राजस्थान में एक डेढ़ वर्ष के लंबे अन्तर्कलह के बाद अब सचिन पायलट व उनके समर्थकों को कांगे्रस सरकार में जगह मिलने की उम्मीद जगी है। अगले तीन चार दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रीमंडल में बड़ा बदलाव होगा, जिसमें कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी होने की भी आशंका है। इस बीच कांगे्रस के प्रदेशाध्यक्ष एवं शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा का भी एक वीडिया वायरल हो रहा है, जिसमें डोटासरा बोल रहे हैं कि जो करवाना है, करवा लो, एक दो दिन का मेहमान हूं। सचिन समर्थक एक दर्जन विधायक मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं, जबकि गहलोत समर्थक कुछ मंत्रियों के मंत्रीमंडल से बाहर होने की चर्चा आम है।

24 जुलाई को अजमेर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली से डोटासरा कह रहे हैं- मुझसे जो कराना है करा लीजिए, मैं दो-पांच दिन का मेहमान हूं। डोटासरा के इस बयान को उनके मंत्री पद से हटने और केवल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहने से ही जोड़कर देखा जा रहा है। शिक्षा मंत्री डोटासरा 24 जुलाई को अजमेर के राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट जारी करने के लिए आए थे। रिजल्ट जारी करने के बाद डोटासरा बोर्ड अधिकारियों के साथ नाश्ता ले रहे थे, इस दौरान मीडिया के कैमरे चालू थे। इसी दौरान बोर्ड अध्यक्ष ने किसी फाइल को लेकर डोटासरा से जिक्र किया। उसी के जवाब में डोटासरा ने दो-पांच दिन के मेहमान होने की बात कही।

रिजल्ट जारी करने के बाद के इस वीडियो में डोटासरा बोल रहे हैं- मेरे पास एक घंटे फाइल नहीं रुकेगी, आप सोमवार को आ जाओ। एक मिनट नहीं लगाऊंगा। मैं दो-पांच दिन का ही मेहमान हूं। मुझसे जो कराना है करा लो। इसके बाद बोर्ड अध्यक्ष डी. पी. जारोली ने हाथ जोड़कर कहा कि मैं आता हूं सर। यह बातचीत बोर्ड की किसी फाइल के बारे में हो रही थी जो मंत्री डोटासरा के पास पेंडिंग थी। बताया जाता है कि बोर्ड अध्यक्ष रीट परीक्षा, प्राइवेट स्टूडेंट की परीक्षाएं व सप्लीमेंट्री परीक्षा को लेकर बात कर रहे थे, संभव है फाइल भी इन्हीं मामलों की पेंडिंग हो।

कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद फार्मूले के संकेत

पिछले साल बगावत पर सचिन पायलट को बर्खास्त करने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा को शिक्षा मंत्री के साथ प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी, तब से उनके मंत्री पद से हटने की चर्चाएं चल रही हैं। साल भर से मंत्रिमंडल फेरदबल अटका हुआ है, इसलिए डोटासरा सत्ता और संगठन के दोनों पदों पर हैं। अब एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले पर काम आगे बढ़ सकता है। हालांकि महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बाला साहेब थोराट भी मंत्री हैं, लेकिन राजस्थान के सियासी हालात को देख डोटासरा को संगठन के पद पर ही रखने की रणनीति है।

संगठन में नंबर वन मंत्रिपरिषद में 12वें नंबर पर, इसलिए प्रदेशाध्यक्ष का प्रोटोकॉल भी टूट रहा

गोविंद सिंह डोटासरा को राज्य मंत्री रहते हुए ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। डोटासरा प्रदेशाध्यक्ष होते हुए भी कैबिनेट में जूनियर हैं, उन्हें कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया, उनसे सीनियर मुख्यमंत्री के अलावा 10 मंत्री और हैं। जानकारों के मुताबिक प्रदेशाध्यक्ष होने के बावजूद डोटासरा 10 मंत्रियों से जूनियर हैं और इसका असर कैबिनेट की बैठक से लेकर सरकार की कमेटियों तक साफ दिखता है। किसी भी बैठक में उनका बतौर सदस्य शामिल होने जाना प्रदेशाध्यक्ष के सियासी प्रोटोकॉल के खिलाफ होता है, लेकिन उन्हें साल भर से ऐसा करना पड़ रहा है। मंत्रिमंडल फेरबदल में डोटासरा ने अब खुद हटने के संकेत देकर नई चर्चा छेड़ दी है।