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स्वच्छता और बेहतर चिकित्सकीय इंतजामों के लिए केन्द्र सरकार की कायाकल्प योजना में पुरस्कृत हो चुके आरके जिला अस्पताल के वार्ड गन्दगी से अटे पड़े है। वार्ड में गन्दगी होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं शौचालय में भी सफाई नहीं होने से बदबू के कारण लोग इसमें जाना तक पसंद नहीं कर रहे है।

31 मार्च को पुराना ठेका खत्म होने के साथ ही 1 अप्रेल से नया ठेका लागू हो गया। ठेकेदार बदलने के बाद उसे पर्याप्त सफाईकर्मी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में चिकित्सालय परिसर के कई हिस्सों में सफाई नहीं हो पा रही है। नया टेण्डर होने के बाद ठेकेदार के पास कार्मिकों की समस्या बनी हुई है। एक अप्रेल को नए ठेकेदार को चिकित्सालय प्रशासन ने वर्कऑर्डर जारी कर दिया। प्रतिदिन पूरे अस्पताल की दो समय अनिवार्यत: सफाई करनी होती है। शर्तों के अनुसार जब भी अस्पताल में गंदगी हो, सफाई करनी होती है। फिलहाल अस्पताल के कुछ गलियारों में सफाई हो रही है, वहीं कई हिस्सों में फर्श पर धूल की परत जमने के साथ ही दीवारों के आसपास बिस्किट, गुटखा, खैनी और अन्य खाद्य पदार्थों के खाली पाउच बिखरे पड़े हैं, वहीं डस्टबिन के आसपास भी कचरा बिखर रहा है।

वार्ड के डस्टबीन भरके बाहर निकल रहा कचरा

अस्पताल के वार्डो में नियमित सफाई नहीं होने के कारण वार्ड में रखे डस्टबीन भर भरा गए है। कचरा डस्टबीन से बाहर निकल रहा है। वहीं मरीजों के बैड के नीचे भी कुड़ा करकट फैला हुआ है। पूरे वार्ड में गंदगी से बदबू आ रही है। वार्ड में भर्ती मरीजों के साथ परिजनों को भी भारी परेशानी हो रही है। मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल के वार्ड में इतनी गंदगी है कि हमें खाना भी बाहर जाकर खाना पड़ रहा है।

चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठेकाकर्मियों पर ही निर्भर है। न्यूनतम 19 सफाईकर्मी ठेके पर लगाए जाते हैं, वहीं चिकित्सालय के पास 3 स्थायी सफाई कर्मचारी हैं। उनमें से भी एक सेवानिवृत्त होने को है तथा एक कर्मचारी की ड्यूटी मुर्दाघर पर लगी रहती है। एक कार्मिक बीमार है। पूरे अस्पताल में नियमित सफाई के लिए करीब 20 कर्मचारियों की जरूरत होती है।

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सफाईकर्मियों का विरोध

सूत्रों ने बताया कि ठेका बदलने के साथ ही पुराने ठेकेदार के लिए काम कर रहे सफाईकर्मियों ने काम करने से इनकार कर दिया। नए ठेकेदार को पुराने ठेकेदार के सफाईकर्मी नहीं मिले तो व्यवस्थाएं गड़बड़ा गईं। अब बांसवाड़ा से कुछ सफाईकर्मी बुलाए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में पीएमओ डॉ. ललित पुरोहित ने कहा कि नया टेण्डर होने के बाद ठेकेदार के पास कार्मिकों की समस्या हुई है। उसने बताया है कि बांसवाड़ा से सफाईकर्मी बुलाए हैं। एक-दो दिन में सफाई व्यवस्था पटरी पर आने की सम्भावना है।