खेत पर काम कर रही एक महिला को सांप ने डस लिया। परिजन उस महिला को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़ फूंक तथा तंत्र के सहारे जहर को काबू में करने के अंधविश्वास में पड़ गए। महिला को पहले मंदिर ले गए जहां करीब एक घंटे तक रूके तब तक महिला के पूरे शरीर में जहर फैल गया। इसके बाद उसे अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने स्केन बाइट का इंजेक्शन लगाया लेकिन जहर पूरे शरीर में फैल जाने से महिला की मौत हो गई।
यह मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के लांबा पारड़ा गांव में एक महिला की परिजनों की लापरवाही और अंधविश्वास के चलते जान चली गई। लांबा पारड़ा गांव में तुलसी पत्नी नारायण यादव काे सुबह खेत में काम करने के दाैरान सांप ने डस लिया था। काम करने के दाैरान लकड़ियों के ढेर में छिपे सांप ने तुलसी की अंगुली अपने दांतों में पकड़ ली। महिला ने हाथ काे झटक कर सांप को हटाने का प्रयास किया लेकिन सांप ने महिला की उंगली को कसकर पकड़ लिया था। बड़ी मुश्किल से महिला की अंगुली को सांप के चंगुल से छुड़ाया गया। परिजन पहले उसे अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक तथा तंत्र मंत्र के सहारे जहर को काबू में करने के अंधविश्वास में पड़ गए।
पहले लोहरिया के पास स्थित धारकोण माता मंदिर ले गए। वहां पर तकरीबन एक घंटे तक परिजनों रूके रहे। जिसके चलते तुलसी के शरीर में सांप का जहर तेजी से फैल गया। झाड़-फूंक कराने के बाद वापस उसे गनोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया। तुलसी के हाथों पर झाड़-फूंक तथा जहर को काबू में करने के लिए सिंदूर लगाया गया था जो साफ नजर आ रहा था। गनोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जब तुलसी को लाया गया तब उसका जी घबरा रहा था तथा उसकी बीपी भी अनियंत्रित हो गई।
डाॅ. जय सिंह ने महिला को स्नैक बाइट का इंजेक्शन भी लगाया, लेकिन उसकी स्थिति में कोई भी सुधार नहीं होता देख उसे बांसवाड़ा रैफर कर दिया। महात्मा गांधी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती करने के बाद तुरंत ही उसकी मौत हो गई। इधर, महिला को काटने के बाद सांप वहीं पास में पड़ी लकड़ियों में घुस गया। ग्रामीणों ने सांप को भी मार दिया। तुलसी के छोटे-छोटे बच्चे हैं तथा परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, ग्रामीणों ने आर्थिक सहायता की मांग की है।