Royal Family Udaipur : उदयपुर के पूर्व-राजपरिवार के सदस्य एवं चित्तौड़गढ़ के पूर्व सांसद महेंद्रसिंह मेवाड़ का निधन होने के बाद रविवार सुबह उनकी पार्थिव देह को उदयपुर के समोर बाग स्थित पैलेस पर रखी गई, जहां ठीक पौने ग्यारह बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी पहुंचे और उनके आखिरी दर्शन कर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित कई भाजपा के नेता साथ में थे। सीएम ने मेवाड़ के पुत्र व नाथद्वारा विधायक विश्वराजसिंह सहित उनके परिवार से मुलाकात की। साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर ठीक 11 बजे समोर बाग पैलेस से उनकी अंतिम यात्रा रवाना हुई, जो जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, भड़भुजा घाटी, देहली गेट होते हुए आयड़ स्थित महासतिया पहुंची, जहां उनके अंतिम संस्कार की रस्म निभाई जा रही है।
Mahendra Singh Mewar : उदयपुर के समोर बाग स्थित आवास पर सुबह 8 से 11 बजे तक महेंद्र सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखी गई थी। यहां उनका पूरा परिवार मौजूद रहा। महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह नाथद्वारा से भाजपा विधायक और बहू महिमा कुमारी राजसमंद से सांसद हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ के चचेरे भाई शक्ति सिंह भोपालगढ़ ने भी उनकी पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित किए। इसके अलावा सामोर बाग पैलेस में महेंद्र सिंह मेवाड़ की चाची महेंद्र कुमारी शिवरती, बहू और राजसमंद सांसद महिमा कुमारी, बहन डॉक्टर मधुलिका, शिवरती परिवार की शैलजा सिंह, पूर्व गृह मंत्री कमलेंद्र सिंह की पत्नी आदि बैठे हैं। उनके अलावा अन्य पूर्व जागीरदार और पूर्व सामंत परिवार की सदस्य यहां उपस्थित हैं। आवास पर अंतिम दर्शन के दौरान बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उदयपुर जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। निंबाहेड़ा से विधायक श्रीचंद कृपलानी सहित स्थानीय भाजपा नेता यहां पहुंचे और नमन किया। साथ ही पूर्व जागीरदार और पूर्व सामंत परिवार मौजूद थे।
Udaipur Royal Family : ब्रेन स्टोक आने पर अस्पताल में कराया था भर्ती
Udaipur Royal Family : पूर्व राजपरिवार से जुड़े अजातशत्रु सिंह शिवरती ने मीडिया को बताया कि 28 अक्टूबर को महेंद्र सिंह मेवाड़ को ब्रेन स्ट्रोक आया था। तभी से वे अनंता हॉस्पिटल के ICU में भर्ती थे और 10 नवंबर अपराह्न करीब दो बजे आखरी सांस ली। उसके बाद महेंद्र सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह को अनन्ता मेडिकल कॉलेज से समोरबाग उदयपुर स्थित उनके आवास पर लाई गई। फिर सोमवार सुबह 11 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह को रखा गया। फिर राजसी शानो शौकत के साथ अंतिम यात्रा निकाल अंतेष्टी की रस्म निभाई गई।
Udaipur News : पूर्व राजपरिवार का अंत्येष्टि स्थल महासतिया
Udaipur News : मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों का अंत्येष्टि स्थल उदयपुर शहर में आयड़ के पास महासतिया नामक स्थल पर है। यहां पर सबसे पहले वर्ष 1615 में महाराणा अमरसिंह प्रथम का अंतिम संस्कार किया था। तब से यह राजपरिवार का अंत्येष्टि स्थल बना गया। तब से यहां सभी पूर्व महाराणाओं का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यहां हेरिटेज लुक में बनी सैकड़ों छतरियां इस स्थल को खूबसूरत बनाती हैं।
महेंद्र मेवाड़ ने अजमेर मेयो से की थी पढ़ाई
महेंद्र सिंह की स्कूली शिक्षा मेयो स्कूल अजमेर से हुई। इसके बाद अजमेर के सरकारी कॉलेज से BA की पढ़ाई पूरी की। साथ ही वे शुरू से सामाजिक संस्थाओं व संगठनों से जुड़े रहे। महेंद्र सिंह मेवाड़ फील्ड क्लब उदयपुर के अध्यक्ष रहे। साल 1923 में स्थापित विद्या प्रचारिणी सभा और भूपाल नोबल्स यूनिवर्सिटी के मुख्य संरक्षक के रूप में भूमिका निभाई थी। साथ ही, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के संरक्षक भी रहे। जनरल काउंसिल एंड बोर्ड ऑफ गवर्नर्स मेयो कॉलेज अजमेर में वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं।
शाही लवाजमे के साथ रवाना हुई अंतिम यात्रा
महेंद्रसिंह मेवाड़ का निधन होने के बाद समोरबाग स्थित आवास पर सुबह 8 बजे से 11 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह को रखा गया। उसके बाद पूर्ण राजसी ठाठ बाट व शाही परम्परा के तहत महेंद्रसिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा रवाना हुई। बैंड की मातमी धुन के साथ मेवाड़ राज्य के प्रतीक चिह्नों के साथ आगे ज्येष्ठ पुत्र विश्वराजसिंह मेवाड़ व उनके परिवार के सदस्य, मेवाड़ राज्य से जुड़े पूर्व सामंत, राव व पूर्व उपमराव परिवारों के सदस्य साथ चल रहे थे। इसके अलावा उदयपुर शहर के साथ ही मेवाड ही नहीं, बल्कि देश व प्रदेश के कई पूर्व राज परिवारों के सदस्य, नेता व राजनेता भी शामिल हुए।
महेंद्रसिंह हमेशा बोलते मेवाड़ी, मगर अंग्रेजी में थी महारत
महेंद्र सिंह मेवाड़ ने बचपन से लेकर जीवन पर्यंत सादगी पूर्ण जीवन शैली, स्व-अनुशासन, शिष्टाचार के साथ लोक मर्यादाओं का पालन करते हुए अपना जीवन बिताया। ज्ञान और व्यवहार के दृष्टिकोण से मेवाड़ बोलचाल की भाषा और लेखन को लेकर बहुत सतर्क थे। मेवाड़ तुच्छ और अपमानजनक भाषा से हमेशा परहेज करते थे। लेखन और बोलचाल की दृष्टि से मेवाड़ को उच्च कोटि की अंग्रेजी भाषा व मेवाड़ी भाषा में महारत हासिल थी। ज्यादातर समय वे मेवाड़ी में ही आम लोगों से बातचीत करते थे, लेकिन हिन्दी व अंग्रेजी में भी लोगों से खुलकर बात करते थे।
महेंद्रसिंह मेवाड़ की कुछ पुरानी तस्वीरें
उदयपुर में पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्रसिंह मेवाड़ की एक तस्वीर में उनके बेटे विश्वराजसिंह के साथ किसी कार्यक्रम में उनका स्वागत किया जा रहा है। दूसरी तस्वीर चित्तौड़गढ़ में जौहर स्मृति संस्थान द्वारा आयोजित जौहर के कार्यक्रम में महेंद्रसिंह मेवाड़ उनकी धर्मपत्नी के साथ मंच पर बैठे हैं। इसके अलावा महेंद्रसिंह मेवाड़ के पिता दिवंगत भगवतसिंह के निधन पर 1984 में महेंद्रसिंह मेवाड़ पगड़ी तस्तूर की रस्म निभाई गई थी। इस तरह महेंद्रसिंह मेवाड़ सिसोदिया वंशज है। उन्हें परिवार के बड़े के नाते राणा की पदवी मिली।
पद्मावत फिल्म का खुलकर किया था विरोध
2018 में जनवरी माह में ‘पद्मावत’ मूवी को लेकर महेंद्र सिंह मेवाड़ ने कई सवाल उठाए थे। उन्होंने फिल्म का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म में जो बताया है, वह न तो इतिहास में है और न ही मलिक मोहम्मद जायसी लिखित पद्मावत में है। उन्होंने तब सेंसर बोर्ड पर भी सवाल उठाए थे। तब मेवाड़ ने कहा था कि इतिहास की खिल्ली क्यों उड़ाई जा रही है। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया कहते हैं कि मैंने उनको राजनीति में जोड़ने के लिए पहला प्रयास किया था। वह भी उस समय जब एक तरह से पार्टी (बीजेपी) को खड़ा करना कठिन काम था। तब एकलिंगजी मंदिर से उदयपुर शहर तक हमने 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा साथ की थी। उसके समापन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी आए थे। उसके बाद से मेरा उनसे लगातार संपर्क बना रहा। तब वे चित्तौड़गढ़ से और मैं उदयपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद गया था। एक तरह से राजनीति में भी उनके साथ काम करने का मौका मिला। कई बार उनके घर जाना होता था। पिछले दिनों उनसे अस्पताल में भी मिलकर आया था। उनका जाना मेवाड़ के लिए भी बड़ी क्षति है। वर्ष 2007 में आचार्य महाप्रज्ञ का चातुर्मास था। तब उदयपुर के फील्ड क्लब में आचार्य महाप्रज्ञ के स्वागत के लिए महेंद्र सिंह मेवाड़ पहुंचे थे। भाजपा नेता और जैन समाज के प्रमोद सामर बताते हैं कि तब आचार्य से महेंद्र सिंह मेवाड़ ने आशीर्वाद लिया और चर्चा की।