Accident in mahakumbh : उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में पवित्र त्रिवेणी संगम तट पर महाकुंभ के दौरान मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इस हृदय विदारक घटना में 35 से 40 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई और प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। मृतक व घायलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और अब तक करीब 20 शव उनके परिजनों को प्रशासन द्वारा सौंपे जा चुके हैं। वे उन्हें लेकर चले भी गए। प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट- भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर बॉर्डर को बंद कर दिया है। इधर, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर हादसे के 14 घंटे बाद भी कोई जानकारी नहीं दी। PM मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है।
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
Mahakumbh Stampede : कैसे हुआ हादसा?
Mahakumbh Stampede : हादसे के पीछे मुख्य रूप से दो प्रमुख कारण सामने आए हैं:
- अमृत स्नान के कारण बढ़ी भीड़: मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे। अमृत स्नान के कारण ज्यादातर पांटून पुल बंद कर दिए गए थे, जिससे संगम तट पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। जैसे ही लोगों का दबाव बढ़ा, बैरिकेड्स टूट गए और भगदड़ मच गई।
- अव्यवस्थित प्रवेश और निकासी मार्ग: संगम नोज पर प्रवेश और निकासी के अलग-अलग मार्ग नहीं थे। श्रद्धालु जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से लौट रहे थे। जैसे ही भगदड़ मची, लोगों को भागने का अवसर नहीं मिला और वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
Mahakumbh Incident news : मौके पर मची अफरा-तफरी
Mahakumbh Incident news : भगदड़ के तुरंत बाद, श्रद्धालुओं में चीख-पुकार मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे स्थिति और भयावह हो गई। देखते ही देखते 70 से अधिक एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गईं और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। हालात काबू करने के लिए एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया और संगम नोज पर आम जनता की एंट्री पर रोक लगा दी गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और सरकारी बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि गंगा हर जगह पवित्र है, इसलिए सभी श्रद्धालुओं को संगम तट पर ही स्नान करने की जिद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करें और जहां हैं, वहीं स्नान करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे को लेकर सीएम योगी से तीन बार फोन पर बात की और स्थिति की जानकारी ली।
News on mahakumbh : विपक्ष का सरकार पर निशाना
News on mahakumbh : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह हादसा सरकार की बदइंतजामी और वीआईपी कल्चर का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता को रोककर वीआईपी श्रद्धालुओं को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे भीड़ बढ़ गई और भगदड़ की नौबत आ गई।
14 People Death in Mahakumbh : महाकुंभ का प्रबंधन सेना को सौंपे सरकार- अखिलेश यादव
14 People Death in Mahakumbh : महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।
हादसे की जांच और मानवाधिकार आयोग की याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने इस हादसे की जांच के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफवाह के चलते भगदड़ मची और महिलाएं गिरकर कुचल दी गईं। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
रेलवे मंत्रालय का बड़ा फैसला
भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे मंत्रालय ने प्रयागराज रीजन के लिए 360 विशेष ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है। फिलहाल किसी भी ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है, जिससे यात्रियों को अधिक परेशानी न हो।
अखाड़ा परिषद की प्रतिक्रिया
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जनहित में सभी अखाड़ों ने फैसला लिया है कि वे आज स्नान में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मौनी अमावस्या के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन भीड़ का दबाव बरकरार
सीएम योगी ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन संगम नोज और अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बनी हुई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को अस्थायी घाटों पर ही स्नान करने की सलाह दी है, ताकि संगम नोज पर दबाव कम किया जा सके।
श्रद्धालुओं से अपील
सरकार और संत समाज ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और भीड़ से बचने के लिए संगम तट पर अनावश्यक रूप से न जाएं। प्रशासन इस महायोजना को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।