हाेली का त्योहार नजदीक आते ही शिकारी एहड़ा (अवैध शिकार) शुरू कर देते हैं। ऐसे में आमेट पुलिस ने गश्त के दौरान गुरुवार रात को दाे शिकारियाें को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दाे टोपीदार बंदूक व दाे मृत खरगोश बरामद किए। शुक्रवार सुबह खरगोशों का पशु चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाया गया।
आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट का अपराध दर्ज कर इनसे जंगलों में हो रहे वन्यजीव शिकार के बारे में भी पूछताछ जारी है। थानाधिकारी प्रेम सिंह ने बताया कि अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए चलाए गए जा रहे अभियान के दौरान बीकावास ग्राम पंचायत के आसन गांव के बीच आसन घाटी में गुरुवार रात को गश्त के दौरान एक जीप तेज गति से पास से निकली। शंका होने पर जाप्ते ने सरकारी वाहन से पीछा कर आगे जाकर जीप को रुकने का इशारा कर रुकवाया। जीप में आगे की सीट पर दो व्यक्ति बैठे थे। उनको देर रात में बाहर घूमने का कारण पूछा तो दोनों ही कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। दोनों ने अपने नाम-पता सालमपुरा निवासी महेंद्र सिंह पुत्र राम सिंह राजपूत, टाकड़ी की भागल निवासी मोहन सिंह पुत्र धन सिंह राजपूत बताया, जिन पर पुलिस को संदेश हुआ।
वाहन की तलाशी में पीछे की सीट पर दो टोपीदार बंदूक व दो खरगोश मृत पड़े मिले। दोनों ने पूछताछ में टोपीदार बंदूकों से खरगोश का शिकार करना बताया। पुलिस ने बंदूकों एवं शिकार करने का लाइसेंस के बारे में पूछा तो दोनों ने मौके पर कोई लाइसेंस नहीं बताया। इस पर टोपीदार बंदूकों, जीप, मृत खरगोश को कब्जे में लिया। शुक्रवार सुबह खरगोशों का पशु चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाया गया। जब्तशुदा टोपीदार बंदूकों से दोनों ही आरोपी मोहन सिंह व महेंद्र सिंह के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया। इनसे जंगलों में हो रहे वन्यजीव शिकार के बारे में भी पूछताछ जारी है।