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राजसमंद में अंतेष्टी से पहले गुप्तांग में खून से हत्या की शंका पर थाने ले जाने लगे शव, पुलिस ने रोका, समझाया

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राजसमंद जिले में देलवाड़ा कस्बे के खटीकवाड़ा में फंदे पर मिले महिला के शव को पोस्टमार्टम के बाद शव भूताला ले जाने के बाद दूसरे दिन अंतिम संस्कार से पहले गुप्तांग में खून व पीट पर चोट के निशान मिलने पर हत्या की आशंका जताते हुए पीहर पक्ष वापस शव लेकर देलवाड़ा अस्पताल पहुंच गए। फिर शव थाने ले जाने लगे, तो पुलिस ने रास्ते में बस को आड़ी खड़ी करते हुए ग्रामीणों को रोक दिया। साथ ही समझाइश करते हुए चिकित्सकों से शव की दोबारा जांच करवाई और पुलिस ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, तब ग्रामीण शांत हुए।

पुलिस के अनुसार देलवाड़ा के खटीकवाड़ा निवासी 25 वर्षीय गंगा पत्नी दिलीप खटीक ने कमरे में पंखे से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया कि उसकी शादी 26 जनवरी 2023 को ही हुई थी। पीहर पक्ष से भूताला निवासी पिता भूरीलाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने आत्महत्या का प्रकरण दर्ज कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था। बुधवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए शव को परिजन नहलाने लगे, तब गुप्तांग में खून और पीट में कुछ निशान मिले। इस पर हत्या की आशंका जताते हुए परिजन आक्रोशित हो गए और शव भूताला से लेकर वापस देलवाड़ा अस्पताल पहुंचे, जहां से शव को थाने लेकर रवाना हुए, तभी पुलिस ने रास्ते में बस को आड़ी खड़ी करके रोक दिया। करीब दो से तीन घंटे तक ग्रामीण व पुलिस आमने सामने रही और ग्रामीणों ने पुलिस के प्रति नाराजगी जताई। नारेबाजी के साथ ग्रामीणों ने आक्रोश भी जताया। बाद में पुलिस अधिकारियों ने सभी लोगों से गहन समझाइश की और पुलिस अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अगर कोई चोट है, तो उसका चिकित्सा विशेषज्ञों से परीक्षण करवाकर जांच में ले लेते हैं। इसके बाद चिकित्सा टीम को बुलाया और शव का परीक्षण किया गया। शव के गुप्तांग व अन्य अंगाें पर जो भी चोट के निशान थे, उसे सूचीबद्ध कर लिया। साथ ही शव का पोस्टमार्टम एक दिन पहले ही हो गया था। पुलिस द्वारा आश्वस्त किया कि अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी, तब उसी आधार पर पुलिस की जांच आगे बढ़ेगी और निष्पक्ष जांच की जाएगी, तब ग्रामीण शांत हुए।

दो थानों का पुलिस जाब्ता किया तैनात

देलवाड़ा में महिला गंगा के आत्महत्या की घटना के बाद पोस्टमार्टम कर शव पुलिस ने पीहर पक्ष को सौंप दिया था। बुधवार सुबह पीहर पक्ष द्वारा भूताला गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी, तभी परिजनों को शव के गुप्तांग में खून व पीट में कुछ निशान का पता चला। इस पर परिजन आक्रोशित हो गए और शव को वापस वाहन में रखकर देलवाड़ा पहुंच गए, जहां पर हालात बिगड़ने की आशंका पर खमनोर थाने से भी पुलिस जाब्ते को बुला लिया। दोनों थाने का पुलिस बल तैनात कर दिया। देलवाड़ा थाना प्रभारी रमेश मीणा के साथ खमनोर थाना प्रभारी भवानीशंकर द्वारा गहन समझाइश की गई। शव का दोबारा से चिकित्सकीय परीक्षण करवाया गया, जिसमें बताया कि पोस्टमार्टम के कारण गुप्तांग में टांके की वजह से खून आने और पीठ पर अस्पताल के बैड में सोने का निशान होना बताया गया। हालांकि ग्रामीणों द्वारा जो भी बताया गया, उसे पंजीबद्ध करते हुए पुलिस ने सभी पहलुओं से गहन जांच का आश्वासन दिया गया। तब ग्रामीण शांत हुए।

खून व पीठ पर निशान को बताया गलतफहमी

देलवाड़ा थाना प्रभारी रमेश मीणा ने मीडिया को बताया कि शव के गुप्तांग में खून व पीठ पर कुछ निशान मिलने पर परिजनों ने हत्या की शंका जताई और शव लेकर देलवाड़ा पहुंच गए। फिर शव का चिकित्सकों से परीक्षण कराया गया, तो पता चला कि पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों द्वारा परीक्षण करने की वजह से गुप्तांग में खून आना बताया, जबकि पीठ में चोट की तरह जो निशान थे, वह अस्पताल के बैड पर सुलाने की वजह से निशान होना बताया। हालांकि फिर भी जो भी तथ्यात्मक स्थिति होगी, वह पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही होगी। क्योंकि शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराया गया था।

राजनीतिक दखल के भी लगाए आरोप

भूताला से देलवाड़ा शव लेकर पहुंचे ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस द्वारा राजनीतिक दबाव में हत्या को आत्महत्या बताया जा रहा है। उनका कहना था कि महिला की हत्या हुई, मगर ससुराल पक्ष की राजनीतिक पहुंच के चलते गलत बताया जा रहा है। इस पर पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी, उसमें जो भी तथ्य होंगे, उसी आधार पर कार्रवाई होगी। तब ग्रामीण शांत हुए। उसके बाद शव को वापस भूताला गांव के लिए रवाना किया गया। इसके चलते करीब दो से तीन घंटे तक देलवाड़ा में गहमागमी के हालात बने रहे।

ग्रामीण हो गए शांत,

महिला के शव को लेकर परिजनों को कुछ गलतफहमी हो गई, जिसे चिकित्सकों की मौजूदगी में दूर किया गया। दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का प्रकरण दर्ज है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई के बारे में ग्रामीणों को बताया गया, तो ग्रामीण शांत हो गए।

रमेश मीणा, थाना प्रभारी देलवाड़ा
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