01 77 https://jaivardhannews.com/power-crisis-in-rajasthan-due-to-absurdity-of-monsoon-power-plant-stalled-due-to-lack-of-coal/

इस बार प्रदेश में मानसून मेहरबान नहीं है। अगस्त माह में सबसे ज्यादा बारिश होती है लेकिन इस बार औसत से कम बारिश हुई। बारिश कम होने से बिजली का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के संकट को देखते हुए दो घंटे की कटौती की जा रही है। उत्पादन के कई पावर प्लांट में कोयला नहीं होने के कारण बिजली सप्लाई गड़बड़ा गई है।

राजस्थान में मानसून के बेरुखी से सावन में करीब 10 साल बाद बिजली संकट खड़ा हो गया है। छोटे कस्बों व ग्रामीण इलाकों में एक से दो घंटे की अघोषित कटौती की जा रही है। बिजली की डिमांड 7 करोड़ यूनिट तक बढ़ चुकी है। उत्पादन निगम के कई पावर प्लांट में कोयला नहीं होने के कारण बिजली की सप्लाई गड़बड़ा गई है। प्रदेश में रोजाना 28 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई हो रही है, जबकि डिमांड 30 करोड़ तक पहुंच गई है। जबकि दो सप्ताह पहले बारिश के दौर में केवल 23 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई होती थी।

प्रदेश में कालीसिंध पावर प्लांट में बिजली उत्पादन करने के लिए कोयला नहीं है। ऐसे में यहां 600-600 मेगावाट की दो यूनिट बंद पड़ी है। अब छबड़ा पावर प्लांट से कोयला वहां भेजने की प्लानिंग हो रही है। जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम नॉदर्न ग्रिड में ओपन एक्सेस या शॉर्ट टर्म एग्रीमेंट से सस्ती बिजली लेने की कोशिश कर रहे है। हालांकि बारिश का दौर शुरु होने या फिर उत्पादन निगम के पावर प्लांट मेंटेनेंस से आने के बाद ही हालात सामान्य हो पाएंंगे।