राजसमंद जिले में भीम प्रधान बीरमसिंह रावत ने भीम विकास अधिकारी डॉ. रमेशचंद्र शर्मा व ब्यावर नगरपरिषद के पार्षद दलपत मेवाड़ा के खिलाफ ब्यावर थाने में प्रकरण दर्ज कराया है। प्रधान का आरोप है कि बीडीओ डॉ. रमेश मीणा ने उसे मोबाइल पर कॉल कर बुलाया। फिर मीणा ने पार्षद मेवाड़ा सहित आधा दर्जन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे जबरन बीडीओ की कार में बिठाकर अपहरण कर लिया। फिर उसे पार्षद मेवाड़ा के कनक टावर पर ले गए, जहां 3 जुलाई को डरा, धमकाकर जबरन पूर्व विधायक हरिसिंह रावत के खिलाफ वीडियो बनवाया, जिसमें मुझसे बुलवाया कि 27 लाख रुपए लेकर पूर्व विधायक हरिसिंह रावत ने मुझे प्रधान बनाया है। न्यायालय में इस्तगासे के जरिये प्रधान की रिपोर्ट पर ब्यावर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि 6 जुलाई को भीम बीडीओ डॉ. रमेश मीणा ने प्रधान बीरमसिंह के खिलाफ भीम थाने में मानहानि करने का मुकदमा दर्ज कराया था।

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ऐसे में अब प्रधान व बीडीओ का विवाद पुलिस कार्रवाही तक पहुंच गया है। भीम प्रधान वीरम सिंह ने ब्यावर कोर्ट में इस्तगासा दायर किया। जहां से ब्यावर सिटी पुलिस थाने पर मामला दर्ज करने का आदेश हुआ। जानकारी के अनुसार भरतवा निवासी भीम प्रधान वीरमसिंह पुत्र गोरु सिंह रावत ने भीम बीडीओ डाॅ. रमेश चंद पुत्र मधीलाल मीणा व ब्यावर नगर परिषद के पार्षद दलपत मेवाड़ा के खिलाफ अपहरण व साइबर एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज करवाया।

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प्रधान को डरा धमकाकर वीडियो बनाकर उसे वाट्सएप ग्रुप व राजसमंद के पत्रकारों के व्यक्तिगत नंबरों पर बतौर वीडियो मैसेज व न्यूज की तरह उक्त वीडीयो को जबरन वायरल कराया। जो घटना घटित ही नहीं हुई है, उसे जबरन बनाकर और परिवादी से बुलवाकर वीडियो वायरल किया गया। जबकि परिवादी भाजपा के बैनर तले पंचायत समिति सदस्य बनकर प्रधान का चुनाव जीता था। ना कि किसी काे पैसे देकर प्रधान बना है। परिवादी व परिवादी को पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा षड़यंत्र रचा गया। संबंधित स्क्रीन शॉट, वाट्सअप मैसेज की फोटो प्रतियां भी संलग्न की। वीरम सिंह ने बताया कि उक्त आशय की एक रिपोर्ट पुलिस थाना ब्यावर सिटी व एसपी अजमेर के यहां भी प्रस्तुत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। इस पर इस्तगासा दर्ज कराया।

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यह है मामला

भीम प्रधान बीरम सिंह ने वीडियो वायरल कर 3 जुलाई को भीम के पूर्व विधायक हरिसिंह रावत पर 27 लाख रुपए लेकर प्रधान बनाने का आराेप लगाकर राजनीतिक भूचाल ला दिया था। गौरतलब है कि 3 जुलाई को भीम प्रधान वीरम सिंह ने अपने लेटरहेड पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर भीम के पूर्व विधायक हरिसिंह रावत के खिलाफ प्रधान बनाने की एवज में 27 लाख रुपए लेने की शिकायत की थी। पूर्व विधायक हरिसिंह रावत को दिए 27 लाख रुपए वापस दिलाने की मांग की। इसके तीन दिन बाद 5 जुलाई को ही प्रधान बीरम सिंह अपने बयानों से मुकर गए और भीम बीडीओ डा. रमेश चंद्र मीणा के दबाव में जबरन उसे कुछ नशीला पदार्थ खिलाकर झूठा वीडियो बनवाया था।

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इस पत्र के वायरल हाेने के बाद प्रधान का मोबाइल दाे दिन स्वीच ऑफ रहा। 6 जुलाई को प्रधान वीरम सिंह व पूर्व विधायक हरिसिंह रावत राजसमंद नौ चौकी पाल पर आए और मीडिया के सामने प्रधान ने पूर्व विधायक हरिसिंह रावत पर लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया।प्रधान ने बीडीओ डाॅ. रमेश मीणा पर होटल में नशीला पदार्थ मिलाकर बेसुध करने का आराेप लगाया। 7 जुलाई को भीम बीडीओ ने प्रधान वीरम सिंह के खिलाफ दो करोड़ रुपए मानहानि का केस, अभद्रतापूर्ण व्यवहार, धमकियां का मामला दर्ज था। रिपोर्ट में बताया कि 3 जुलाई को प्रधान वीरम सिंह ब्यावर में अपने रिश्तेदार के यहां उत्सव वाटिका में कार्यक्रम में शामिल थे। इस दौरान भीम बीडीओ का फोन प्रधान के पास आया। बीडीओ ने प्रधान से लोकेशन पूछी। प्रधान ने ब्यावर उत्सव होटल में होना बताया।

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इसके बाद सुबह सवा दस बजे बीडीओ डाॅ. रमेश चंद मीणा व पार्षद दलपत मेवाड़ा दोनों ही बीडीओ की निजी कार लेकर उत्सव होटल के बाहर आ गए और प्रधान वीरम सिंह को बाहर बुलाया। जब प्रधान उत्सव होटल से बाहर निकलकर उनसे मिलने गए। तब तीन-चार अन्य लोगों ने जबरन प्रधान को कार में बैठा दिया। कार का नंबर आरजे 30 सीए 1889 है। प्रधान को सेंदड़ा रोड स्थित राजमहल होटल के सामने पार्षद दलपत मेवाड़ा के कनक टावर में लेकर गए। जाे कि पार्षद दलपत मेवाड़ा का है और उसे यह भी मालूम था कि व प्रधान को जबरन उठाकर लाए हैं। जिससे यह भी जाहिर होता है कि पार्षद दलपत मेवाड़ा भी इस षड़यंत्र में शामिल था।