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Blood Donation Camp : पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शुरू हुआ छठा रक्तदान शिविर शुक्रवार को राजसमंद जिले के दरीबा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में आयोजित किया गया। शहीद नारायणलाल गुर्जर सहित अन्य शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद युवाओं ने 558 यूनिट रक्तदान किया। इस तरह युवाओं मे देश की सेना के प्रति प्रगाढ़ आस्था, विश्वास व समर्पण भी स्पष्ट तौर पर दिखाई दिया।
Rajsamand News : रेडक्रॉस सोसायटी के मानद सचिव बृजलाल कुमावत ने बताया कि जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की प्रेरणा एवं रेडक्रॉस सोसायटी अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के निर्देशन में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में सुबह से ही रक्तदान के लिए युवा कतारबद्ध हो गए। शिविर में आरके जिला चिकित्सालय राजसमंद के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. रेखा सालवी के नेतृत्व में टीम पहुंच गई। चिकित्सा टीम द्वारा लोगों के रक्त सैंपल लेने के साथ ही उनका पंजीयन व रक्तदान की प्रक्रिया शुरू की गई।
ब्लड बैंक शिविर प्रभारी डॉ. रेखा सालव के नेतृत्व में महेश शर्मा नर्सिंग ऑफिसर , तकनीशियन युगल किशोर पालीवल, राधेश्याम सुखवाल, रमेश सुथार, पवन जाटव, अर्जुन यादव, रमेश दाधीच, रमेश आमेटा, चन्दा स्वर्णकार, सुनिता आमेटा, किरण चौधरी, नानालाल चांवरिया, सरल ब्लड बैक व महाराणा भूपाल अस्पताल उदयपुर से डॉ सुरेश डांगी, डॉ शीलप्रभा, डॉ. सावली, डॉ मानवेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह, ज्योति आमेटा, दीक्षा, हिमानी, सुर्या, मनोहरलाल मीणा, नन्दन पटेल आदि विभिन्न व्यवस्थाओं में जुट रहे। इसके अलावा शिविर की अन्य व्यवस्थाओं में रेडक्रॉस सोसाइटी के मानद बृजलाल कुमावत, संयुक्त सचिव दीपचद गाडरी, संयुक्त सचिव वाईस चेयरमेन सीपी व्यास, देवीलाल साहू, शब्बीर हुस्सैन बोहरा, प्रकाश कोठारी, गोपाललाल सरगरा, प्रह्लाद राय मुदडा, हर्षवर्धनसिंह भाटी आदि ने युवाओं को रक्तदान के लिए न सिर्फ प्रेरित किया, बल्कि रक्तदान करने से होने वाले फायदों के बारे में भी समझाया।
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शिविर का प्रारंभ शहीदों को श्रद्धांजलि देकर की प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक चला, जिसमें प्रथम बार रक्तदाताओं में ग्रामीणों के साथ माइंस कर्मचारी रक्तदाताओं ने बढ़ चढ़कर रक्तदान में भाग लिया। शिविर में 60 युवाओं ने जरूरत पड़ने पर तत्काल रक्तदान करने का संकल्प लिया। अंत में सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने कर्मचारियों का उपरणा व मोमेन्टो प्रदान कर अभिनन्दन किया। बताया कि मेहन्दुरिया अब तक छह शिविर आयोजित हो चुके हैं, जिसमें 2958 यूनिट रक्तदान किया जा चुका है।
रक्तदान कौन कर सकता है और साइड इफेक्ट
रक्तदान को सबसे महान दान में से एक माना जाता है क्योंकि यह किसी व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है। हर साल लाखों लोग दुर्घटनाओं, सर्जरी, एनीमिया, थैलेसीमिया और अन्य रक्त-संबंधी बीमारियों के कारण रक्त की आवश्यकता महसूस करते हैं। रक्तदान एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि दाता स्वस्थ हो और कुछ जरूरी मानदंडों को पूरा करता हो। रक्तदान एक नेक कार्य है जो किसी की जान बचा सकता है। हालाँकि, यह आवश्यक है कि रक्तदाता कुछ जरूरी मानदंडों को पूरा करे और रक्तदान के बाद उचित देखभाल करे। हल्के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन सही आहार और आराम से ये जल्दी ठीक हो जाते हैं। अगर आप स्वस्थ हैं और रक्तदान करने योग्य हैं, तो समय-समय पर रक्तदान करके जरूरतमंदों की मदद जरूर करें।
blood donation | रक्तदान कौन कर सकता है?
- आयु सीमा:
- रक्तदान करने के लिए व्यक्ति की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- वजन:
- रक्तदाता का वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना चाहिए।
- स्वास्थ्य स्थिति:
- रक्तदाता को पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए और उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए।
- रक्तदान से पहले डॉक्टर द्वारा दाता का हीमोग्लोबिन स्तर जाँचा जाता है, जो सामान्य रूप से 12.5 ग्राम/डेसीलीटर या उससे अधिक होना चाहिए।
- रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य मानक:
- रक्तदाता का ब्लड प्रेशर सामान्य होना चाहिए।
- यदि कोई व्यक्ति डायबिटीज़, हृदय रोग, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी (AIDS), मलेरिया, या अन्य गंभीर संक्रामक रोगों से पीड़ित है, तो वह रक्तदान नहीं कर सकता।
- धूम्रपान और शराब:
- अत्यधिक धूम्रपान या शराब पीने वाले व्यक्तियों को रक्तदान से बचना चाहिए क्योंकि इससे रक्त की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएँ:
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रक्तदान से बचना चाहिए क्योंकि इससे उनके शरीर में रक्त की कमी हो सकती है।
- रक्तदान का अंतराल:
- पुरुष हर 3 महीने में एक बार और महिलाएँ हर 4 महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं।
रक्तदान के साइड इफेक्ट
हालाँकि रक्तदान एक सुरक्षित प्रक्रिया है, फिर भी कुछ लोगों को इससे हल्की-फुल्की समस्याएँ हो सकती हैं। ये प्रभाव अस्थायी होते हैं और कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं।
1. कमजोरी और थकान
- रक्तदान के बाद कुछ लोगों को थोड़ी कमजोरी महसूस हो सकती है।
- शरीर को खोए हुए रक्त की पूर्ति करने के लिए थोड़ा समय लगता है।
- पर्याप्त पानी और पौष्टिक भोजन लेने से यह समस्या जल्दी ठीक हो जाती है।
2. चक्कर आना और सिरदर्द
- रक्तदान के तुरंत बाद कुछ लोगों को हल्का चक्कर आ सकता है, खासकर यदि उन्होंने खाली पेट रक्तदान किया हो।
- इससे बचने के लिए रक्तदान से पहले और बाद में पर्याप्त पानी और हल्का भोजन लेना चाहिए।
3. ब्लड प्रेशर में गिरावट
- कुछ लोगों में रक्तदान के बाद ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, जिससे उन्हें कमजोरी और चक्कर आने लगते हैं।
- इस स्थिति में लेटकर आराम करना और पानी पीना मददगार हो सकता है।
4. इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या सूजन
- रक्तदान के दौरान सुई चुभने वाली जगह पर हल्का दर्द, लालिमा या सूजन हो सकती है।
- यह समस्या कुछ घंटों में या अधिकतम एक-दो दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है।
5. लो हीमोग्लोबिन स्तर
- यदि कोई व्यक्ति बार-बार रक्तदान करता है और पर्याप्त आयरन युक्त आहार नहीं लेता, तो उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है।
- इससे बचने के लिए रक्तदान के बाद आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, गुड़, चुकंदर, सेब आदि का सेवन करना चाहिए।
benefits of blood donation : रक्तदान के फायदे
रक्तदान से केवल जरूरतमंदों को ही नहीं, बल्कि दाता को भी कई फायदे होते हैं।
- रक्तदान से हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम होता है।
- यह शरीर में रक्त उत्पादन की प्रक्रिया को तेज करता है।
- रक्तदान से मानसिक संतुष्टि मिलती है, क्योंकि यह एक परोपकारी कार्य है।
- इससे शरीर में आयरन संतुलन बना रहता है और रक्त संचार बेहतर होता है।