
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2025) के नतीजों ने आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका दिया है। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली में सत्ता में वापसी ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को नई रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। हार के तुरंत बाद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) और आप विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक दिल्ली में आयोजित हो रही है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या अरविंद केजरीवाल वाकई पंजाब की राजनीति में सीधी एंट्री लेते हैं या भगवंत मान के नेतृत्व में ही पार्टी आगे बढ़ती है।
Kejriwal Punjab Entry : भाजपा और कांग्रेस (Congress) दोनों ही इस संभावना को हवा दे रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल खुद भगवंत मान को हटाकर पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल सकते हैं। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला बैठक के बाद ही साफ होगा। दिल्ली में मिली हार के बाद अब ‘आप’ की पूरी नजर पंजाब पर है, जो उसका एकमात्र मजबूत गढ़ है। ऐसे में, यह बैठक पार्टी की भविष्य की रणनीति तय कर सकती है।
आज खत्म होगा सस्पेंस (AAP Punjab Meeting Today)
इस बहुप्रतीक्षित बैठक में केजरीवाल पंजाब के मौजूदा हालात और पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा करेंगे। हालांकि, सूत्रों की मानें तो बैठक में आगे की रणनीति पर भी चर्चा होगी। यही वजह है कि इस बैठक को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
पंजाब में क्यों मची हलचल? (AAP Punjab Political Crisis)
2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) में ‘आप’ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन, दिल्ली में हार के बाद पार्टी के अंदर असंतोष की खबरें भी सामने आ रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी के आंतरिक समीकरण बदल सकते हैं और नेतृत्व में भी बदलाव हो सकता है।
लुधियाना सीट से लड़ सकते हैं केजरीवाल? (Kejriwal Ludhiana Seat)
पंजाब में इस समय लुधियाना (Ludhiana) की एक विधानसभा सीट खाली है। ऐसे में, यह संभावना जताई जा रही है कि अरविंद केजरीवाल इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं और सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। दिल्ली में हार के बाद अगर केजरीवाल पंजाब की ओर रुख करते हैं, तो यह उनकी राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगा।
क्यों जरूरी है ‘आप’ के लिए पंजाब? (AAP Future in Punjab)
दिल्ली में नई दिल्ली विधानसभा सीट (New Delhi Assembly Seat) से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) ने अरविंद केजरीवाल को हराया है। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही यह दावा कर रहे हैं कि पंजाब में भी ‘आप’ का ग्राफ नीचे जा सकता है।
2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में 13 में से सिर्फ 3 सीटें जीती थीं। ऐसे में, पंजाब ही ‘आप’ का आखिरी बड़ा गढ़ बचा है। अगर पार्टी यहां भी कमजोर होती है, तो उसकी राष्ट्रीय राजनीति में स्थिति खतरे में आ सकती है। यही कारण है कि इस बैठक के नतीजे पार्टी की स्थिरता और भविष्य की दिशा के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं।