राजसमंद जिले के नाथद्वारा उपखंड मुख्यालय स्थित पुष्टिमार्गीय सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में 5 साल में तीन बार श्रीजी के दर्शन में डोल तिबारी से छवि के ठीक सामने से लिया वीडियो वायरल हुए, लेकिन एक बार भी पुलिस और मंदिर के 158 सुरक्षाकर्मी तलाश नहीं कर पाए है। हाल ही में श्रीनाथजी मंदिर की डोल तिबारी से ठाकुरजी की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो करीब तीन दिन से वायरल हो रहा हैं। इसके बावजूद मंदिर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया । मंदिर में मोबाइल या कैमरा लेकर प्रवेश वर्जित हैं। प्रवेशद्वारों पर मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरों के साथ मंदिर मंडल के 158 गार्ड, पुलिस थाने के 5 जवान भी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं। इसके बावजूद मंदिर के अंदर से वीडियो बनाकर वायरल किया। वीडियो वायरल होने के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग रहा है, हालांकि फोटो किसने लिया, किसने वायरल किया है, इस संबंध में जांच की जा रहा हैं।
इधर, हरकत में आए मंदिर पुलिस प्रशासन ने मंदिर में प्रवेश तथा निकास द्वारों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है, लेकिन मेटल डिटेक्टर तथा डोर मेटल डिटेक्टर बंद पड़े व जवान के पास हैंड मेटल डिटेक्टर तक नहीं। ऐसे सुरक्षा कैसे होगी। वायरल वीडियो आरती झांकी का 23 जनवरी को डोल तिबारी से श्रीजी की छवि के ठीक सामने से लिया हैं। इसमें मंदिर के झापटिया व टाइगर फोर्स के कर्मचारी दिख रहे हैं। यह दृश्य तब बनता है जब वीवीआईपी और मनोरथियों को दर्शन करवाए जाते हैं। हालांकि आम दर्शनार्थी भी इस दौरान भेंट लाइन लगकर दर्शन का लाभ ले सकते हैं, लेकिन इस दौरान निज गृह में ज्यादातर श्रद्धालु वीवीआईपी या मनोरथी ही रहते हैं। मंदिर में प्रतिदिन करीब 5 हजार श्रद्धालुओं में प्रतिदिन 100 से ज्यादा वीआईपी होते हैं। जानकारों ने मानना है कि वायरल वीडियो में इस बार वीडियो बनाने में मोबाइल का उपयोग नहीं हुआ। वीडियो को स्पाई कैमरे की मदद से बनाया हैं। हो सकता यह वीडियो चश्मा कैमरा या बटन कैमरे से बनाया गया हो।
आम वैष्णवों की जांच होती, वीआईपी ले जाते हैं मोबाइल
श्रीनाथजी मंदिर में वीआईपी दर्शन करवाने के लिए गाइड द्वारा दर्शनार्थियों के मोबाइल को मोबाइल स्टैंड पर रखने के बजाया खुद ही अपनी जेब में रख कर दर्शन करवाते हैं। पूर्व में भी फोटो वीडियो वायरल हो चुके हैं। मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन कोई खुलासा नहीं हुआ। 30 सितंबर को उदयपुर से एसआई ग्रेड के अधिकारी के साथ ईआरटी कमांडो मंदिर में गए थे। जिन्होंने श्रीनाथजी की प्रतिमा और मंदिर का वीडियो कमांडो ने कब बना लिया, इसका पता नहीं चला। सोशल मीडिया पर विश्नोई श्रवण की इंस्टाग्राम आईडी से एक 54 सेकेंड का वीडियो दिखा, जिसमें भगवान श्रीनाथजी के मंदिर के अंदर का परिसर दिख रहा है। कमांडो दर्शन करते दिखे। 5 वर्ष पूर्व भी श्रीनाथजी मंदिर में ठाकुरजी के राजभोग झांकी के दर्शन के डोल तिबारी से छवि के ठीक सामने से लिया वीडियो लेकर वायरल किया था। जिसको लेकर स्थानीय निवासी संजय गुर्जर ने पुलिस में परिवाद भी दर्ज करवाया, लेकिन उसका भी पता लग पाया हैं।
158 सुरक्षाकर्मी रहते है तैनात
मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था श्रीनाथ गार्ड बैंडमेल सहित पन्नाधाय एजेंसी के 45 होमगार्ड, टाइगर फोर्स के 70 जवान, सेना के 22 रिटायर्ड जवान, मंदिर के बाहर एमबीसी के 15 जवान लगा रखे हैं। मंदिर के अंदर व बाहर 106 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। मंदिर में मोती महल चौक में दो, महाप्रभु जी की बैठक, रतन चौक में दो-दो, कीर्तनिया गली, कमल चौक, गोवर्धन पूजा चौक में दो, नक्कारखाना के बाहर, प्रितमपोली, समाधान, कृष्ण भंडार, वीआईपी गेट, खर्च भंडार, लालन का चबूतरा, प्रसादी भंडार में दो, अनार चौक में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। प्रतिदिन रिकॉर्डिंग चेक करने की व्यवस्था हैं। दर्शन के समय व्यवस्थित दर्शन के लिए गार्ड तथा पुलिस के जवानों की संख्या बढ़ाई जाती हैं। चारों तरफ घूमते हुए रिकॉर्डिंग वाले चार पीटी जेड कैमरे भी हैं। तीन गेट पर मेटल डिटेक्टर तथा डोर मेटल डिटेक्टर हैंड मेटल डिटेक्टर भी हैं। मंदिर में मोबाइल से फोटो या वीडियो लेना या वायरल करना मर्यादा का उल्लंघन हैं।
सीईओ बोले जांच शुरू कर दी
तीनों प्रवेश द्वार पर मोबाइल जांच लिए जवान रहते हैं। अब व्यवस्था सख्त कर दी गई हैं। वीडियो बनाने वाले का पता लगाने के लिए जानकारी कर रहे हैं। सुरक्षा से ज्यादा यह धार्मिक भावना तथा आस्था सवाल हैं। जिसको लेकर जांच जारी हैं।
कैलाश चंद्र शर्मा सीईओ, श्रीनाथजी मंदिर मंडल नाथद्वारा