गांव की 116 बीघा चरागाह जमीन बंजर कर डाली, लाखों के पेड़ पौधे और नरेगा के तहत हुए कार्य भी ध्वस्त करते हुए चौतरफा जमीन कब्जा ली। कतिपय लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर ग्रामवासी पंचायत से लेकर प्रशासन, केलवा थाने से लेकर एसडीएम तक पहुंचे, मगर एक साल बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित पूरा गांव एकजुट होकर जिला कलक्ट्री के द्वार पर धरने पर बैठ गया। आखिर ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रतिनिधि मंडल को जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने बुलाया। फिर कलक्टर ने 10 दिन की समयावधि में पूरी जमीन अतिक्रमण मुक्त करने का आश्वासन दिया, तब तक ग्रामीण शांत हुए। हालांकि फिर भी ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 28 अक्टूबर तक प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं हुई, तो 29 अक्टूबर को फिर अनिश्चितकाल के लिए पूरा गांव ही जिला कलक्ट्री के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ जाएगा।

धांयला पंचायत के उम्मेदपुरा के ग्रामीण ट्रेक्टरों में भरकर सोमवार सुबह जिला कलक्ट्री पहुंच गए। सामाजिक कार्यकर्ता देवीलाल प्रजापत देवपुरा, उप सरपंच रमेश लोहार, मनोहरसिंह, बंशीलाल सेन, पूर्व वार्डपंच शिवसिंह, उदयलाल लोहार, मांगीलाल भील, रेखा वैष्णव, गोमसिंह, गंगा कुंवर सहित दर्जना ग्रामीण जिला कलक्ट्री पहुंच गए। ग्रामीणों का कहना था कि ग्राम पंचायत, पटवारी, तहसीलदार, केलवा थाना पुलिस के साथ प्रशासन भी मिला हुआ है, जो कतिपय दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। कतिपय लोगों की वजह से 116 चरागाह जमीन बर्बाद हो गई। ग्रामीणों की बार बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन द्वारा टालमटोल की प्रवृत्ति अपनाने को लेकर आक्रोशित ग्रामीण जिला कलक्ट्री के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए। ग्रामीण बोले कि कई बार प्रशासन को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कारवाई नहीं हो पाई। इस कारण अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलन्द होते जा रहे हैं। आखिर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल से मिला और कलक्टर ने 28 अक्टूबर तक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। फिर ग्रामीण जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी के पास पहुंचे, तो एसपी ने भी केलवा पुलिस को सहयोग के निर्देश दिए। इसके लिए कलक्ट्री में विशेष बैठक के दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन के आश्वासन पर एक बार धरने से उठने पर सहमति जताई, मगर चेतावनी भी दी कि अगर 28 अक्टूबर तक अतिक्रमण नहीं हटा और प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई, तो 29 अक्टूबर को फिर जिला कलक्ट्री के मुख्य द्वार पर अनिचितकाल के लिए धरने पर बैठ जाएंगे, जिसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार होगा।

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सेवा मंदिर ट्रस्ट ने रोपे पौधे किए ध्वस्त

बताया कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2018 में ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों ने एकमत होकर गांव की चारागाह भूमि पर पौधरोपण करने का निर्णय किया। इसके तहत व्यापक क्षेत्र में पौधरोपण के उद्देश्य से उम्मेदपुरा गांव स्थित 116 बीघा चारागाह भूमि आरक्षित करते हुए सेवा मंदिर ट्रस्ट उदयपुर को पौधरोपण का जिम्मा सौंपा गया। आरक्षित भूमि को सुरक्षित करने के लिहाज से पूरे परिसर पर चहारदिवारी का निर्माण कराया और फिर विभिन्न किस्मों के करीब छह हजार पौधे रोपे गए, जिनमें फलदारए छायादार एवं औषधीय पौधे शामिल है। इसके बावजूद कथित तौर पर मोहनसिंह और शम्भूसिंह द्वारा चारदीवारी का ध्वस्त करते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इसकी शिकायत के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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जिला कलक्टर के आदेश भी दरकिनार

बताया कि ग्रामवासी चार बार स्वयं जिला कलक्टर से मिलकर ज्ञापन दे चुके है। खास बात यह है कि ग्राम पंचायत एवं प्रशासन ग्रामीणों को आश्वासन देने के साथ अतिक्रमण हटाने की 7 बार तारीखें भी दे चुका है, लेकिन कार्रवाई कभी नहीं की गई। जिला कलक्टर के आदेश व आश्वास्त भी झूठा साबित हो गया। इसकी ग्रामीण संपर्क पोर्टल के तहत मुख्यमंत्री तक शिकायत भेज चुके हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। साथ ही केलवा थाना पुलिस पर भी बेवजह ग्रामीणों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए बताया कि कतिपय अतिक्रमियों को पुलिस द्वारा सहयोग किया जा रहा है और ग्रामीणों को बेवजह झूठे मामलों में फंसाने की पुलिस द्वारा धमकियां दी जा रही है।