01 54 https://jaivardhannews.com/illegal-recovery-being-done-from-the-general-public-at-the-illegal-e-mitra-center-running-outside-the-rto-office-not-removed-even-after-complaint/

जिला परिवहन कार्यालय के बाहर कई अवैध ई-मित्र संचालित है इन ईमित्रों पर न तो रेट लिस्ट है और न ही इनकी लोकेशन यहां की है। आमजन से लेगा अवैध वसूली कर रहे है। शिकायत करने के बावजूद भी जिम्मेदारों ने इन्हें हटाना मुनासिब नहीं समझा। जिला परिवहन कार्यालय में इन दिनों दलालों की भरमार है । परिवहन परिसर के बाहर अवैध रूप से कई दुकानें संचालित की जा रही हैं। अवैध ई-मित्र संचालक आमजन को गुमराह कर मनमानी राशि वसूल रहे हैं, जिससे परिवहन कार्यालय की साख गिर रही है। परिवहन अधिकारी की शिकायत के बावजूद नगर परिषद कार्रवाई नहीं कर रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही के कारण परिवहन के बाहर बैठे दलाल नियमों को ताक पर रख अवैध वसूली कर जेब भर रहे हैं। कांकरोली के कृषि उपज मंडी के नारायण गुर्जर ने बताया कि उनके एक ऑटो का गत दिनों आरटीओ की ओर से चालान बनाया गया था। चालान जमा करवाने आए तो बाहर बैठे यातायात सलाहकार ने कहा कि चालान ऑनलाइन भरना पड़ेगा। चालान से 20 प्रतिशत अधिक राशि ले ली गई। इसके बाद चालान नहीं भरा गया। फोन कर चालान जमा कराने के लिए कहा तो बोला कि जमा करवा देंगे, कोई आरटीओ रोक ले तो मेरा नाम ले लेना, मैं छुडवा दूंगा। सरकारी पास भी दिखाया। फिटनेस करने के 3500 रुपए वसूल लिए और फिटनेस भी नहीं किया। पूछने पर धमकाने लगे। इसके बाद परिवहन अधिकारी को शिकायत दर्ज करवायी।

व्यापार मंडल के मनीष जैन ने बताया कि परिवहन कार्यालय के बाहर फर्जी ई-मित्र लगे हुए हैं, जिनकी लोकेशन और कहीं है या ई मित्र का लाईसेंस भी नहीं है, वे भी ई-मित्र खोलकर बैठे हुए हैं। 500 के चालान पर 1500 रूपए अधिक वसूल कर लिए। ये केबिन लगाकर अवैध वसूली का काम कर रहे हैं। जिला परिवहन कार्यालय के बाहर सरकारी जमीन पर कई लोग अवैध केबिन लगाकर आरटीओ ऑफिस के दलाल बन कर कार्य कर रहे हैं। वहां आने वाले ग्राहकों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। कई दुकानों पर ई मित्र केंद्र का बोर्ड भी लगा हुआ है, जबकि नियमानुसार इतने ई मित्र केंद्र एक साथ नहीं लग सकते।

जब इस बारे में जिला परिवहन अधिकारी नैनसिंह सोढा ने कहा कि उन्होंने दो बार नगर परिषद आयुक्त और कलेक्टर को पत्र लिखकर सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के बारे में अवगत कराया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दिसंबर में हुई यातायात सलाहकार समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की जिला परिवहन अधिकारी की गुहार को नगर परिषद आयुक्त और कलेक्टर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

राजसमंद आईटी विभाग के हिम्मत कीर का का कहना है कि अगर परिवहन कार्यालय के बाहर अवैध ई-मित्र केंद्र संचालित हो रहे हैं, तो सोमवार को इसकी जांच करवा दी जाएगी। अवैध होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं नगर परिषद आयुक्त जनार्दन शर्मा ने कहा कि नगरपरिषद क्षेत्र की जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर केबिन लगा रखे हैं, तो उनकी जांच कर जल्द हटवाने की कार्रवाई की जाएगी।