जनरल बिपिन रावत नहीं रहे। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, यानी CDS थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है।
रावत सच्चे देशभक्त थे : प्रधानमंत्री
CDS रावत के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जाहिर किया है। मोदी ने ट्वीट में लिखा- जनरल रावत बेमिसाल सैनिक थे। सच्चे देशभक्त थे और उन्होंने हमारी सेनाओं के मॉर्डनाइजेशन के लिए योगदान दिया। उनके जाने से मुझे गहरा दुख हुआ है। देश उनकी असाधारण सेवा को कभी नहीं भूलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा- रावत का असमय निधन देश और सेना के लिए कभी न पूरी हो पाने वाली क्षति है।
हेलिकॉप्टर क्रैश में अकेले बचने वाले शख्स हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह। उनकी बॉडी इस हादसे में बुरी तरह झुलस गई है। वे वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले साल तेजस फाइटर जेट उड़ाते वक्त उन्हें बड़ी तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, पर उन्होंने साहस नहीं खोया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
हेलिकॉप्टर में कौन-कौन सवार था?
हादसे का शिकार हुए Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। चॉपर में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांंस नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार थे। 5 और लोगों के नाम सामने आने बाकी हैं।
चश्मदीद बोले- आग का गोला बन गया था हेलिकॉप्टर
चश्मदीदों के मुताबिक हादसे से पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर पहले पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को हेलिकॉप्टर से बाहर गिरते हुए देखा।
हादसा तब हुआ, जब जनरल रावत कुन्नूर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस सुलूर लौट रहे थे। हेलिपैड से 10 मिनट के दूरी पर घने जंगलों के बीच हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक हादसे की वजह खराब मौसम बताया जा रहा है।
उत्तराखंड के रहने वाले थे जनरल बिपिन रावत
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे। उन्होंने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़गवासला से पढ़ाई की है। दिसंबर 1978 में उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी से गोरखा रायफल्स की 5वीं बटालियन में नियुक्ति मिली थी। यहां उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था
सेना से जुड़ी हुई हैं मधूलिका रावत भी
सीडीएस का पद दिए जाने से पहले वह थल सेना के 27वें अध्यक्ष थे। इससे पहले एक सितंबर 2016 को उन्हें सेना का उप प्रमुख बनाया गया था। जनरल रावत की पत्नी मधूलिका रावत भी सेना से जुड़ी हुई हैं। वह आर्मी वूमेन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं। जनरल रावत की दो बेटियां हैं। उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए की पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।