पुलिस कॉन्स्टेबल से धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के नाम पर पुलिस कॉन्स्टेबल से आरोपियों ने ऑनलाइन ठगी करते हुए 76 हजार 760 रुपए निकाल लिए थे। इस मामले में पुलिस 2 आरोपियों को पहले गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने अभी तक कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 2 आरोपियों को नामजद किया है।
एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि 6 जनवरी को भीलवाड़ा के तहसील रायपुर गांव पालरा निवासी हाल पुलिस लाईन राजसमंद निवासी तिलकेश कुमार पुत्र बसंतीलाल पंचोली के पास अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया। पीडित पुलिस कॉन्स्टेबल को क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने का लालच देकर ओटीपी मांगने और ओटीपी देने के बाद उसके क्रेडिट कार्ड से कुल 76 हजार 760 रूपए क्रेडिट कार्ड से निकाल दिए गए। इस पर पीड़ित कॉन्स्टेबल ने पुलिस थाना राजनगर पर मामला दर्ज करवाया। जिला साइबर सैल और राजनगर थाना अधिकारी डॉ हनवंतसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम ने मामले की जांच करते हुए हिसार, हरियाणा, मध्यप्रदेश में अज्ञात बदमाशों की तलाश करते हुए साइबर ठगी करने वाले आरोपियों तक पहुंची। पुलिस ने मध्यप्रदेश के जिला शिवपुरी के पुलिस थाना करेरा के कारोठा निवासी रामनिवास उर्फ आकाश यादव (23) और मध्यप्रदेश के जिला दतिया के थाना जिगना के सलैया पामर निवासी कुलदीप यादव (22) पुत्र मंटी यादव को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ, कॉल डिटेल विश्लेषण और बैक खातों के स्टेटमेंट के आधार पर टीम ने मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पहुंच साइबर ठगी करने वाले 2 ओर आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें मध्यप्रदेश के जिला जबलपुर के थाना घमापुर निवासी विजय पंजवानी (37) पुत्र अंकन पंजवानी और आशीष आहुजा (27) पुत्र जीवतराम आहुजा को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके साथी आरोपी मध्यप्रदेश जिला शिवपुरी के थाना करेरा निवासी कदमसिंह यादव पुत्र ठाकुरदास यादव और कर्नाटक निवासी राजप्रीत मयंक को नमजद कर तलाश कर रही है।
आरोपी आशीष आहुजा अपने परिचित और उसके गांव के आस पास के कम पढे़ लिखे लोगो को 5 हजार रुपए का लालच देकर उनके आधार कार्ड नम्बर व पैन कार्ड ले लेता है और मुख्य सरगना के कहे अनुसार अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवा कर उनके बताए पते पर कोरियर करवा देता है, जिसके एवज में आशीष उनसे प्रति बैंक खाता 10 से 15 हजार रूपए तक वसूल करता है। जिन बैंक खातों की केवाईसी पुरी होती है, उन बैंक खातों कि रेट 30 हजार रूपए तक लेता है। आरोपी अब तक इतने खातें खुलवा चुका है कि उसे खुद को ही याद नहीं आ रहा कि कितने बैंकों में कितने खाते खुलवा चुका है और बेच चुका है। आरोपी मार्च 2021 से लगातार यही काम कर रहा है।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपी फर्जी या किराये के बैक खाते/मोबाइल सिम का प्रयोग कर धोखाधडी करते हैं, ताकि खाता धारक और फ्रॉड करने वाले के बीच में बैरियर बना रहे और पुलिस मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाएं। आरोपियों द्वारा बैंक मे जिन व्यक्तियों के खाते खुलवाए जाते हैं उन खाता धारकों को मासिक किराया देते हैं। खाते खुलवाने के बाद खाते की पास बुक, एटीएम कार्ड, चैक बुक आदि खाता धारक से स्वंय ले लेते हैं और खाते से अटैच मोबाइल नम्बर भी फर्जी देते हैं। जो खुद के पास रखते हैं, जिससे खाते में पैसे जमा होने के मैसेज आरोपियों को मिलते रहें। फर्जी बैंक खातों को कोरियर के माध्यम से दूसरे राज्यों में बैठे साइबर ठगों को कोरियर के माध्यम से पार्सल बनाकर भेजे जाते हैं।