विद्यालय में बच्चों से अशैक्षिणक कार्य करवाने पर बच्चों ने टीचरों के खिलाफ चाइल्ड लाइन में शिकायत कर दी। बच्चों के शिकायत कर बताया कि शिक्षक हमसे नाश्ता गुटखा मंगवाते है और स्कूल के काम करवाते है। बाल कल्याण समिति ने बैठक लेकर मामले पर संज्ञान लिया।
मामला राजसमंद जिले के आमेट तहसील के मुरडा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्कूल का है। शिक्षकों द्वारा बच्चों से स्कूल के कार्य करवाए जा रहे थे। आरोप है कि शिक्षक स्कूल में मोबाइल लेकर बैठे थे और बच्चों को शरीरिक कष्ट की सजा दे रहे थे। बच्चों ने शिकायत की है कि टीचर्स उनसे नाश्ता और गुटखा मंगवाते हैं। शिकायत मिलने के बाद बाल कल्याण समिति ने बैठक कर मामले पर संज्ञान लिया।
जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने के बाद बैठक की गई। स्कूल स्टाफ द्वारा बच्चों से विद्यालय समय में बाहर से समोसे व गुटखा मंगवाना, विद्यालय में स्टाफ के लिए चाय बनवाना, कक्षा कक्ष में झाड़ू लगवाना, बच्चों के और स्टाफ के टॉयलेट की सफाई करवाना, बच्चों को धूप में मुर्गा बनाना और ऊपर एक अन्य बालक को बैठाना, लोहे के स्केल से मारना, विद्यालय शिक्षण समय में विद्यार्थियों को पढाने के बजाय मोबाइल लेकर बैठना, विद्यार्थियों की उपस्थिति छात्रों से ही करवाना और विद्यार्थियों का शिक्षण पूरा नहीं होना जैसे तथ्यों पर संज्ञान लिया गया।
बाल कल्याण समिति के द्वारा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए लिखा गया। दो दिन में कार्यवाही से अवगत कराने के लिए लिखा गया। विद्यार्थियों के शिक्षण व्यवस्था को नियमित व सुचारू करने के लिए कहा गया। बैठक में सदस्य बहादुरसिंह चारण, सीमा डागलिया, रेखा गुर्जर, हरजेन्द्र चौधरी मौजूद थे। समिति द्वारा मामले के बारे में कलेक्टर, उपखण्ड अधिकारी राजसमंद, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को भी अवगत कराया गया।
पालीवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते विद्यार्थियों को अध्ययन प्रभावित हुआ। इसके बाद पुनः राज्य सरकार के आदेश से विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियां प्रारम्भ हुई हैं। ऐसे में यदि विद्यालयों में विद्यार्थियों को अध्ययन नहीं करवाया जाकर अशैक्षणिक कार्य करवाए जाते हैं तो विद्यार्थियों के प्रति यह अमानवीयता है। ऐसे मामले चाइल्ड लाइन 1098 पर शिकायत की जा सकती है और चाइल्ड लाइन द्वारा बालकों के हितो के लिए जिला बाल कल्याण समिति को अवगत कराया जा सकता है।