Udaipur Murder Case : कन्हैया हत्यारे को पकड़ने में जुटे 9 पुलिसकर्मी, सिर्फ 5 को गेलेन्ट्री प्रमोशन, 4 का अपमान!

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उदयपुर में 28 जून 2022 को कन्हैयालाल साहू की हत्या कर फरार हुए आतंकी रियाज अत्तारी व गौस मोहम्मद को पकड़ने के लिए 9 पुलिसकर्मी जुटे और खुद की समझदारी और बहादुरी के बलबूते घटना के 5 घंटे के भीतर ही भीम के पास टोगी में हाइवे पर पकड़ लिया। आतंकियों को पकड़ने में 9 पुलिसकर्मी जुटे, लेकिन 5 जवानों को ही गेलेन्ट्री प्रमोशन के लिए चुना गया और 4 कांस्टेबल के योगदान को भूला दिया गया। इससे न सिर्फ भीम पुलिस थाने के SHO गजेंद्र सिंह से लेकर SP सुधीर चौधरी तक की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है कि 9 पुलिसकर्मियों ने मिलकर पकड़ा तो सिर्फ 5 के नाम ही सरकार को भेजे गए। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जांबाज 4 पुलिसकर्मियों के योगदान को भूलाया गया।

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थानेदार पर चहेतों के नाम भेजने का आरोप

खास बात यह है कि एक बाइक पर 2 कांस्टेबलों ने 30 किलोमीटर तक हत्यारो का पीछा किया। फिर भी बाइक सवार सिर्फ 1 जवान को ही प्रमोशन योग्य माना और दूसरे को प्रमोशन की सूची में शामिल ही नहीं किया। ऐसे ही पूरी टीम को लीड करने वाले एसआई गौतम चौबिसा और 2 पुलिसकर्मियों के साथ हुआ। इन पुलिसकर्मियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी, लेकिन बहादुरी के इनाम में नजरअंदाज कर दिया गया। वहीं, एसएचओ पर अपने चहेते पुलिसकर्मियों को प्रमोशन दिलाने के भी आरोप लग रहे हैं। हालांकि थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके द्वारा कोई नाम नहीं भेजे गए हैं और चहेते को प्रमोशन दिलाने के आरोप को झूठा व भ्रामक बताया।

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5 जवानों को गेलेन्ट्री प्रमोशन का ऐलान

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उदयपुर में कन्हैयालाल साहू की हत्यार कर बाइक पर फरार हुए रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को टोगी के पास हाइवे पर पुलिस की टीमों ने दबोच लिया। हथियारबंद आतंकियों को सिर्फ लाठी के दम पर पकड़ने की बहादूरी पर कांस्टेबल तेजपाल, गौतम पहाड़िया, नरेंद्र, शौकत और विकास को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन का ऐलान किया गया।

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इन्हें भूला दिया गया, हो रहा अपमान

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आतंकियों को पकड़ने में बराबर सहभागिता निभाने के बाद भी भीम थाना पुलिस और राजसमंद जिला पुलिस द्वारा उनके साथ दोहरा बर्ताव किया गया। इसके चलते SI गौतम चौबीसा, हैड कांस्टेबल निर्भयिसंह, सत्यनारायण और चालक शंकर के नाम गेलेन्ट्री प्रमोशन के प्रस्ताव में भेजे ही नहीं। इससे पुलिस अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।

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देखिए पुलिस टीम ने किस तरह आतंकियों को पकड़ा

2.30 बजे: जिलेभर में कराई नाकाबंदी

पुलिस ने कन्हैयालाल के हत्या की सूचना मिलती ही जिले भर में नाकाबंदी करवा दी। इस पर दोनों आरोपी उदयपुर से गांवों के रास्ते होते हुए नाथद्वारा गए। यहां से हत्या के बाद वीडियो पाकिस्तान और दूसरे वॉट्सऐप ग्रुप में भेजा।

6.30 बजे: पेट्रोल पंप पर झगड़े से पुलिस को सूचना मिली

हत्यारे देवगढ़ के पास एक पेट्रोल पंप पर पहुंचे। पेट्रोल भरवाने के दौरान उनका पंप के कर्मचारियों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद के बाद भगवान सिंह नाम के शख्स ने फोन कर पुलिस को बताया कि दो बदमाश यहां से भागे हैं।

6.50 बजे: कॉन्स्टेबल रामलाल ने थाने में सूचना दी

भीम थाने के कॉन्स्टेबल रामलाल को सूचना मिली कि आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद अजमेर की तरफ जा रहे हैं। रामलाल ने थाने में सूचना दी और सबको अलर्ट कर दिया। थाने से अलग-अलग टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए रवाना हो गई। कॉन्स्टेबल सत्यनारायण और गौतम पहाड़िया ने बाइक पर पीछा शुरू किया।

7 बजे: कॉन्स्टेबल पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया

कॉन्स्टेबल सत्यनारायण चौधरी और गौतम पहाड़िया ने आरोपियों को अपनी तरफ आते देखा तो रोकने का प्रयास किया। आरोपी रियाज ने दोनों कॉन्स्टेबल पर बाइक चढ़ाने का प्रयास किया। भीम कस्बे की तरफ बाइक भगा दी। इस पर गौतम और सत्यनारायण ने बाइक से आरोपियों का पीछा किया। बाइक कॉन्स्टेबल गौतम चला रहे थे और सत्यनारायण पीछे बैठे थे।

7.10 बजे: आरोपी पुलिस को चकमा देकर कस्बे में गायब हो गए

रियाज ने पुलिस से बचने के लिए भीम कस्बे में बाइक भगा दी। दोनों पुलिस की नजर से ओझल हो गए। एक टीम आरोपियों को कस्बे में ढूंढ रही थी और दूसरी तरफ एसआई गौतम चौबीसा अजमेर जाने वाला रास्ता ब्लॉक करने के लिए टीम के साथ हेडकॉन्स्टेबल निर्भय सिंह, कॉन्स्टेबल तेजपाल, शौकत, नरेंद्र, विकास और ड्राइवर शंकर के साथ जसा खेड़ा चले गए।

7.20 बजे: आरोपी बाइक पर कपड़े बदलने लगे

कॉन्स्टेबल गौतम पहाडिया और सत्यनारायण हाईवे पर आरोपियों की तलाश में थे। बाइक के पीछे बैठा गौस कपड़े बदल रहा था। चलती बाइक पर कपड़े बदलते देख कॉन्स्टेबल सत्यनारायण दोनों को पहचान गए। उन्होंने उनका पीछा किया तो गौस ने खंजर निकाल कर दोनों कॉन्स्टेबल को धमकाते हुए भाग जाने के लिए कहा।

7.25: आरोपियों को पकड़ने के लिए स्पोट्‌र्स बाइक ली

कॉन्स्टेबल गौतम और सत्यनारायण की बाइक धीमी रफ्तार से चल रही थी, वे आरोपियों को पकड़ नहीं पा रहे थे। इस पर आरोपियों को पकड़ने के लिए सत्यनारायण ने महादेव होटल मालिक से उनकी स्पोट्‌र्स बाइक ली। इस दौरान सत्यनारायण ने शौकत को फोन कर आरोपियों के उनकी तरफ आने की सूचना दी। सत्यनारायण और गौतम ने अपनी बाइक आरोपियों के पीछे रखी ताकि वो दुसरे रास्ते से भाग नहीं जाए।

7.30: टीम ने आरोपियों को पकड़ लिया

एसआई गौतम चौबीसा अपने साथ पुलिसकर्मियों के साथ आडा मोड पर नाकाबंदी कर आरोपियों का इंतजार कर रहे थे। रियाज और गौस को तेज रफ्तार में अपनी तरफ आता देख कॉन्स्टेबल तेजपाल हाथ में पत्थर लेकर आरोपियों के आगे खड़े हो गए। पुलिस के अचानक सामने आने पर रियाज की बाइक अनियंत्रित होकर नीचे गिर गई तभी पुलिस ने रियाज और गौस को पकड़ लिया।

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SI गौतम खुद टीम के साथ नाकाबंदी में डटे रहे

भीम थाने के सीआई गजेंद्र सिंह उस दिन छुट्टी पर थे। आरोपियों के आने की सूचना मिलते ही एसआई गौतम चौबीसा ने अलग-अलग टीमों को आरोपियों की तलाश में लगा दिया। गौतम खुद 6 कॉन्स्टेबल को लेकर हाईवे पर गए और जसा खेड़ा के पास नाकाबंदी की। सत्यनारायण की सूचना के बाद एसआई गौतम ने ही 6 कॉन्स्टेबल के साथ मिलकर आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद को पकड़ा था।

भीम थाना प्रभारी की भूमिका पर सवाल

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आतंकी को पकड़ने में 9 पुलिसकर्मी थे, लेकिन गेलेन्ट्री प्रमोशन के लिए सिर्फ 5 नाम ही भेजने से भीम SHO गजेन्द्र सिंह पर चहेते पुलसकर्मियों के नाम भेजने के आरोप हैं। नियमानुसार गेलेन्ट्री प्रमाेशन या अवार्ड के लिए जिला या राज्य स्तर से नाम मांगे जाते हैं। फिर सबसे पहले रोजनामचा व रिकॉर्ड के आधार पर थाना प्रभारी द्वारा ही नाम पुलिस उप अधीक्षक को भेजे जाते हैं, जहां से नाम की सूची जिला पुलिस अधीक्षक और वहां से आईजी तथा आईजी के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय जाते हैं, लेकिन भीम थाना प्रभारी गजेन्द्र सिंह ने मीडिया को बताया कि नाम उनके द्वारा नहीं भेजे गए हैं। नाम की सूची उच्चाधिकारियों द्वारा सरकार को भेजी जाती है। यह बताया गया है। इससे थाना प्रभारी की भूमिका सवालों के घेरे में है।

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एसपी बोले अब भेजेंगे अपडेट सूची

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राजसमंद जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि पहले सभी जाबांज जवानों की सूची सरकार को नहीं भेज पाए थे। उस समय भीम में तनाव के हालात उपन्न हो गए थे। मौके पर 9 पुलिसकर्मी थे। इसके अलावा भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर पुलिस जवानों के साथ ग्रामवासियों का भी अहम रोल रहा, जो वाकई तारीफ के काबिल है। अब अपडेट सूची सरकार को भेजी जाएगी।