भंवरी देवी हत्याकांड की मास्टरमाइंड इंद्रादेवी को भी जमानत मिल गई है। इस हत्याकांड के अब सभी 17 आरोपियों को बेल मिल गई है। 16 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। यह हत्याकांड 10 साल पहले हुआ इस आरोप में ये सभी आरोपी पिछलेे दस साल से सजा काट रहे थे।
बहुचर्चित भंवरी हत्याकांड की मास्टरमाइंड इंद्रा विश्नोई की बुधवार को हाईकोर्ट में जमानत मिल गई। भंवरी केस में इंद्रा को सबसे आखिर में जमानत मिली। अब सभी 17 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। राजस्थान हाईकोर्ट में इंद्रा की जमानत याचिका तकनीकी कारणों से उलझ गई थी। नई याचिका लगाई गई थी। इस पर बुधवार को सुनवाई हुई और जमानत को मंजूरी मिली। सितंबर 2011 में भंवरी के अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद इंद्रा सुर्खियों में आई थी। 3 नवंबर 2011 को सीबीआई ने पहली बार उससे पूछताछ की थी। एक महीने में उससे 6 बार पूछताछ की गई। फिर 3 दिसंबर 2011 को वह फरार हो गई थी। इंद्रा के राज उगलने के बाद सीबीआई ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां शुरू कीं। लंबे समय तक इंद्रा का कोई पता नहीं चल पाया। इंद्रा ने करीब साढ़े पांच साल तक नर्मदा के तट पर गुमनाम जीवनयापन कर फरारी काटी थी। 5 लाख रुपए की इनामी इंद्रा बहुत मुश्किल से पकड़ में आई थी। वह साल 2017 में पकड़ी गई और तभी से जेल में है।
इंद्रा के फरार होने के बाद पुलिस ने उसे खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग पाया। आखिरकार कोर्ट के माध्यम से उसके सरस्वती नगर स्थित मकान को नीलाम करने का ऑर्डर जारी किया गया। इस मकान को राज्य सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। कई बार इसे नीलाम करने की प्रक्रिया की गई, लेकिन इंद्रा के डर से कोई खरीदार ही सामने नहीं आए। यह मकान अभी तक राज्य सरकार के कब्जे में है।
भंवरी देवी के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से रिश्ते थे। उनके साथ उसकी सीडी भी थी। कहा जाता है कि इंद्रा के भाई और पूर्व एमएलए मलखान सिंह विश्नोई से भी भंवरी के संबंध थे। उससे एक बेटी भी थी। भंवरी उस बेटी का हक मांगने की धमकी दे रही थी। अपनी बेटी को हक दिलाने की मांग को लेकर एक बार भंवरी पुलिस थाने तक भी जा पहुंची। वहां से उसे इंद्रा वापस लेकर गई। इंद्रा ने उसे कदम-कदम पर रोका था।
इंद्रा भंवरी के पास मौजूद मदेरणा की सीडी भी हासिल करना चाहती थी। उसका मकसद था कि इसके दम पर मदेरणा की मंत्री पद से छुट्टी हो जाएगी और उसका भाई मंत्री बन जाएगा। इसके बाद इंद्रा ने अपने भाई मलखान व परसराम से चर्चा कर भंवरी के अपहरण की योजना तैयार की। ताकि अपहरण कर भंवरी से सीडी हासिल की जा सके, लेकिन अपहरण के बाद घटनाक्रम इतनी तेजी से घूमा कि भंवरी की हत्या हो गई। इसके बाद इंद्रा की पूरी योजना धरी रह गई। यह भी आरोप है कि इंद्रा ने भंवरी के मर्डर के बाद उसके पति अमरचंद को 10 लाख रुपए दिए। उसे भंवरी के मर्डर का आरोप मंत्री मदेरणा पर लगाने के लिए तैयार किया। इंद्रा के कहने पर अमरचंद ने मदेरणा के खिलाफ केस दर्ज करवाया और खुद इंसाफ के लिए आंदोलन चलाने लगी। इंद्रा की योजना मदेरणा को भंवरी के मर्डर में फंसाकर अपने भाई मलखान को मंत्री बनवाना थी।