देवगढ़ में सड़क किनारे खड़ी कार पर डम्पर चढ़का दो युवकों की कुचलने से मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। देवगढ़ पुलिस ने कार पर डंपर चढ़ाकर दो युवकों की हत्या के मामले में डंपर मालिक, मुनीम, ड्राइवर और खलासी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने डंपर से कार को टक्कर मार कर दो युवकों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने इसे पहले सड़क हादसा बताया था। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ गया। विरोध के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और आरोपियों को दबोच लिया।
घटना को एक्सीडेंट बताने के विरोध हुआ तो कामलीघाट पुलिस चौकी के प्रभारी सहित 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। साथ ही एक जवान को लाइन हाजिर किया गया था। मंगलवार को पुलिस ने हत्या के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी बजरी माफिया हैं। देवगढ़ थाना इंचार्ज शैतानसिंह ने बताया कि डंपर से टक्कर मारकर हत्या करने के आरोप में पाली जिले के थाना मारवाड़ जंक्शन के बिठोड़ा खुर्द निवासी श्रवणसिंह (33) पुत्र हरिसिंह, सीकर जिले के थाना खंडेला के समरथपुरा निवासी नरेंद्रसिंह (25) पुत्र कालूसिंह, जयपुर जिले के थाना रेनवाल के भैंसलाना निवासी ताराचंद (22) पुत्र रामनिवास जाट और नागौर जिले के थाना लाडनू निवासी सहदेव (28) पुत्र नारायणदान चारण को गिरफ्तार किया है।
भीम डीएसपी राजेंद्रसिंह ने बताया कि चारों आरोपी बजरी खनन के काम से जुडे़ हैं। श्रवणसिंह के पास रेती के दो डंपर हैं। दोनों डंपर मारवाड़ से देवगढ़ क्षेत्र में रेती सप्लाई के काम में लगे हैं। देवगढ़ में श्रवण का सारा काम उसका मुनीम नरेन्द्र सिंह देखता है। ताराचंद डम्पर का चालक है और सहदेव खलासी है। 29 जनवरी की रात को बाघाना निवासी घीसाराम सालवी ने श्रवण सिंह को बजरी डालने का आर्डर दिया था।
डंपर मालिक से परमीशन लेकर वारदात
नरेन्द्र सिंह ने श्रवण सिंह से फोन पर बात की और कहासुनी वाली बात बता दी। इस पर श्रवण सिंह ने कह दिया कि ये परेशान कर रहे हैं तो डम्पर से इनकी गाड़ी को ठोक दो। नरेन्द्र सिंह ने डम्पर चालक ताराचन्द को कहा कि अपने डम्पर से इनकी कार को टक्कर मार दो। उसने ये भी कहा कि मैंने श्रवण सिंह से पूछ लिया है। इस पर ताराचन्द ने बजरी का डम्पर वहीं खाली कर अल्टो कार को टक्कर मार दी। जिससे कार अंदर बैठे पवन गुर्जर व महेन्द्र मेवाडा घायल हो गये। वारदात के बाद ताराचन्द डम्पर को वहां से भगा कर ले गया और उसी समय श्रवण सिंह अपनी स्कॉर्पियों गाडी लेकर चौराहे पर आया। ताराचन्द ने डम्पर को जंगल में छुपा दिया और अपनी स्कॉर्पियो में ताराचन्द, सहदेव व नरेन्द्र सिंह को साथ बिठा कर कामलीघाट ले गया। यहां पर नरेन्द्र सिंह को उतार कर वह मारवाड़ जंक्शन की तरफ चला गया। पुलिस की दो टीम मारवाड़ भेजी गई। पाली व जोधपुर पुलिस का सहयोग लिया गया। आरोपियों को डिटेन कर थाना देवगढ लाया गया। जिनसे पूछताछ कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में जल्द ही न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा और उच्च अधिकारियों के आदेश से प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम के तहत लिया जाएगा।