बंदरों को सबसे शरारती, फुर्तीले और बुद्धिमान जानवरों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में मनुष्य भी बंदर ही था। अक्सर हमारे घरों में या आसपास बंदर पेड़ों पर उछलते-कूदते हुए दिखाई दे ही जाते हैं। कई बार तो इनकी नटखट हरकतें देखकर हंसी आ जाती है। परंतु बंदरों से जुड़े हुए कुछ ऐसे रोचक तथ्य हैं जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे।
क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में केवल मानव ही नहीं एक बंदर को भी भेजा जा चुका है। अंतरिक्ष में भेजे गए पहले बंदर का नाम अल्बर्ट था। टीबी एक ऐसा रोग है जो मनुष्यों के साथ बंदरों में भी हो सकता है। दुनिया में हाउलर नाम का एक बंदर ऐसा है जिसके चिल्लाने की आवाज 5 किलोमीटर दूर तक जाती है। ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका दो देश ऐसे हैं जहां बंदर नहीं पाए जाते हैं। आराम करना केवल इंसानों को भी नहीं बल्कि जानवरों के लिए आवश्यक होता है। मुख्यतः बंदर अपने जीवनकाल में 80% तक आराम करते हैं।
चिंपैंजी को सबसे होशियार और बुद्धिमान प्रजाति माना जाता है। अगर कभी बंदर को कभी आईना दिख जाता है तो वह सबसे पहले अपने गुप्तांगों का निरीक्षण करते हैं। मलेशिया और थाईलैंड दो ऐसे देश हैं जहां बंदरों को पेड़ों पर से नारियल तोड़ने की कला सिखाई जाती है। बंदर ही केवल ऐसा पशु है जो केले को इंसानों की तरह छिलका उतारकर खाते हैं। बंदर आपस में वार्तालाप करने के लिए आवास का नहीं बल्कि इशारों का उपयोग करते हैं। बंदरों का जीवनकाल 10 से 50 वर्ष तक का हो सकता है। बंदर की पूंछ उसके शरीर का एक मुख्य और ताकतवर हिस्सा होती है जो उन्हें शारीरिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है। सामान्यतः एक समूह में बंदरों की संख्या 12 होती है।