ठगों ने एक बैंक ऑफ बड़ौदा को निशाना बनाया। बदमाशों ने 7 हजार के डिवाइस से सर्वर को हैक कर 32 लाख रुपए निकाल लिए। पुलिस ने मास्टरमाइंड नाइजीरियन को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले ठगी के आरोप में दो महिलाओं को भी गरिफ्तार हो चुकी है।
जयपुर में बैंक ऑफ बडौदा के एटीएम को हैक कर 32 लाख रुपए निकालने वाले मास्टरमाइंड नाइजीरियन को एसओजी ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मामले में पूर्व में गिरफ्तार दोनों विदेशी महिलाओं का नाम पता और पासपोर्ट फर्जी पाया गया है। नाइजीरियन ठग के इशारे पर ही वे राजस्थान आईं थी और एटीएम की रैकी कर विशेष डिवाइस से एटीएम को हैक कर रकम निकालती थी।
आरोपियों से एसओजी ने बैंक के सर्वर को हैक करने के काम में लिया गया डिवाइस व एक लैपटॉप बरामद किया है। दोनों विदेशी महिलाओं का पासपोर्ट बेंगलुरु पुलिस ने जब्त किया तो फर्जी पासपोर्ट बना लिया। एसओजी के अनुसार गिरफ्तार आरोपी सण्डे कैलेची है। वह दिल्ली में चंद्र विहार इलाके में रह रहा था।
ठगी के लिए आरोपियों ने 7 हजार रुपए में रेसपैडरी पीआई नाम का डिवाईस ऑनलाइन मंगाया था। इसी से वह सर्वर हैक करते थे। यह एक तरह का छोटा कम्प्यूटर है जो कंप्यूटर्स के बीच स्विच का काम करता है तथा लाइनेक्स प्लेटफॉर्म से जुड़ा होता है। आरोपियों ने इस डिवाइस को मॉडिफाई कर सर्वर का रूप दिया।
दोनों विदेशी महिलाएं एटीएम जाकर बैंक के सर्वर पोर्ट की जगह इसे लगाकर वाईफाई से कनेक्ट करती। इससे एटीएम का बैंक के मुख्य सर्वर से कनेक्ट टूट जाता है। इसके बाद एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन में लगाकर रुपए विड्रोल का कमांड दिया जाता है। इसे एटीएम द्वारा डिकलाइन किया जाता है। ये मैसेज बैंक के मुख्य सर्वर तक नहीं जा पाता।
साइबर ठगों द्वारा लगाए गए डिवाइस से ही एटीएम को कार्ड एक्टिव होने का मैसेज पहुंचाया जाता है। इस तरह बिना बैंक के मुख्य सर्वर से कनेक्ट किए डिवाइस की मदद से एटीएम से रुपए विड्रोल कर लिए जाते। दोनों विदेशी महिलाओं ने 16 जुलाई से 18 जुलाई के बीच दो दिन में जयपुर में 32 लाख निकाले थे।
महेश नगर, गोपालपुरा, सांगानेर, नेहरू पैलेस स्थित एटीएम से अलग अलग कर 32 लाख रुपए निकाले थे। दिल्ली में दोनों ने नाइजीरियन मास्टरमाइंड को रुपए देकर उसके माध्यम से नाइजीरिया स्थित बैंक में 20 जुलाई को ट्रांसफर करवा दिए।