कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव एवं बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए आरोग्य समिति जिला आयुर्वेद चिकित्सालय राजसमंद द्वारा जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में आयोजित शिविर में 300 बच्चों को सुवर्ण प्राशन ड्रॉप पिलाई गई।

आयुर्वेद विभाग के सहायक उप निदेशक डॉ. प्रद्युम्न राजोरा के निर्देशन में चिकित्सालय प्रभारी अधिकारी डॉ. परसराम योगी के नेतृत्व में सुबह 9 बजे विशेष शिविर शुरू हो गया। शिविर में अलग अलग काउंटर लगाए गए, जहां डॉ. योगी के साथ डॉ. अजय दाधीच व डॉ. विनोद सैनी द्वारा बच्चों का पंजीयन, उनकी नपती, वजन नाप के साथ स्वास्थ्य की जांच करते हुए उन्हें सुवर्णप्राशन ड्रॉप पिलाई गई। सुबह से जिस तरह दिन बढ़ता गया, उसी तरह बच्चों की तादाद भी बढ़ती गई। प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य की जांच, वजन व ऊंचाई की नपती करते हुए उन्हें खुराक दी गई। सुबह 9 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक चले शिविर में तीन सौ से ज्यादा बच्चों को खुराक दी गई। शिविर में नर्स सुफेदी कुमारी, कम्पाउंडर सुखराम, नर्स रूचिका आदि ने सेवाएं दी।

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बच्चों का बढ़ेगा स्टैमिना

डॉ. योगी ने बताया कि यह ड्रॉप बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के साथ उनका स्टैमिना और ग्रहण करने की शक्ति शार्पनेस को भी बढ़ाता है। 3 माह से 10 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को स्वर्ण प्राशन औषधि पिलाई जा रही है। इससे बच्चों में इम्युनिटी पावर यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा।

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अब अगला शिविर 8 अगस्त को

चिकित्सा प्रभारी डॉ. परसराम योगी ने बताया कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए सुवर्णप्राशन ड्रॉप पिलाई जा रही है। यह ड्रॉप बच्चों को प्रत्येक 15 दिन की समयावधि में पिलानी है। अब तीसरी खुराक के लिए अगला शिविर 8 अगस्त को आयोजित होगा।