State Assembly Elections 2021 https://jaivardhannews.com/%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a4%e0%a5%83%e0%a4%a3%e0%a4%ae%e0%a5%82%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a4%be/

नई दिल्ली. कोरोना के रिकॉर्ड मामलों के बीच 62 दिन चली चुनाव प्रक्रिया के बाद आज बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनाव नतीजे आ रहे हैं। तीन राज्य बंगाल, केरल और असम में बदलाव नहीं दिख रहा है। यानी बंगाल में तृणमूल, केरल में LDF और असम में भाजपा ही सरकार बनाती दिख रही है, जो पहले से थी। हां, तमिलनाडु में जरूर बदलाव होता दिख रहा है। वहां द्रमुक सरकार बनाने के करीब है। चुनाव में कांग्रेस उसके साथ है। पुडुचेरी में मामला जरूर फंसा दिख रहा है।

बंगाल में चार घंटे में ही तृणमूल कांग्रेस 148 सीटों के बहुमत के आंकड़े (292 सीटों के हिसाब से 147) को पार कर 200 से ज्यादा सीटों पर पहुंच गई। हालांकि, यह आंकड़ा 2016 में तृणमूल को मिलीं 211 सीटों से कम है। उधर, नंदीग्राम में ममता जीतीं, पर महज 1200 वोटों से। सबसे ज्यादा चर्चा में रही इस सीट से हारने वाले भाजपा के शुभेंदु अधिकारी हैं। उन्होंने कहा था कि 50 हजार वोटों से जीतूंगा और अगर हार गया तो राजनीति छोड़ दूंगा।

यहां एक जानकारी की बात…1972 से अब तक बीते 49 साल में बंगाल में यह 11वां चुनाव है और जो पार्टी जीत रही है, उसका 200+ सीटों का ट्रेंड बरकरार है। तृणमूल ने 2016 में 211 और 2011 में 228 सीटें जीती थीं। उससे पहले 7 बार लगातार लेफ्ट ने चुनाव जीता। सिर्फ एक बार 2001 में लेफ्ट को 200 से 4 सीटें कम यानी 196 सीटें मिलीं। बाकी चुनावों में लेफ्ट को हमेशा 200 सीटों से ज्यादा सीटें मिलीं। चुनाव नतीजे देखने के लिए यहां क्लिक करें

बंगाल के नतीजों पर भाजपा पर तंज
तृणमूल के राज्य सभा सांसद ने नतीजों के बाद ट्वीट कर भाजपा पर तंज कसा है। इस पोस्ट में उन्होंने एक सूत्र का जिक्र किया है। इसमें एक तरफ भाजपा के साथ, सीबीआई, ईडी, चुनाव आयोग, मीडिया, पैसे और दलबदलुओं का जिक्र किया है। दूसरी ओर ब्रायन ने कहा कि इन सब पर ममता, तृणमूल कार्यकर्ताओं और बंगाल की जनता भारी पड़ी है।

2001 को छोड़कर बीते 49 साल में हर बार जीतने वाली पार्टी को 200+ सीटें मिलीं

साल पार्टी/मोर्चा सीटें
2016 टीएमसी 211
2011 टीएमसी+कांग्रेस 228
2006 लेफ्ट फ्रंट 233
2001 लेफ्ट फ्रंट 196
1996 लेफ्ट फ्रंट 203
1991 लेफ्ट फ्रंट 245
1987 लेफ्ट फ्रंट 251
1982 लेफ्ट फ्रंट 238
1977 लेफ्ट फ्रंट 231
1972 लेफ्ट फ्रंट 216

बाकी राज्यों का हाल
अब बाकी राज्यों के हाल जानते हैं। बंगाल के बाद असम के नतीजों पर सबकी नजर है। यहां शुरुआती 2 घंटों के रुझानों में भाजपा+ बहुमत का आंकड़ा पार कर 78 सीटों पर पहुंच गई। उधर, केरल में सत्ताधारी लेफ्ट को आसानी से बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं, तमिलनाडु में अनुमान सही साबित होते दिख रहे हैं। यहां द्रमुक+ रुझानों में 145 सीटों पर पहुंच गया है। पुडुचेरी में भाजपा+ और कांग्रेस+ में शुरुआत में मुकाबला कांटे का दिखा, लेकिन बाद में भाजपा+ आगे निकल गई।

  1. बंगाल

कुल सीटें: 294 (वोटिंग 292 सीटों पर हुई)
बहुमत: 148 (292 सीटों के लिहाज से 147)
पिछली बार कौन जीता: तृणमूल कांग्रेस

राज्य में 294 में से 292 सीटों पर मतदान हुआ। भाजपा ने यहां पहली बार 291 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि एक सीट उसने सुदेश महतो की ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी को दी। पिछली बार यहां गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था। इस बार GJM तृणमूल के साथ है। चुनाव से पहले भाजपा ने तृणमूल के कई बड़े नेताओं को तोड़ लिया था, इनमें ममता बनर्जी के करीबी शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं।

29 अप्रैल को आए एग्जिट पोल्स में बंगाल को लेकर एक राय नहीं दिखी। 9 एग्जिट पोल्स में से 5 में ममता बनर्जी की तृणमूल को बहुमत हासिल होने का अनुमान लगाया गया या यह बताया गया कि वह बहुमत के काफी करीब है। वहीं, 3 पोल्स में भाजपा को आगे बताया गया। हालांकि, सभी पोल्स में तृणमूल को सीटों का नुकसान साफ दिखाई दिया।

  1. असम

कुल सीटें: 126
बहुमत: 64
पिछली बार कौन जीता: भाजपा+
पिछली बार असम में NDA को पहली बार सत्ता हासिल हुई थी, लेकिन 12 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता दिलाने में मदद करने वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने इस बार कांग्रेस और लेफ्ट से हाथ मिलाया। भाजपा के साथ असम गण परिषद बना हुआ है। भाजपा ने UPLL के साथ भी गठबंधन किया। यहां NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स का मुद्दा हावी रहा है। यहां भाजपा की जीत और सर्बानंद सोनोवाल का दोबारा सीएम बनना तय लग रहा है। असम में सभी 6 एग्जिट पोल्स में भाजपा गठबंधन को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था।

  1. तमिलनाडु

कुल सीटें: 234
बहुमत: 118
पिछली बार कौन जीता: अन्नाद्रमुक
यहां पहली बार जयललिता और करुणानिधि के बगैर विधानसभा चुनाव हुए। जयललिता की गैरमौजूदगी में अन्नाद्रमुक के पास सिर्फ सीएम पलानीस्वामी के तौर पर एक चेहरा था। वहीं, द्रमुक का चेहरा करुणानिधि के बेटे स्टालिन हैं। इसी वजह से सभी एग्जिट पोल्स में इस बार द्रमुक की जीत का अनुमान जताया गया था। अन्नाद्रमुक ने इस बार भाजपा के साथ चुनाव लड़ा, जबकि द्रमुक ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया।

  1. केरल

कुल सीटें: 140
बहुमत: 71
पिछली बार कौन जीता: LDF
दिलचस्प यह है कि बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर चुनाव लड़ते हैं, जबकि केरल में वे एक-दूसरे के विरोध में रहते हैं। पिछली बार यहां लेफ्ट की अगुआई वाला LDF जीता था। कांग्रेस इसका हिस्सा नहीं है। कांग्रेस की अगुआई वाला UDF यहां विपक्षी गठबंधन है। भाजपा ने इस बार 140 में से 113 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। उधर, भाजपा ने पिछली बार केरल में 1 सीट जीती थी।

  1. पुडुचेरी

कुल सीटें: 30
बहुमत: 16
पिछली बार कौन जीता: कांग्रेस+द्रमुक
पुडुचेरी विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है। यहां फरवरी में कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार गिर गई थी। वी. नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर सके थे। दो मंत्रियों के भाजपा में शामिल होने और कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद सत्ता उनके हाथ से फिसल गई थी। इस बार 3 एग्जिट पोल्स में भाजपा और AINRC और बाकी 3 पोल्स में कांग्रेस+द्रमुक को बहुमत मिलने के आसार बताए गए।

Author

  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

    View all posts Chief Editor, Managing Director

By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com