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रेलमगरा थाना क्षेत्र के दरीबा माइंस में कथित तौर पर गैस रिसाव के चलते एक श्रमिक की मौत हो गई। श्रमिक के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर जाटो का खेड़ा के ग्रामीणों ने दरीबा माइंस के मुख्य द्वार पर धरना दे दिया। इस पर कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर रेलमगरा एसडीएम मनसुखराम डामोर व नाथद्वारा डीएसपी जितेंद्र आंचलिया के नेतृत्व में भारी पुलिस जाब्ता तैनात है। फिलहाल ग्रामीण मुआवजा नहीं मिलने तक धरने से नहीं उठने की चेतावनी दी है। दिनभर ग्रामीण दरीबा माइंस के द्वार पर धरने पर बैठे रहे।

पुलिस के अनुसार हिन्दुस्तान जिंक का लेड प्लांट में कार्य करते हुए जी घबराने के बाद जाटड़ो का खेड़ा, भोपालसागर, जिला चित्तौडग़ढ़ निवासी प्रभुलाल गाडरी (30) को दरीबा हॉस्पीटल ले गए, जहां से गंभीर हालत में उदयपुर रेफर कर दिया। बताया कि उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पीटल में श्रमिक प्रभुलाल गाडरी ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद भोपालसागर प्रधान सोमेन्द्रसिंह राणावत, रेलमगरा प्रधान आदित्यप्रतापसिंह चौहान, रेलमगरा उप प्रधान कमलेश चौधरी, गाडरी समाज प्रदेशाध्यक्ष भैरूलाल गाडरी सहित सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण दरीबा माइंस पर पहुंच गए, जहां धरना देकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बड़ी तादाद में ग्रामीणों के दरीबा माइंस के द्वार पर पहुंचने की सूचना पर रेलमगरा उपखंड अधिकारी मनसुखराम डामोर, नाथद्वारा डीएसपी आंचलिया व रेलमगरा तहसीलदार ईश्वरलाल खटीक, रेलमगरा थाना प्रभारी भरत योगी मय जाब्ते के पहुंच गए। फिलहाल मौके पर शांति व्यवस्था कायम है, मगर ग्रामीण मुआवजा नहीं मिलने तक धरने से नहीं उठने और शव नहीं ले जाने पर अड़े हुए हैं। अभी शव उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पीटल में पड़ा है, जबकि परिजन व ग्रामीण दरीबा माइंस के द्वार पर धरने पर बैठे हैं। माइंस प्रबंधन कुछ लोगों को गेस्ट हाउस में बुला रहे हैं, मगर ग्रामीण बोल रहे हैं कि दरीबा माइंस प्रबंधन को मुआवजा देना हो, वे तत्काल राहत राशि देवे और जो भी वार्ता होगी, वह आम लोगों के सामने ही की जाएगी। इस तरह देर शाम तक गतिरोध बरकरार रहा। फिलहाल ग्रामीण इसी मांग पर अड़े है कि माइंस प्रबंधन मौके पर आकर उचित मुआवजा देवे, तभी ग्रामीण धरने से उठेंगे।

सबके सामने वार्ता पर अड़े ग्रामीण

भोपालसागर प्रधान सोमेंद्रसिंह राणावत ने बताया कि सभी ग्रामवासी दरीबा माइंस के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे हैं। माइंस प्रबंधन कुछ लोगों को गेस्ट हाउस में बुला रहे हैं, मगर ग्रामीण बोल रहे हैं कि दरीबा माइंस प्रबंधन को मुआवजा देना हो, वे तत्काल राहत राशि देवे और जो भी वार्ता होगी, वह आम लोगों के सामने ही की जाएगी। इसलिए मौके पर शांति व्यवस्था कायम है।