल साहू की जिस तरह सरेआम बाजार में हत्या कर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दहशत फैलाने का प्रयास किया। ठीक ऐसी ही वारदात 25 जनवरी 2022 को गुजरात के अहमदाबाद में किशन भारवाड़ के साथ भी हुई है। दोनों ही घटनाएं लगभग एक जैसी ही है। खास बात यह है कि मृतकों का नाम भी मिलता जुलता है। एक कन्हैया है, तो दूसरा किशन। दोनों ही लोगों की गलती भी एक ही है, जिन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर कोई पोस्ट कर दी थी। घटना के बाद दोनों ने माफी भी मांगी। धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में दोनों जगह पुलिस द्वारा कन्हैया की तरह ही किशन को गिरफ्तार कर पाबंद किया। माफी मांगने के बाद भी कतिपय लोगों द्वारा उदयपुर के कन्हैया की तरह अहमदाबाद के किशन को जान से मारने की धमकियां मिली थी। कन्हैया जिस तरह दुकान बंद कर घर बैठा रहा, उसी तरह किशन भी घर छोड़कर रिश्तेदार के घर छिपकर रहा। फिर जैसे ही घर से बाहर निकले तो उनकी हत्या हो गई। दोनों ही वारदते मंगलवार के दिन हुई है। इस तरह दोनों ही निर्मम हत्या में कई समानताएं है।
किशन ने मुस्लिमों के पैगम्बर से बड़ा हिंदुओं के कृष्ण को बताया। इससे इस्लाम पर आस्था रखने वाले इस तुलना से भड़क गए। उदयपुर में कन्हैया बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगम्बर को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए पोस्ट लिखी। इस पर भी एक खास समुदाय के सब्र का बांध टूट गया। अंजाम दोनों का एक जैसा-हत्या, सरेआम। एक की गोली से दूसरे की धारदार हथियार से गला रेतकर। इन दोनों घटनाओं में एक और बात कॉमन है। हत्या का दिन मंगलवार था।
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इसी साल 25 जनवरी को गुजरात के अहमदाबाद के धंधुका में 27 साल के किशन भारवाड़ की हत्या से लोगों का दिल दहल उठा था। किशन को ईशनिंदा की सजा मिली, बावजूद इसके कि उसने माफी मांग ली थी। 6 जनवरी को किशन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। कुछ घंटों में ही इस वीडियो ने बवाल खड़ा कर दिया। ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किशन पर रिपोर्ट दर्ज कर दी। कम्युनिटी का गुस्सा देखकर पुलिस फौरन हरकत में आई। किशन को अरेस्ट किया गया।
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किशन को 7 जनवरी को बेल मिली। लेकिन यह बेल उस कम्युनिटी से माफी मांगने के बाद मिली। कम्युनिटी के लोगों ने बेल मिलने के बाद उसकी पिटाई भी की। किशन ने पूरे समुदाय से हाथ जोड़कर माफी मांगी। लेकिन इस बीच घर वालों को धमकियां मिलनी शुरू हो चुकीं थी। धमकियां किशन को जान से मारने की। घर वालों ने जेल से छूटने के बाद उसे किसी रिश्तेदार के घर कुछ दिनों के लिए भेज दिया। किशन के फोन पर धमकियां बराबर आती रहीं। उधर किशन की पत्नी को एक बच्ची हुई। किशन के घरवालों ने उसे घर न आने के लिए बार-बार कहा। लेकिन बच्ची का चेहरा देखने के लिए किशन 25 जनवरी को बाइक से घर के लिए रवाना हो गया। लेकिन रास्ते में ही बाइक सवार दो लोगों ने भरे चौराहे उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। वहीं उसकी मौत हो गई। इस मामले की इन्वेस्टिगेशन में शामिल एटीएस ने बाइक सवार दो आरोपियों के अलावा दिल्ली के दरियागंज से भी मौलाना कमर गनी उस्मानी को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने जांच में मौलाना उस्मानी का संबंध दावत-ए-इस्लामी नाम की संस्था से होने की बात कही थी।
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ईशनिंदा से लेकर हत्या तक…सबकुछ एक जैसा
किशन और कन्हैया दोनों की कहानी में सोशल मीडिया पोस्ट है, ईशनिंदा है। पड़ोसियों का ऐतराज है। गिरफ्तारी और फिर ईशनिंदा के आरोपी का माफी मांगना है, लेकिन माफी से संतुष्ट न होने वाले दहशतगर्दों की धमकियां हैं। इतना ही नहीं, टारगेट के घर से निकलने का कई दिनों तक इंतजार और फिर उस पर खुलेआम, भीड़ के बीच वार। हमलावर को अपने टारगेट की पल-पल की जानकारी थी। घर से निकलते बिना वक्त गंवाए हमला। हत्यारों की संख्या भी दोनों में दो-दो।
पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन से जुड़े होने के दावे झूठलाए
उदयपुर में कन्हैयालाल साहू की हत्या के आराेपियों की पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन से तार जुड़़े होना आरोपियों ने पुलिस को बताया था, लेकिन अब केन्द्रीय अनुसंधान टीम द्वारा पूछताछ करने पर पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन से जुड़े होने की बात गलत बता दी। इस तरह राजस्थान पुलिस के दावे को गलत ठहराया गया है। फिलहान दोनों आरोपियों से राज्य व केन्द्रीय सुरक्षा टीमों द्वारा गहन पूछताछ की जा रही है।