स्वामी विवेकानंद जयंती पर राजसमंद शहर के साथ ही जिलेभर में अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए। खास तौर स्वामी विववेकानंद के जीवन प्रसंगों पर खास विचार विमर्श किया गया, ताकि उनके प्रेरक आदर्शों को अपनाया जा सकें। किस तरह उन्होंने युवाओं को हमेशा आगे बढ़ाने की बातें कहीं और पूरे देश में युवा उत्थान को लेकर उनकी बातों को आज गौर करने की जरूरत पड़ रही है। इसी को लेकर विभिन्न स्वयंसेवी संगठन हो या समाज अथवा सरकारी व गैर सरकारी संगठन, हर जगह उनके आदर्श को अपनाने की बाते हो रही है।
उपली ओडन में स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर निकली युवा रैली
राजसमंद जिले में नाथद्वारा के उपली ओडन गांव में श्रीनाथजी इंस्टीट्यूट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के छात्रों द्वारा स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर युवा रैली निकाली गई। राष्ट्रीय सेवा योजना और राष्ट्रीय कैडेट कोर के युवाओं द्वारा समारोह का आयोजन हुआ। प्राचार्या डॉ दीप्ति भार्गव द्वारा समारोह में स्वामी विवेकानन्द के जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हुए घटित घटनाओं का विद्यार्थी जीवन में किस प्रकार उपयोग करके अपने जीवन में सफलता को प्राप्त किया जा सकता है और एक विद्यार्थी को इनके जीवन से क्या सीख लेनी चाहिए, उसके बारें में बताया।
विद्यार्थियों द्वारा कार्यशला में स्वामी विवेकानन्द की जंयती पर रैली का आयोजन किया गया, जिसके उद्देश्य बाल विवाह, बालिका शिक्षा, सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत हेलमेट पहनने की उपयोगिता, समाज में व्याप्त कुरित्यो को लेकर रखा गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के द्वारा नारो के साथ रैली निकाली गई और ग्रामीणों को अवगत कराया गया कि इन कुरीतियो से समाज में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधो को भी कम किया जा सकता था। कार्यशाला के अन्त मे प्राचार्या द्वारा विद्यार्थियों को राष्ट्रीय युवा दिवस पर किए गए कार्यों की सराहना करते हुए किस प्रकार से समाज को विकसित किया जा सकता है, उस पर प्रकाश डाला। सभी संकाय सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे। रैली का संचालन डॉ. सौरभ कपूर या मनीष साहू द्वारा किया गया।
राजसमंद में अधिवक्ता परिषद की सामूहिक बैठक
राजसमंद शहर के जिला न्यायालय परिसर में स्थित एडवोकेट पंकज ङांगी के चैंबर 49 में अधिवक्ता परिषद की सामूहिक बैठक हुई। प्रारंभ में स्वामी विवेकानंद जयंती पर उन्हें याद किया गया। इस तरह अधिवक्ता परिषद ने युवा दिवस के रूप में कार्यक्रम की संयोजना की। जिसमें धनेंद्र मेहता, पंकज डांगी, ललित साहू, चंद्रशेखर आचार्य, भोपालसिंह राव, अनिल कुमावत, मोहित दशोरा, मनोज पालीवाल आदि सदस्य उपस्थित थे। मुख्य वक्ता एडवोकेट ललित साहू ने स्वामी विवेकानंदजी के जीवन के अनेक प्रसंग सुनाए। साथ ही बताया कि विवेकानंद पांच नाम की यात्रा करते हुए रुको सामना करो… जैसे अनेक विचारों के साथ उन्होंने अपने जीवन यात्रा को गतिमान किया और भारत का नाम गौरवान्वित किया। साथ ही सनातनी भावना को लेकर वे आगे बढ़ते रहे। रामकृष्णजी परमहंस के शिष्य के रूप में उन्होंने अपनी जीवन यात्रा को अंतिम पड़ाव तक पहुंचाया। साहू ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने का स्वप्न संजोकर वे वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ आगे बढ़े। इसलिए यह आज का जो दिन है, यह युवा दिवस के रूप में सार्थक रहा। साहू ने कहा कि सही मायने में जिनके विचार, मन और तंद्रा – युवा है, वह ही युवा हो सकता है। इस भावना के साथ कार्यक्रम को संपन्न किया गया।