एक शातिर बदमाश पुलिस अफसरों की ऑनलाइन फर्जी आईडी बनाकर उनको जेल भेजने की धमकी देकर मोटी रकम वसूल करता था। पुलिस ने साइबर सेल ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पुलिस अफसरों के नाम से Fake Id बनाकर व्हाट्सअप स्टेटस व डीपी लगाकर लोगों को धमका कर पैसे वसूलता था।
पुलिस अफसरों की Whatsapp पर Fake ID बनाकर भोले-भाले लोगों को धमकाकर मोटी रकम वसूलने वाले शातिर ठग को जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की साइबर सेल ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। शातिर ठग भरतपुर जिले के पहाड़ी थाना इलाके में मेवात क्षेत्र का रहने वाला है। वहीं गांव में बैठकर ही पुलिस अफसरों के नाम से ऑनलाइन फोटो सर्च करता है। फिर फोटो को डाउनलोड कर मोबाइल नंबरों पर व्हाट्सएप स्टेटस व डीपी लगाकर फर्जी आईडी बनाता है। इसके बाद लोगों को ठगता है। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन व सिम कार्ड भी जब्त कर लिया है।
पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि साहिल अली (22) निवासी खण्डेलवा, थाना पहाडी जिला भरतपुर का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में साहिल ने खुलासा किया है कि वह OLX पर फर्जी विज्ञापन देकर भी ठगी की वारदातें करता है। इसके अलावा मेवात इलाके में टटलू काटने की वारदात भी करता है। ठगी के शिकार एक व्यक्ति ने सायबर पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। बताया कि 11 जून 2021 को उसके मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले युवक ने खुद को क्राइम ब्रांच से पुलिस कमिश्नर होना बताया।
खुद को पुलिस अफसर बता रहे ठग ने पीड़ित से कहा कि तुमने यूट्यूब पर 3-4 वीडियो अपलोड किए हैं, जो कि विवादित है। इससे माहौल खराब हो रहा है। इसलिए तुम्हारे खिलाफ वारंट निकाला जा रहा है। गिरफ्तारी के बाद आपको 6-7 वर्ष की सजा होगी। रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले पीड़ित ने कहा कि उसने कोई वीडियो बनाकर यूट्यूब पर नहीं डाला है। पीड़ित पर विश्वास जताने के लिए शातिर ठग साहिल अली ने अपना नाम विक्रम गोस्वामी बताया।
उसने पुलिस वर्दी पहने हुए व्यक्ति का आईडी कार्ड भी भेजा। तब मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के सुपरविजन में सायबर सेल पुलिस ने पड़ताल शुरू की। तब मेवात क्षेत्र से ठगी का पता चला। इसके बाद हेडकांस्टेबल मानसिंह, कांस्टेबल संजय कुमार व शिवकुमार की स्पेशल गठित पुलिस टीम को भरतपुर भेजा गया। वहां पहाड़ी क्षेत्र में लोकेशन ट्रेस कर साहिल को पुलिस ने धरदबोचा। उसे गिरफ्तार कर जयपुर ले आए।