Allegations of Fake Patta : राजसमंद शहर में कथित तौर पर फर्जी पट्टा बनाने के आरोप को लेकर नगरपरिषद सभापति अशोक टांक, पूर्व आयुक्त जनार्दन शर्मा सहित 10 लोगों के खिलाफ राजनगर थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है। एससीएसटी न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी।
Rajnagar Police Station : पुलिस के अनुसार कुम्हारिया खेड़ा, नाथद्वारा निवासी भूपेंद्र कुमार खटीक की रिपोर्ट पर न्यायालय के आदेश पर राजनगर थाने में प्रकरण दर्ज हुआ। देवथड़ी निवासी अंबालाल कुमावत, उनके भाई दिनेशचंद्र कुमावत, पन्नालाल कुमावत, रेगर मोहल्ला राजनगर निवासी मांगीलाल रेगर, केलवा निवासी शंकरलाल रेगर, नगरपरिषद के तत्कालीन आयुक्त जनार्दन शर्मा, सभापति अशोक टांक, सौ फीट रोड राजसमंद निवासी मनीष देवपुरा, नाथद्वारा निवासी संजय कुमार सिंघवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
Nagarparishad rajsamand : बताया कि 19 जुलाई 2023 को तत्कालीन आयुक्त द्वारा जमीन का पट्टा जारी किया, जो नियमों के विरुद्ध है। क्योंकि पारिवारिक न्यायालय राजसमंद में रामलाल व अन्य बनाम हरीश के प्रकरण संख्या 66 सन 2017 विचाराधीन होकर 26 जुलाई 2024 तक चला। फिर भी आरोपियों ने षड़यंत्रपूर्वक धोखे से तथ्यों को छिपाकर पट्टा जारी कर दिया। इस पर 3 अगस्त 2024 को राजनगर थाना पुलिस के साथ जिला पुलिस अधीक्षक को परिवाद पेश किया। फिर थि प्रकरण दर्ज नहीं हुआ। इस तरह पीड़ित अनुसूचित जाति को होने से आरोपियों द्वारा उसे प्रताड़ित किया जा रहा है और उसकी जमीन हड़प कर उसे काफी नुकसान पहुंचाया है। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। अब प्रकरण की जांच उप निरीक्षक पूराराम द्वारा की जा रही है।
Ashok Tak : आरोप गलत, नियमानुसार बनाया पट्टा
Ashok Tak : तहसीलदार, टाउन प्लानर की स्वीकृति व नियमानुसार ही पट्टा जारी किया गया है। कतिपय व्यक्ति द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, वह झूठे व गलत है। पुलिस जांच में दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा। क्योंकि खातेदार आराजी नंबर के नाम की स्वीकृति तहसीलदार व पटवारी रिपोर्ट आने पर ही नगरपरिषद द्वारा पट्टा जारी किया जाता है।
अशोक टांक, सभापति नगरपरिषद राजसमंद