अवैध खनन ने 3 मासूमों की जान ले ली। तीनों की पत्थर खदान में डूब कर मौत हो गई। एक चरवाहे ने बच्चों के कपड़े देखकर गांव वालों को सूचना दी। इसके बाद बच्चों के शव निकाले गए। मरने वाले दो बच्चे घर के इकलौते चिराग थे, जबकि एक बच्चा अपनी चार बहनों का इकलौता भाई था। बच्चों की मौत पर स्थानीय लोग और कांग्रेसियों ने चक्काजाम कर दिया। पुलिस ने खदान मालिक दर्शन सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। यह घटना है इंदौर के सांवेर से 15 किलोमीटर दूर धनखेड़ी गांव की।
चरवाहे मुरली ने बताया कि रोजाना वह अपने जानवर चराने पहाड़ी के पास जाता है। उसे दूर से कुछ कपड़े दिखाई दिए। इसके बाद उसने गांव वालों को बुलाया। पता चला कि 3 बच्चे गड्ढे में डूब गए हैं। पुलिस की सहायता से आकाश (14), हरीश (10) और लोकेश (15) के शव को निकाला गया।
ग्रामीण सुभाष डाबी की मानें तो इलाके में 4 साल से अधिक समय से अवैध उत्खनन चल रहा है। यहां पर जेसीबी और पोकलेन से रोजाना पहाड़ खोदकर गिट्टी निकाली जाती है। इस वजह से 20 से 30 फीट के गड्ढे हो गए हैं।
बारिश के पहले इन्हें रेत से भरा नहीं जाता है जिससे पानी भरे गड्ढे में नहाने के दौरान लोग हादसे के शिकार हो जाते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इलाके में बने पहाड़ पर कई बार खदान मालिक द्वारा ब्लास्टिंग भी करवाई जाती है।
आकाश के दादा गुलाब सिंह ने बताया कि आकाश घर का इकलौता बेटा था। वहीं हरीश चार बहनों में अकेला भाई था। दोनों लोकेश के साथ गुरुवार दोपहर नहाने के लिए घर से निकले थे। लोकेश के पिता की मौत हो चुकी है। वह अपनी मां का इकलौता बेटा था। घटना के बाद परिवार का बुरा हाल है। वहीं क्षेत्रीय विधायक तुलसी सिलावट ने पीड़ितों को 4 -4 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा भी की है।
घटना के बाद कांग्रेस नेता रीना बोरासी ने ग्रामीणों के साथ कई घंटों तक चक्का जाम किया। मृत बच्चे के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए देने की मांग भी की गई। घटना के बाद कई घंटों तक जब खदान मालिक पर FIR दर्ज नहीं हुई तो ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ने लगा। इसके बाद गुरुवार देर शाम पुलिस ने दर्शन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया।