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Villagers Protest : 7वीं छात्रों को पढ़ना नहीं आता, शिक्षकों को हटाने के लिए स्कूल पर जड़ा ताला

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शंभूलाल तंवर @ देलवाड़ा, राजसमंद

Villagers Protest : राजसमंद जिले के देलवाड़ा ब्लॉक में कालीवास पंचायत के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल बरवालिया के मुख्य द्वार पर बुधवार सुबह ग्रामीणों ने ताला जड़ दिया और शिक्षा विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्कूल में कार्यरत दोनों शिक्षकों द्वारा पढ़ाई नहीं कराने के आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग उठाई। ग्रामीणों का कहना है कि दो साल से लगातार शिक्षा विभाग को लिखित व मौखिक तौर पर कई बार शिकायत के बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए ग्रामीणों को मजबूरन स्कूल पर ताला जड़ना पड़ा है। ऐसे शिक्षकों से तो गांव में स्कूल न हो, वह भी बेस्ट है। सरकार से हजारों रुपए का वेतन उठाने के बावजूद ये शिक्षक पढ़ाई नहीं करवाते, जिसकी वजह से कक्षा 5 व छह में पढ़ने वाले छात्रों को किताब पढ़ना तक नहीं आता। इसके चलते सरकार के लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद बरवालिया गांव में स्कूल होने का कोई मतलब नहीं रह गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसे लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ पिछले तीन साल से लगातार शिकायतें करने के बावजूद शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। क्यों उनके बच्चों के भविष्य को बिगाड़ने पर शिक्षा विभाग अड़ा हुआ है।

आप देख सकते हैं कि बरवालिया स्कूल में शैक्षिक गुणवत्ता दांव पर लगने के बाद आक्रोशित ग्रामीण दो शिक्षकों के खिलाफ सड़क पर उतर आए। सभी ग्रामवासी इसी बात पर अड़े है कि अब तत्काल कार्रवाई चाहिए। जब तक इन शिक्षकों को नहीं हटाएंगे, तब तक ग्रामवासी स्कूल के ताले नहीं खोलेंगे और न ही अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे। इस घटना से न सिर्फ गिरते शैक्षिक गुणवत्ता की पोल खोल दी, बल्कि शिक्षा विभाग की पोलपट्‌टी भी खुलकर सामने आ गई है। सभी शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है।

Rajsamand News : छात्रों को नाम लिखना नहीं आता

बरवालिया एसएमसी पूर्व अध्यक्ष भोपाल सिंह परमार व वार्डपंच भंवरसिंह ने बताया कि बरवालिया स्कूल में शिक्षक हेमंत श्रीमाली व नर्मदा बुनकर द्वारा छात्रों को पढ़ाया ही नहीं जाता है, जिसकी वजह से कक्षा पांचवीं, छठीं व आठवीं तक के छात्रों को भी किताब पढ़ना नहीं आता। अगर यह हालात है, तो हर कोई अंदाज लगा सकते हैं कि पढ़ाई की स्थिति कैसी है। खास बात यह है कि पिछले 3 साल से पढ़ाई नहीं होने को लेकर दोनों शिक्षकों की कई बार शिकायतें कर दी, मगर शिक्षा अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे पूरे शिक्षा महकमे की भूमिका पर ही सवाल उठाए। ग्रामवासी बोले कि स्कूल में छात्रों को नाम लिखना तक नहीं आता। फिर कैसे पढ़ाई हो रही है। दोनों शिक्षक दिनभर एक दूजे की सेल्फी लेते रहते हैं और छात्रों को पढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं देते हैं।

70 छात्रों का नामांकन, शैक्षिक गुणवत्ता पर सवाल

locking school in rajsamand : राजकीय उच्च प्राथमिक स्कल बरवालिया में 70 छात्र छात्राओं का नामांकन है। स्कूल में शिक्षक हेमंत श्रीमाली व नर्मदा बुनकर कार्यरत है, मगर वे नियमित न तो छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान देते हैं और न ही बच्चे पढ़ना लिखना सीख रहे हैं। पहली से आठवीं तक हर कक्षा में बिना पढ़ना लिखना सीखे ही छात्र छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बरवालिया स्कूल में उनके बच्चे पढ़कर भी अनपढ़ रह गए हैं, जिसका जिम्मेदार कौन है। आखिर ऐसे हालात होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा इन लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। गांव के भोपालसिंह, भंवरसिंह सहित ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक दोनों शिक्षकों को बरवालिया से नही हटाया जाएगा, तब तक वे स्कूल के ताले नहीं खोलने देंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले तीन साल से लगातार शिकायतें करने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाई जा रही है। ग्रामीणों द्वारा शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है और स्कूल के द्वार पर ताला जड़ दिया, जहां बड़ी तादाद में छात्र, महिलाएं व ग्रामवासी मौजूद है।

शिक्षकों को हटाने की मांग पर अड़े ग्रामीण, प्रदर्शन जारी

Protest villagers : बरवालिया स्कूल में ग्रामीणों द्वारा तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन करने पर कालीवास से पंचायत मुख्य शिक्षा अधिकारी लीला चौहान मौके पर पहुंच गई और ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने पंचायत शिक्षा अधिकारी को घेरकर कहा कि दोनों लापरवाही शिक्षकों की लगातार शिकायत कर रहे हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। आज स्कूल में 70 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है, लेकिन ज्यादातर छात्रों को पढ़ना ही नहीं आता, तो फिर दोनों शिक्षक हेमंत श्रीमाली व नर्मदा बुनकर द्वारा क्या पढ़ाया जा रहा है।

पीईईओ पहुंची मौके पर, ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास

इधर पंचायत मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी लीला चौहान ने बताया कि बरवालिया स्कूल में दोनों शिक्षकों की ग्रामीणों ने पहले भी शिकायत की, जिसको लेकर मैंने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया था। अब उनके विरुद्ध जो भी कार्रवाई होनी है, वह तो विभाग स्तर का मामला है। फिलहाल मौके पर आक्रोशित ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही भौतिक हालात से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया है।

Rajsamand Police : शिक्षकों को डराने व धमकाने के भी आरोप

Rajsamand Police : बरवालिया स्कूल के पूर्व एसएमसी अध्यक्ष भोपालसिंह का आरोप है कि स्कूल की शैक्षिक गुणवत्ता गिरने व नियमित पढ़ाई नहीं होने पर ग्रामवासियों ने आपत्ति जताई। इस पर शिक्षिका बुनकर द्वारा उनके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी। साथ ही जूते मारने की बात भी कही। इस पर जो भी पढ़ाई की शिकायत लेकर स्कूल जाता है, तो दोनों शिक्षक लड़ाई झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। इसलिए दोनों ही शिक्षक उनके गांव में नहीं चाहिए।

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