बिजली, पानी, सफाई, नाली निर्माण सरीखी प्राथमिक समस्याओं को लेकर महिलाएं नगरपालिका के प्रति इतनी आक्रोशित हो गई कि वे खुद नारेबाजी करते हुए पालिका कार्यालय पहुंच गई। दफ्तर में न अध्यक्ष मिले और न ही आयुक्त। इससे नाराज महिलाओं ने पालिका प्रशासन के प्रति जमकर नारेबाजी की। फिर उपखंड कार्यालय पहुंची, जहां पालिका प्रशासन की बेपरवाही के प्रति आक्रोश जताया। इस पर एसडीएम अभिषेक गोयल ने जल्द उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब महिलाएं शांत हुई।

नाथद्वारा शहर में वार्ड 38 के गली- मोहल्ले में क्षतिग्रस्त सडक़ें, नालियों का सुधार नहीं होने, अनियमित जलापूर्ति व सही सफाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं नगरपालिका कार्यालय पहुंची। कार्यालय में अध्यक्ष व आयुक्त नहीं मिले। इस कारण महिलाएं ज्यादा उग्र हो गई और बोली क्या नगरपालिका का कोई धणी धोरी नहीं है। लोगों की समस्याएं सुनने वाला ही कोई नहीं है। कथित तौर पर अधिकारियों के किसी भोज में जाने और दफ्तर सूना पड़ा होने पर आक्रोश जताया। इससे नाराज महिलाओं ने नगरपालिका प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। करीब दस से पन्द्रह मिनट तक मुख्य द्वार पर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। मोहल्ले में न तो रोड लाइटें जलती है और न ही नियमित सफाई होती है। पानी भी पांच दिन में एक बार आ रहा है, जिससे पीने के पानी का प्रबंध भी नहीं हो पा रहा है। महिलाएं बोली कि जब समस्या लेकर पार्षद के पास पहुंची, तो पार्षद ने कहा कि आगे से नगरपालिका कार्यालय स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस पर उपखंड अधिकारी अभिषेक गोयल ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि मामले का उचित समाधान निकाला जाएगा, तब महिलाएं शांत हुई।

विकास कार्य में भी भेदभाव

वार्ड 38 के लोगों ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में बताया कि शहरी विकास कार्यों में भी नगरपालिका प्रशासन द्वारा भेदभाव की राजनीति की जा रही है। उनके वार्ड में पिछले डेढ़ साल में कोई कार्य नहीं हो पाया है। ऐसे में नया तो दूर क्षतिग्रस्त सडक़ें व नालियोंं की भी मरम्मत नहीं हो रही है। पार्षद ने भी अपने आपको असहाय बताया।