दरिन्दगी की हदें पार करने व कानून को खुली चुनौती देने वाली यह खौफनाक कहानी कोटपुतली जिले के नौकड़िया ढाणी, नारायणपुर पावटा निवासी राजेन्द्र यादव की। उसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। इसने 24 साल की युवती से पहले तो बलात्कार किया, फिर केस वापस उठाने का दबाव डालता रहा। पीड़िता ने पुलिस से सुरक्षा मांगी, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। आखिर अपने साथी के साथ मिलकर दरिन्दे ने 24 फरवरी की रात पीड़िता व उसके भाई पर सरेराह हमला कर दिया। भीड़ देखती रही, दरिन्दा कुल्हाड़ी से वार करता रहा। उसका शरीर 20 जगह से कट गया। दरिन्दे ने गोली भी मारी, जो पीड़िता की रीढ़ में जा धंसी। गंभीर हालत में एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसका उपचार जारी है।
युवती के 20 वर्षीय भाई ने मीडिया को बताया, मेरी बहन ने 17 जून 2023 को प्रागपुरा थाने में आरोपी राजेन्द्र यादव पुत्र जगदीश प्रसाद के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया था। लेकिन उसे पुलिस का कोई खौफ नहीं था। दूसरे ही दिन राजेंद्र ने मेरी बहन से सरेआम अभद्रता की, जान से मारने की धमकी दी। अपने रसूख के दम पर हम दोनों बहन-भाई को निजी कंपनी में नौकरी से हटवा दिया। बाद में पुलिस ने कार्रवाई कर राजेंद्र को जेल भेज दिया। घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण हम भाई-बहन ने जैसे-तैसे दूसरी कंपनी में नौकरी शुरू की, लेकिन 2 माह की जेल काटने के बाद 22 नवंबर 2023 को राजेंद्र बाहर आया तो वापस मेरी बहन के पीछे पड़ गया। बहन नौकरी के लिए बस से जा रही थी तो बाइक से पीछा करता हुआ दूसरे कस्बे तक पहुंच गया। उस कस्बे में बस से उतर कर बहन पैदल जा रही थी तो राजेंद्र से ने अभद्रता की। शाम को ऑफिस से वापस बस पकड़ने आ रही थी, तब भी बाइक से पीछा किया। धमकाया कि अभी तो तेरा सिर्फ दुष्कर्म किया है, केस वापस नहीं लेगी, तो बहुत कुछ कर सकता हूं। वहां से बस का पीछा करते हुए वह हमारे कस्बे के बस स्टैंड तक पहुंच गया। अगले ही दिन यानी 23 नंवबर 2023 को इसकी प्रागपुरा थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस से गुहार भी लगाई कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, नौकरी पर आते-जाते समय आरोपी राजेंद्र यादव पीड़िता को क्षति पहुंचा सकता है, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की और आरोपी रिपोर्ट वापस लेने के लिए धमकाता रहा।
हमले के वक्त भीड़ देखती रही, बचाने कोई नहीं आया
पीड़िता के चश्मदीद भाई ने बताया, शाम 7 बजे बहन नौकरी कर दूसरे कस्बे से लौटी थी। मैं उसे लेने बस स्टैंड गया। स्कूटर से घर लौट रहे थे तब थाने से केवल 20 मीटर दूर मैन दिल्ली हाईवे पर आरोपी व उसके दोस्त ने पीछे से धक्का मारकर हमें गिरा दिया। एक आरोपी ने मेरे पैरों पर सरिए से मारा, दूसरे ने धारदार हथियार से बहन के सिर पर वार कर दिया। मैं बहन को बचाने दौड़ा लेकिन हमलावर तड़ातड़ वार करता रहा। बहन के सिर, हाथ, पैर सहित करीब 20 जगह गहरे घाव लगे हैं। बहन गिर पड़ी तो उसे गोली भी मारी। हम दोनों बहन-भाई ‘बचाओ- बचाओ’ चिल्लाते रहे लेकिन 150-200 की भीड़ के बावजूद कोई बचाने नहीं आया। हमलावर पिस्तौल व धारदार हथियार लहराते हुए थाने के सामने से भाग गए। थाना केवल 20 मीटर दूर होने के बावजदू पुलिस 10 मिनट बाद आई। पुलिस ने निजी जीप में दोनों को अस्पताल पहुंचाचया, जहां से पीड़िता को एसएमएस अस्पताल रैफर कर दिया गया। उसकी हालत गंभीर बताई गई है।
पुलिस पर सवाल, कानून को चुनौती
आरोपी राजेन्द्र यादव की दरिंदगी को लेकर पीड़िता ने थाने में शिकायत की। फिर भी न तो पीड़िता को ठीक से सुना गया और न ही उसे पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई। आरोपी जबरन पीड़िता पर दबाव बना रहा था कि उसके खिलाफ दर्ज करवाई दुष्कर्म की रिपोर्ट वापस लें, वरना अंजाम बुरा होगा। इसके तहत ही आरोपी फिर पीड़िता पर हमला, जिसमें 20 वार कुल्हाड़ी से किए और गोली मारकर बदमाश फरार हो गया। इससे पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, तो कानून को भी आरोपी ने मखौल बनाकर रख दिया है।