एक सरकारी टीम ने घर मे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। टीचर के दो बच्चे है। मां को फंदे पर लटका देख बच्चा चिल्लाया तो आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। मृतका का पति एक फैक्ट्री में काम करता है। महिला टीचर ने आत्महत्या क्यूं की इसका अभी खुलाासा नहीं हुआ पुलिस जांच मेें जुटी हुई है।
कोटा जिले की रामगंजमंडी उपखंड के मोड़क थाना क्षेत्र में 36 वर्षीय अर्पिता सैनी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह मोड़क के ढाकिया गांव के सरकारी स्कूल में टीचर थी। अपने पति व दो बच्चों के साथ मोड़क में मंगलम ऑफिसर कॉलोनी में रहती थी। उसके पति जितेंद्र सैनी मंगलम फैक्ट्री में काम करते हैं। सुबह पति के नौकरी पर जाने के बाद अर्पिता ने यह आत्मघाती कदम उठाया। फिलहाल आत्महत्या का कारण सामने नहीं आया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजन को सौंप दिया गया है।
मोडक थानाधिकारी अमरनाथ ने बताया कि अर्पिता की साल 2013 में शादी हुई थी। उसके 7 साल का बेटा व 4 साल की बेटी है। जितेंद्र सैनी के ड्यूटी पर जाने के बाद क्वार्टर के दूसरे कमरे में सुबह 10:15 बजे साड़ी से फंदा लगा लिया। बच्चे दूसरे कमरे में टीवी देख रहे थे। अर्पिता के बेटे की नजर पड़ी तो वो चिल्लाने लगा। बच्चे की चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसियों को जानकारी हुई।
सूचना पर मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारकर मोड़क हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया। अर्पिता का पीहर बूंदी में है। पीहर पक्ष के लोगों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। जितेंद्र सैनी ने बताया कि अर्पिता और मैंने सुबह एक साथ चाय पी थी। उसको किसी प्रकार का तनाव नहीं था। सुबह फैक्ट्री के लिए निकला तो बाहर तक छोड़ने आई थी।