राजसमंद जिले में हाइवे आठ के फोरलेन पर बेकाबू बस सडक़ किनारे होटल के बाहर पत्थर के ढेर से टकराकर रूक गई, वरना बस 10 फीट गहरे खड्डे में गिरती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। दुर्घटना के बाद एक बारगी सभी यात्रियों में हडकंप मच गया और जब बस खाई में गिरते गिरते लटक गई, तो लोगों की जान में जान आई। सुझबुझ से तत्काल सभी लोग खिडक़ी व दरवाजों से बाहर उतर गए। इधर, यात्रियों ने शराब के नशे में बस चलाने का आह्वान किया।

जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश से अहमदाबाद जा रही थी। बस के देलवाड़ा के पास मजेरा बाइपास कट पर बस बहुत तेज रफ्तार में जा रही थी। दो वाहनों के बीच में ट्रेवल्स बस आगे निकालने के प्रयास में बेकाबू होकर सडक़ किनारे होटल के बाहर पत्थर के ढेर से टकरा गई। फिर पत्थर को छलांगते हुए बस रूक गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। क्योंकि अगर बस थोड़ी सी आगे बढ़ जाती, तो बड़ा हादसा हो जाता। गनीमत रही कि बस पत्थर के ढेर से टकराते ही खड़ी हो गई, जिससे बस खाई में नहीं गिरी और यात्रियों का कोई चोट नहीं आई।

बस रूकी तो दौडक़र निकले यात्री

पत्थर के ढेर से टकराकर बस रूकी तो एक बारगी बस में सवार सभी लोगों की धडक़ने तेज हो गई। फिर हादसे की आशंका को देखते खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए तत्काल बस से बाहर निकले और राहत की सांस ली।

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क्या चालक ने पी रखी थी शराब

हादसे के बाद आक्रोशित यात्री बोले कि चालक शराब के नशे में धूत था। बस में जबरन ठूंस ठूंस कर सवारियां भर रखी थी। बस के गैलेरी में 25 से ज्यादा सवारियां बिठा रखी थी। इसका विरोध करने पर चालक व खलासी लड़ाई झगड़े पर उतारू हो गए।

क्रेन मंगवाकर हटाई बस

दुर्घटना के बाद चालक व खलासी को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए उन्हें देलवाड़ा थाने ले जाया गया। फिर नेगडिय़ा टोल प्लाजा से क्रेन मंगवाकर बस को घटना स्थल से हटाया। फिर देलवाड़ा थाने में खड़ी कर दी गई।

यात्रियों को वैकल्पिक बस से पहुंचाया

हादसे के बाद नाथद्वारा दूसरी बस मंगवाकर सभी यात्रियों को अहमदबाद पहुंचाया गया। इस दौरान यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।