राजस्थान में 2 अक्टूबर से चलने वाले प्रशासन गांवों के संग अभियान में बिजली चोरी करने वाले लोगों को 50 प्रतिशत बिजली का बिल भरना होगा। बाकी का जुर्माना भी हाथों हाथ माफ करवा सकेंगेे। प्रशासन गांव के संग व प्रशासन शहरों के संग अभियान में बिजली चोरी करने वाले लोगों को विशेष रियायत दी जा रही है। बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए किसानों को 50 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर शेष पूरा जुर्माना हाथों-हाथ माफ कर दिया जाएगा। वहीं, दूसरे उपभोक्ताओं के समय सीमा जा चुकी पुराने प्रकरणों को भी सुनवाई में लिया जा सकेगा।
उन्हें सुनवाई के लिए आवेदन करते समय केवल 10 प्रतिशत राशि जमा करवानी होगी। सेटलमेंट कमेटी वीसीआर पर फैसला सुनवाई करने के बाद 25 प्रतिशत राशि में भी फैसला कर सकती है। बिजली कंपनियों के इस आदेश के बाद बिजली चोरी रोकने की कोशिशों पर ही सवाल उठ रहे हैं। बिजली छीजत के कारण जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम का वित्तीय घाटा एक लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है तथा उत्पादन कंपनियों के 28 हजार करोड़ रुपए बकाया है।
प्रदेश में जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम 2 रुपए 50 पैसे से 4 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को 6 से 11 रुपए प्रति यूनिट में बेचती है। यानी दुगुनी रेट पर बिजली बेचने के बावजूद हर साल औसतन 7140 करोड़ का घाटा हो रहा है। तीनों डिस्कॉम हर साल करीब 8100 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई करते है।
डिस्काॅम के इंजीनियरों ने पिछले साल विजिलेंस चैकिंग कर एक लाख 25 हजार वीसीआर भरी। इन वीसीआर में करीब 296 करोड़ रुपए की बिजली चोरी होने का आंकलन था। लेकिन राजनीतिक दखल व ब्यूरोक्रेसी की सिफारिशों के कारण इन वीसीआर से केवल 80 करोड़ रुपए ही वसूल हो पाए। यही हालात इस साल की है। इस साल पंचायत चुनावों के कारण केवल 50 हजार वीसीआर भरी जा सकी है। इसमें करीब 110 करोड़ का जुर्माना लगाया, लेकिन 30 करोड़ रुपए वसूल हो सके है।
राजस्थान डिस्कॉम के चेयरमेन भास्कर ए. सावंत के निर्देश के बाद तीनों डिस्कॉम की कॉमर्शियल विंग ने अभियान को लेकर आदेश जारी किया है। अब 17 दिसंबर तक प्रशासन शहरों व गांवों के संग अभियान में पुरानी वीसीआर के समाधान के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए केवल 10 प्रतिशत राशि जमा करवानी होगी। अब तक वीसीआर की सुनवाई के लिए 30 दिन की समय सीमा तय थी। जो मामले कोर्ट में विचाराधीन है, उन्हें वापस लेने पर हाथों हाथ कैंप में निस्तारित कर दिए जाएंगे। डिस्काॅम के एईएन लंबित वीसीआर वाले उपभोक्ताओं व गैर उपभोक्ताओं को लिखित नोटिस देकर सूचना देंगे। इसकी पावती लेंगे। इसके बाद लोग सेटलमेंट कमेटी के लिए आवेदन करेंगे। शिविर में कागजी पूर्ति की जाएगी।