ऐसी हैवानियत जो इंसानियत को कलंकित करने वाली घटना सामने आई है। बेटी का जन्म हुआ तो निर्दयी मां-बाप ने बच्ची को धारों के खड्‌डों में डाल दिया। बकरियां चरा रहे बच्चों ने नवजात की किलकारी सुनी। इस पर ग्रामीण मौके पर पहुंच नवजात की जान बचाई। ऐसे में वे लोग कितने पत्थर दिल होंगें जिन्होंने सेखाला क्षेत्र के भालू राजवा गांव में अपनी नवजात बेटी को अपने हाथों से गड्ढा खोदकर उसमें डाल दिया। इससे भी उसका मन नहीं भरा तो उसने गले को छोड़ बाकी शरीर पर मिट्टी में दबा दिया।

यह घटना जोधपुर जिले के सेखाला क्षेत्र की है। गनीमत रही कि कुछ ही समय बाद धोरों में बकरियां चराते कुछ बच्चों ने उसकी चीख सुन ली। इसके बाद वे रोती आवाज की दिशा में गए तो वहां एक गड्ढे में नवजात बिलखती मिली। इससे बच्चे घबरा गए और दौड़कर ढाणियों में गए और लोगों को बताया। ग्रामीण आए और बच्ची को गड्ढे से निकालकर अस्पताल लाए। स्थानीय चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया।

ग्रामीणों ने पुलिस को भी सूचना दी है। घटना गुरुवार दोपहर की भालू राजवा के चन्दूड़ी नाडी के पास की है। यहां सुथारों के खेत में रेतीले टीलों के किनारे बच्ची को आधी दफनाई हुई स्थिति में देखकर बकरियां चराने वाले बच्चों ने ग्रामीण शैतानसिंह, बाग सिंह व उप सरपंच मगला राम विश्नोई को सूचना दी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर केतू कलां अस्पताल पहुंचाया।

वहां मेल नर्स उम्मेदसिंह राठौड़ व सीएसओ पंकज कुमार उपचार किया। उन्होंने बताया कि बच्ची करीब पांच घंटे पहले जन्मी है। वजन 2 किलो है। कम वजन का कारण प्रीमेच्योर डिलेवरी है। उसके सांस लेने में तकलीफ है। यहां डॉक्टरों ने चेकअप व प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से जोधपुर रेफर किया। वहीं, शेरगढ़ पुलिस भी मौके पर पहुंची और नवजात की मां की तलाश शुरू की।