Untitled 11 copy https://jaivardhannews.com/official-language-chalo-len-mein-revo-ken-mein/

Official language : आपाणे देस रा मनख गेला चोराया पे घणी आगत करे। वाई लागे सोरा जणवा में बी अतरी आगत नी करता वेवेला। अतरी आगत भणाई न मेणत मजूरी में कीदी वेती तो अमरीको हा-धमण वेईन आपाणे पाछे टर्यो टर्यो फरतो । चोराया पे राती बती री गणती रा पांच सेकंड रेवे न पाछला इस्कूटर, मोटर साइकलां वाळा होरन वजाईन माथो चढ़ाई देवे। होरन अस्या जाणे कानड़ा पे कराड़ा वाया वे। अरे भले मनखे, आगे वाळा री आख्यां बी अरजुण री आंख ज्यों राती बत्ती पेईस अटकी लगी है। पग बरेक पे है न रेई-रेई न एक्सीलेटर रा झाटका लागी रिया है।

लीली बत्ती री वाट नाळी रिया हां दूजूं गेला वचमें ढबवा रो म्हाने बी सोक नी है भाया। थाणे ज्यूं म्हाणे बी घणा काम हल्ले लगावणा है। तो बी नराई जणा हरक्या-हरक्या ठेठ आगे आई जावे न राती बत्ती में बी पुलीस वाळा ने टोपी पेराईन भन्ना – भोट नाई जावे। वे आगे निकळी न काई न्याल नी करे। आगला चोराया पे राती लाइट पेईस उबा लादे। जदी नेम काइदा अळांगी न काई मोटमाई कीदी। वलई दूजा री मनई मन गाळ खादी।

नराई मनख उबी नन्दी जावा में हुंश्यारी हमजे। हंगळा जाई रिया वे वणी लेण में उल्टा जावा रो काई सांग। हूदा-हूदा चाल्या जावो तो कणी ने बी जोखम नी है। आपाणे हाथ-पग चाले जतरे गाड्यां चलावणी है क नी? हाथ पग तोड़ाईन तो घड़ी में घरे बेवणो पांती आई सके। पछे गाड्यां में तो बेई सको पण डरेवर वणवा री नेम गारन्टी नी है। गाड्या तो लोड़ा लोखण री वना जीव री वे। मोचो पड़े तो हथोड़ा मेल्या न या रेट वी। वत्ती कांतराई वे तो रिसेल में झूनी देई न नवी लेई सको। पण डील रे मोचा पड़े तो नी हथोड़ा काम आवे नी रिसेल में नवो मनख मले। माथा पे हेलमेट रो जाब्तो पूरो राखणो चावे। है जो खोपड़ा री है। मगज विखर्यां केड़े जै सिया राम। सड़क सुरक्सा रो कोई हफ्तो नी वे। सुरक्सा तो घर बारणे पग मेलताई सरू वेई जाणी चावे। पगे चालो क मोटर में, आपाणी न दूजा री रक्सा रो धरम राखणो। चालाण री दरपणीऊं हांकड़ी हेर्यां मती हेरो। मरद वो तो गिलती करीन जरीबानो भरवा री बी छाती राखो।

सैर बी ये ईस है न गेला बी येईस है। कतरी बी भीड़ वो अणा गेला पेईस चालणो है। कण्डेई माथा पे पग तो नी देई सकां। हली मली न संप ऊं चालणो पड़ेला । म्हारी वातां याद राखजो सा । कदी मनखपणा री लेण पे चालता-चालता फेरू मलांला ।

Lok Sahityakar https://jaivardhannews.com/official-language-chalo-len-mein-revo-ken-mein/

डॉ. गोपाल राजगोपाल
साहित्यकार व लेखक
वरिष्ठ आचार्य एवं राजभाषा संपर्क अधिकारी
आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर मो. 9414342523