इस वर्ष मौसम (Monsoon) की बेरूखी से फसलें भी चौपट हुई वहीं जिले के जलाशयों में भी पानी की आवक नहीं हुई। इस वर्ष जुलाई में मानसून तेजी से आगे बढ़ा लेकिन इस महीने मानसून ब्रेक कंडीशन बन जाने से मौसम की गति धीमी रही। फिर अगस्त माह में भी बारिश न के बरार हुई क्योंकि इस महीने मेंं मौसम की ट्रफ लाइन हिमालय की ओर जाने से बारिश नहीं हुई। कम बारिश होने से जिले के 23 जलाशय अब भी खाली पड़े है।
राजसमंद जिले में इस वर्ष औसत बारिश के मुकाबले 67 प्रतिशत बारिश ही हुई है। जिले में औसत 712 एमएम बारिश की जगह 483 एमएम बारिश हुई, नतीजा यह है कि जिले के 24 में से 23 तालाब खाली हैं। इससे इस साल जिले में पेयजल किल्लत रहेनी की संभावना है। कुंभलगढ़, चारभुजा में बारिश कम हाेने से चारभुजा स्थित राम दरबार भी नहीं छलका और गाेमती नदी नहीं आने से राजसमंद झील में इस बार पानी की आवक नहीं है।
वहीं बाघेरीनाका में 7 फीट पानी की आवक ताे हुई लेकिन ऑवरफ्लाे नहीं हाेने से नंदसमंद बांध भी खाली है। नंदसमंद बांध से निकलने वाली खारी नहर जाे राजसमंद झील में आती है और भराई फीडर नहर में पानी नहीं जाने से भराई व सांसेरा के साथ माताजी का खेड़ा तालाब भी खाली है।
जिला मुख्यालय सहित नाथद्वारा और देवगढ़ में सामान्य बारिश हुई। जिले में औसत बारिश के मुकाबले राजसमंद में 603 एमएम बारिश हुई, वहीं नाथद्वारा में 599 और देवगढ़ में 595 एमएम बारिश हुई है। भीम में 521 व आमेट में 445 एमएम बारिश हुई। साथ ही कुंभलगढ़ व रेलमगरा उपखंड क्षेत्र में सबसे कम बारिश हुई, जबकि सबसे ज्यादा इन्हीं स्थानाें पर बारिश हाेती है। कुंभलगढ़ व खमनाेर के पहाड़ी एरिया में बारिश हाेने से नदियां और जलाशयाें में पानी की आवक हाेती हैं। कुंभलगढ़ में जिले की सबसे कम बारिश 278 एमएम और रेलमगरा में 342 एमएम बारिश हुई।