राजस्थान में कोरोना कफी हद तक कंट्रोल में आ चुका है लेकिन राजस्थान में अभी नया खतरा मंडराने लगा है। राजस्थान में सितंबर माह में ही 1774 डेंगू के केस मिले है। अब प्रदेश में मौसमी बीमारी और मच्छरों ने चिंता बढ़ा दी हे। लोग इन दिनों वायरल बुखार से बीमार पड़ रहे है।
राजस्थान में मौसमी बीमारी और मच्छरों ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में इन दिनों वायरल बुखार के साथ ही डेंगू और चिकनगुनिया के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जयपुर में डेंगू के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं। पिछले 3 महीने (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में जयपुर में डेंगू के 389 मरीज मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सितंबर में 287 मरीज मिले हैं। जयपुर में बढ़ते डेंगू के केसों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में बुखार, खांसी जुकाम के मरीज आ रहे हैं। ऐसे में हॉस्पिटल में आने वाले अधिकांश मरीजों की डेंगू मलेरिया की जांच करवाई जा रही है।
जयपुर के अलावा अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, धौलपुर, जैसलमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और प्रतापगढ़ भी डेंगू के हॉटस्पॉट की सूची में शामिल हैं। इन जिलों में इस साल जनवरी से अगस्त तक जितने मरीज डेंगू के मिले हैं, उससे ज्यादा या उतनी ही संख्या में मरीज केवल सितंबर महीने में सामने आए हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति अलवर, कोटा और भीलवाड़ा की है।
जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के यूनिट हैड डॉ. रमन शर्मा के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार, सिर दर्द और थकान ज्यादा महसूस हो रही है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। क्योंकि ये लक्षण डेंगू या मलेरिया के हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि एसएमएस में लगभग 10 मेडिसिन यूनिट है और हर यूनिट में डेंगू के मरीज भर्ती हैं। मौसम को देखते हुए हमने डेंगू की जांच को भी बढ़ा दिया है।