Vasundhara Raje : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former CM Vasundhara Raje) को माला पहनाने के लिए मंच पर पहुंचे भारतीय जन संघ व बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Katariya) ने धक्का देकर मंच से नीचे उतार दिया। लंबे समय बाद वसुंधरा व कटारिया एक मंच पर साथ दिखे, लेकिन अजीब वाकया घटित हो गया, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल एक वृद्धजन वसुंधरा का सम्मान करने के लिए मंच पर चढ़ गया, तो गुलाबचंद कटारिया ने धक्कार मारकर नीचे उतार दिया। कटारिया के इस व्यवहार का संघ कार्यकर्ता ने विरोध किया और हल्की बहस व तकरार भी हुई। सोशल मीडिया पर वीडियाे खूब वायरल हो रहा है।
Udaipur Updates : उदयपुर में सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 23 जून सुबह विशिष्ट जन सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व असम राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया एक ही मंच पर दिखे। उसी वक्त एक अजीब घटना घटित हो गई, जिसमें उदयपुर के जन संघ व बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता विजय लाल सुहालका कार्यक्रम में ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का सम्मान करने के लिए माला लेकर मंच पर चढ़ गए। इस पर गुलाब चंद कटारिया ने उन्हें मंच पर धक्का दे दिया। इस पर कटारिया के ऐसे व्यवहार का सुहालका ने विरोध किया और कुछ बहसबाजी भी हुई, मगर तब तक पुलिस व सुरक्षाकर्मी पहुंच गए। कटारिया के खड़े होने व वृद्ध को धक्का देकर मंच से उतारने के दौरान एकाकए कार्यक्रम का माहौल भी बदल गया। कार्यक्रम संचालक भी हैरान रह गया और चुप्पी साधे खड़ा हो गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्पष्ट तौर पर दिख रहा है कि राज्यपाल कटारिया द्वारा कार्यकर्ता को किस तरह से धक्का दे रहे हैं। बाद सुरक्षा कर्मियों को उन्हें मंच से नीचे उतारने को बोला। सुरक्षा कर्मियों ने सुहालका को जबरन मंच से नीचे उतार दिया था। यह सारा घटनाक्रम वीडियो में कैद हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
Gulab Chand Katariya : मंच के ऊपर व नीचे हर कोई दिखा असहज
Gulab Chand Katariya : उदयपुर में वसुंधरा राजे का स्वागत करने के लिए फूल की माला लेकर जब वृद्ध कार्यकर्ता मंच पर पहुंचा, तो राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने धक्का देकर नीचे उतार दिया। इस घटनाक्रम के बाद मंच पर मौजूद अतिथियों के साथ मंच के नीचे बैठे लोग भी असहज दिखाई दिए। हाथों फूलों की माला और छड़ी के सहारे चलते कार्यकर्ता को कई लोगों ने समझाया। कटारिया के इस व्यवहार को लेकर वृद्ध कार्यकर्ता विजय लाल सुहालका काफी नाराज दिखाई दिए। इस दौरान सुहालका ने कुछ देर कटारिया से बहस भी की।
Vasundhara बोली- आज वही अंगुली काट रहे, जिसे चलना सिखाया
Vasundhara Raje ने कहा कि आज लोग उसी की अंगुली काटने का प्रयास करते हैं, जिसे पकड़कर वो चलना सीखते हैं। वक्त वक्त की बात है। राजे ने कहा कि भंडारी जी ने राजस्थान में भैरों सिंह जी सहित कितने ही नेताओं को आगे बढ़ाया, पर वफा का वह दौर अलग था। तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे, लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं, जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं। भंडारी जी झूठ नहीं बोलते थे। आपातकाल में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने उनसे नाम पूछा। उन्होंने सच बता दिया और गिरफ्तार हो गए। वसुंधरा राजे ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया ने चुन चुनकर लोगों भारतीय जनता पार्टी के साथ जोड़ा है। ऐसे में सभी लोग उनके लिए तालियां बजाएं। पूर्व सीएम ने कहा कि गुलाबचंद जी का आना-जाना, बैठना और मिलना हमने सब देखा है।
Rajasthan Politics : वसुंधरा- कटारिया के एक मंच पर मौजूदगी पर चर्चा
Rajasthan Politics : लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पहले दौरे पर मेवाड़ पहुंचीं। यहां उन्होंने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के साथ मंच साझा किया। दरअसल सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा उदयपुर में विशिष्ट जन सम्मान समारोह व व्याख्यान माला कार्यक्रम रखा था। इसमें दोनों एक ही मंच पर मौजूद रहे। वसुंधरा ने कटारिया की तारीफ भी की। जो भी काफी चर्चा का विषय रहा और वसुंधरा का स्वागत करने आ रहे संघ कार्यकर्ता को कटारिया द्वारा नीचे उतारना भी चर्चा का विषय रहा।
मंत्री Babulal Kharadi बोले- टिकट कटने पर कैसे-कैसे जतन करते
जनजाति मंत्री Babulal Kharadi ने कहा कि भंडारीजी बहुत कठोर थे, अनुशासित थे, लेकिन अंदर से कोमल थे। हमें उनके जीवन का अनुसरण करना चाहिए और सबको सीखे लेने की जरूरत है। आज हमारे में से किसी का टिकट कटता है तो कैसे-कैसे जतन करते हैं। भंडारीजी ने सांसद का टिकट लेने से मना कर दिया था। वे संगठन को मजबूत करने में लगे रहे। खराड़ी ने उनके आदर्श जीवन को आत्मसात करने की बात कही।
Udaipur today news : कार्यक्रम में इनका हुआ था सम्मान
- अजमेर से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी
- जोधपुर से राजेंद्र गहलोत
- उदयपुर से संतोष गोधा
- बीकानेर से सत्य प्रकाश आचार्य
- अलवर से उमाशंकर
- झुंझुनू से दीनानाथ
- बाड़मेर से वासुदेव प्रजापत
- कोटा से राधेश्याम शर्मा
- उदयपुर से योगेंद्र सिसोदिया
- उदयपुर से ही हेमेंद्र कुमार श्रीमाली
- सलूंबर से वेणीराम सुथार
- कोटा से मनीषा आठले
- जयपुर से रमाकांत शर्मा
- अजमेर से मधुर मोहन रंगा
- उदयपुर से सोभाग नाहर
- अलवर से ज्ञानदेव आहूजा
- जयपुर से प्रहलाद सिंह अवाना