शंभूराज तंवर @ देलवाड़ा
राजसमंद में हाइवे आठ पर नेगडिय़ा, मांडावाड़ा टोल प्लाजा पर 50 रुपए में मासिक पास बनाने की व्यवस्था को बंद करने के बाद देलवाड़ा क्षेत्र के लोग उग्र हो गए। देलवाड़ा उप प्रधान रामेश्वरलाल खटीक के नेतृत्व में ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे, जहां टोल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही देलवाड़ा तहसील क्षेत्र की सभी पंचायतों के गांवों के लोगों के लिए टोल फ्री व्यवस्था करने की मांग की। करीब दस से पन्द्रह मिनट तक टोल कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की। उसके बाद टोल फ्री करने की मांग को लेकर केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी के नाम तहसीलदार हुकम कंवर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि अगर 7 दिन में टोल फ्री नहीं हुआ, तो क्षेत्रीय ग्रामवासी फिर एकत्रित होंगे और उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान उप सरपंच प्रदीप पालीवाल सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
पहले 50 रुपए मासिक पास
नेगडिय़ा, मांडावाड़ा टोल प्लाजा पर पहले 50 रुपए मासिक पास की सुविधा थी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के ऑनलाइन टोल वसूली की व्यवस्था लागू होने के बाद 50 रुपए पास की व्यवस्था खत्म हो गई। इसको लेकर राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री से मुलाकात करते हए इस समस्या से अवगत भी कराया, मगर ऑनलाइन व्यवस्था होने से अब एक जगह परिवर्तन में दिक्कत होना बताया। फिर भी यह मुद्दा केन्द्र में विचाराधीन है।
तीन गांवों के व्यवसायिक वाहन भी टोल फ्री हो
देलवाड़ा उप प्रधान रामेश्वरलाल खटीक ने बताया कि नेगडिय़ा, देलवाड़ा व बिलोता क्षेत्र के व्यवसायिक वाहनों को भी टोल मुक्त किया जाए। क्योंकि तीनों ग्राम पंचायतों के वाहनों की तीनों गांवों में कई बार आवाजाही होती है। ऐसे में बार बार टोल चुकाना पड़ रहा है। इसलिए तीनों गांवों के व्यवसायिक वाहनों को टोल मुक्त किया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को राहत मिल सकें।