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हनुमानजी की विशाल प्रतिमाएं देश में कहां-कहां?, देखकर रह जाएंगे हैरान

देश दुनिया में हनुमानजी की कई विशाल प्रतिमाएं है। राजस्थान के राजसमंद जिले के अंतर्गत लाखागुड़ा में भी 111 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है। खास बात यह है कि यह मूर्ति पंचायत या सरकार द्वारा नहीं, बल्कि महंत लाडूनाथ द्वारा बनाई गई है। लाडूनाथ ने अपनी पैतृक जमीन ही जनहित के लिए समर्पित कर दी। इसका निर्माण वर्ष 2008 में हो गया था। इसके अलावा हमारे भारत देश में 12 से ज्यादा हनुमानजी की विशाल प्रतिमाएं है। सबसे ज्यादा विशाल मूर्तियां आंध्रप्रदेश में है।

देश में यहां पर हनुमानजी की विशाल प्रतिमाएं

राजसमंद के लाखागुड़ा के 111 फिट के सेफरगढ़ बालाजी

राजस्थान के राजसमंद जिले के भीम उपखंड क्षेत्र अंतर्गत मण्डावर-लाखागुड़ा क्षेत्र के नाथजी का कुआं में सेफ़रो का चौड़ा में  छोटी सी पहाड़ी पर 111 फीट के हनुमान की प्रतिमा बनाई गई है जोकि देश दुनिया में  सेफरगढ़ बालाजी के नाम से अपनी ख्याति पा रही हैं।

सेफरगढ़ बालाजी परिकल्पना को साकार करने वाले  स्थानीय निवासी महंत लाडु नाथ महाराज ने इसका निर्माण करीब डेढ़ दशक पहले प्रारंभ किया था और इसे 111 फिट का आकार देने में करीब 50 लाख रुपये से अधिक का खर्च आया है। इसको बनाने के पीछे लाडु नाथ महाराज बताते हैं कि मेरे पैतृक गांव और उसके आसपास के गांवों को पर्यटन का इजाफा दिलाना व धार्मिक आस्था जगाना प्रमुख कारण है। सामाजिक कार्यकर्ता जसवंत सिंह चौहान मण्डावर ने बताया कि सेफरगढ़गढ़ बालाजी प्रतिमा का भारत की  हनुमान प्रतिमाओं में विशिष्ट स्थान है। संभवत भारत की 5 सर्वाधिक ऊंची प्रतिमा में यह शामिल है। जानकारी के अनुसार नरसन्नापेटा (श्रीकाकुलम) आंध्र प्रदेश में 175  फिट, सुल्तानपुर (सोलन) हिमाचल प्रदेश में 151  फिट, परितला (विजयवाड़ा) आंध्र प्रदेश में 135 के बाद इसे भारत भर में चौथा स्थान प्राप्त है।

02 5 https://jaivardhannews.com/you-will-be-surprised-to-see-huge-statues-of-hanumanji-everywhere-in-the-country/

पर्यटन की संभावनाएं बढ़ी

सेफरगढ़ बालाजी  परिसर के व्यवस्थापक  प्रभु रावल ने बताया कि बालाजी प्रतिमा के निर्माण के बाद पर्यटकों का लगातार आना जाना रहता है।  इसके साथ ही इस क्षेत्र के केरूण्डा बाबा रामदेव मंदिर मण्डावर, प्रज्ञा शिकर टॉडगढ़  से जुड़ गया है।  भविष्य में पर्यटन की अपार संभावनाएं है।

यह है लोकेशन

सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र प्रजापत ने बताया सेफरगढ़ बालाजी  प्रतिमा नेशनल हाइवे 8 से मात्र 5 किमी दूर बग्गड टोल नाका से  ढाक का  चौड़ा (मण्डावर) टॉडगढ़ सड़क मार्ग पर लाखागुड़ा के समीप श्रीनाथजी का कुआं हामातो की गुआर में मुख्य सड़क पर स्थित है। देवगढ़ से 15 किमी, कामलीघाट से 10 किमी, बग्गड़ से 6 किमी,  सांगावास से 5 किमी,  टॉडगढ़ से आठ किमी बस,  तहसील मुख्यालय भीम से 20 किमी दूर स्तिथ है। वही जिला मुख्यालय राजसमन्द से 75 किमी,  उदयपुर से 145 किमी, राजधानी जयपुर से 280 किमी, अजमेर से 145 किमी दूर स्तिथ है।

नाथद्वारा में हनुमानजी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित

राजसमंद में श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में 351 फीट की शिव प्रतिमा बनने के बाद अब अंजनि के लाल हनुमानजी की अलौकिक भाव की प्रतिमा प्रभु श्रीनाथजी की नगरी में स्थापित होगी। इसका भूमि पूजन 6 अप्रेल 2023 को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हुआ।

गिरिराज पर्वत पर स्थित गिरिराजेश्वर महादेवजी मंदिर के पास प्रभु श्रीनाथजी के भक्त मुंबई के श्रद्धालु वैष्णव गिरीश भाई रतीलाल शाह की ओर से प्रस्तावित हनुमानजी की 108 फीट की प्रतिमा के निर्माण का भूमि पूजन गुरुवार दोपहर श्रीनाथजी मंदिर के तिलकायत पुत्र विशाल बावा राजभोग दर्शन के बाद करेंगे। श्रद्धालु गिरीश भाई एवं मंदिर मंडल अधिकारी, मंदिर के सेवाकर्मी भी मौजूद रहेंगे। भूमि पूजन के बाद प्रारंभ होने वाले कार्य के लिए 15 फीट का चबूतरानुमा फांउडेशन तैयार किया जाएगा। उसके बाद उस पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। गिरिराज पर्वत की ऊंचाई पर बनने से यह प्रतिमा दूर से देखी जा सकेगी।

शिव प्रतिमा बनाने वाले ही मूर्तिकार

हनुमानजी की प्रतिमा को हाथ जोड़ने के भाव के साथ ही मुखारविंद आदि पूरे स्वरूप को आकार देश के जाने माने मूर्तिकार दिल्ली निवासी नरेश मूर्तिकार इसको पूरा करेंगे। इन्होंने ही यहां स्थापित शिव प्रतिमा को भी डिजाइन किया था।

नाथद्वारा से जुड़ी रोचक जानकारी

लगभग साढ़े 3 सौ साल पूर्व यहां पधारकर बिराजित हु़ए प्रभु श्रीनाथजी के बाद सिंहाड़ गांव से नाथद्वारा के नाम से मिली पहचान के बाद से ही देश विदेश में श्रीजी बावा के भक्तों का आने का क्रम बना हुआ है। ऐसे में यहां पर सालभर के अनुमान के रूप में प्रतिदिन लगभग सात से आठ हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। उसके बाद विगत वर्ष यहां पर आमजन के लिये सावर्जनिक की गई 351फीट की शिव प्रतिमा से नाथद्वारा को एक और पहचान मिली। वहीं, अब आने वाले कुछ माह बाद जब रामभक्त हनुमानजी की प्रतिमा गिरिराज पर्वत पर स्थापित हो जाएगी तो श्रीजी की नगरी में त्रिवेणी संगम का उद्भव हो जाएगा। ऐसे में यहां पर प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु दर्शन के बाद इन प्रतिमाओं के दर्शन का लाभ भी ले पाएंगे।

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