9 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में सरपंच कोमा में चला गया। अब उसे इंश्योरेंस कंपनी डेढ़ करोड़ रुपए देगी। ये फैसला शुक्रवार को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण डीडवाना ने सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में HDFC इंश्योरेंस कंपनी को 1 करोड़ 55 लाख 81 हजार 279 रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। जीवित व्यक्ति के मामले में संभवतया: राजस्थान में इतनी बड़ी राशि का अवार्ड पहली बार दिया गया है। इससे पहले इंश्योरेंस कंपनी ने ये डॉक्यूमेंट नहीं होने की बात कहकर क्लेम देने से मना कर दिया था।
एडवोकेट अशोक ने बताया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण डीडवाना में पीड़ित गणेशाराम की पत्नी सुमन ने 2014 में एक क्लेम याचिका प्रस्तुत कर बताया था कि 9 साल पहले उसके पति डाबड़ा सरपंच गणेशाराम व राजपाल अल्टो कार में मौलासर से दीवाना आ रहे थे। तभी वहां आगे चल रही एक बोरवेल मशीन ट्रक ड्राइवर ने स्पीड में लापरवाही से उनकी कार को टक्कर मार दी। हादसे के बाद गणेशाराम कोमा में चले गए और आज तक कोमा में ही है। याचिका में 2 करोड़ 75 लाख 44 हजार 653 रुपए क्लेम अवार्ड पास करने की मांग की गई थी।
परिवार की ओर से HDFC इंश्योरेंस कम्पनी में क्लेम के लिए दावा किया था। लेकिन कंपनी ने यह कहते हुए क्लेम देने से मना कर दिया था कि बोरवेल मशीन ड्राइवर के पास लाइसेंस, परमिट, फिटनेस और दूसरे डॉक्यूमेंट नहीं थे। इसके चलते पॉलिसी का वायलेशन हुआ। वहीं कोर्ट में चली सुनवाई में ये साबित हो गया कि हादसा ट्रक ड्राइवर की लापरवाही से ही हुआ। जांच अधिकारी की जांच में भी ये स्पष्ट हुआ कि हादसे के समय चालक के पास लाइसेंस था। मालिक के पास भी रजिस्ट्रेशन संबंधी डॉक्यूमेंट थे। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण डीडवाना जज डॉक्टर सरिता स्वामी ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद इंश्योरेंस कंपनी पर 1 करोड़ 55 लाख 81 हजार 279 रुपये के क्लेम चुकाने का फैसला सुनाया है। वहीं इंश्योरेंस कंपनी को इस क्लेम राशि पर 6 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा।