Big Accident : राजसमंद में हाइवे आठ पर मानसिंहजी का गुड़ा के पास गुरुवार सुबह बेकाबू केमिकल से भरा टैंकर रोंग साइड में आकर सामने से आ रही कार में पलट गया। हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई, जिसमें दो सगे भाई, उनकी मां और बड़े भाई की पत्नी शामिल है। इस तरह हादसे में पूरा परिवार ही खत्म हो गया। हादसे के बाद करीब डेढ़ से दो घंटे बाद शव को कार से बाहर निकाला जा सका। टैंकर का केमिकल गिरने से कार सवार चारों लोगों के शरीर पर फफोले पड़ गए। भीषण हादसे की सूचना पर जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल व एसपी मनीष त्रिपाठी भी घटना स्थल पर पहुंच गए। साथ ही हादसे की ऑडिट करवाई जाएगी। ज्वलनशील घातक केमिकल भरा होने से बड़े हादसे का खतरा होने से तमाम पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भी मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड भी बुला ली और दोपहर बाद टैंकर को खड़ा किया जा सका, तब तक बड़ी तादाद में केमिकल बाहर निकल गया।
Rajsamand news : चारभुजा थाना प्रभारी गोवर्धनसिंह ने बताया कि केलवाड़ा निवासी पुरुषोत्तम (40) पुत्र जगदीश उपाध्याय उनके भाई दीनबंधु उर्फ मनीष उपाध्याय (32), मां मनसुखदेवी उपाध्याय (60) व पुरुषोत्तम की पत्नी रेणुदेवी (34) की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा मानसिंहजी का गुड़ा गांव के पास हाईवे 8 पर अजमेर से उदयपुर की तरफ जा रहे टैंकर ने ओवरटेक के प्रयास में ट्रोला से टकराया। फिर अनियंत्रित होकर ट्रोला बीच डिवाइडर पर चढ़कर दस से पन्द्रह फीट तक आगे बढ़ा, जबकि पीछे से टैंकर राइट साइड की लेन पर मुड़ गया, जहां पर सामने से आ रही कार के ऊपर पलट गया। बताया जा रहा है कि पुरुषोत्तम उपाध्याय का परिवार कार में ब्यावर उनकी बहन के घर जा रहे थे, जहां कोई सामाजिक कार्यक्रम था। पुरुषोत्तम व दीनबंधु उर्फ मनीष उपाध्याय दोनों भाई मूलत: केलवाड़ा, कुंभलगढ़ के रहने वाले हैं, मगर अभी नौकरी के चलते उदयपुर में रह रहे थे। उदयपुर से ही सुबह ब्यावर जाने के लिए निकले और राजसमंद जिले में चारभुजा थाना क्षेत्र के मानसिंहजी का गुड़ा के पास यह हादसा हो गया। दुर्घटना के बाद चारभुजा थाना प्रभारी गोवर्धनसिंह, दिवेर थाना प्रभारी भवानीशंकर, केलवा थाना प्रभारी ओमसिंह, कुंभलगढ़ पुलिस उप अधीक्षक ज्ञानेंद्रसिंह राठौड़ के बाद एएसपी महेंद्र पारीक भी पहुंच गए। बाद में जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल, एसपी मनीष त्रिपाठी, राजसमंद एसडीएम अर्चना बगारिया, कुंभलगढ़ उपखंड अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इस तरह दो से तीन घंटे तक एक लेन पर ही यातायात चालू रहा। मौके पर विशेष पुलिस जाब्ता तैनात है।
सुबह करीब साढ़े 7 बजे यह भीषण हादसा हुआ। हादसे के बाद टैंकर से केमिकल निकलने लग गया। उसके एक घंटे बाद पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों की टीम और टोल प्लाजा के कार्मिक मौके पर पहुंच गए। क्योंकि टैंकर के नीचे कार बुरी तरह से पिचक चुकी थी। इसलिए कार में फंसे शव को बाहर निकालना मुश्किल था। हादसे के करीब डेढ़ से दो घंटे बाद क्रेन मंगवाकर टैंकर को थोड़ा उठाया और दूसरी क्रेन से कार को बाहर खींचा गया। उसके बाद कार के परखच्चो को हटाकर करीब आधे घंटे बाद शव बाहर निकल पाए। शव बुरी तरह से क्षत विक्षत हो गए थे, जिन्हें पहचानना भी मुश्किल था। चारों शव की मौके पर चिकित्सा टीम द्वारा जांच करने पर मृत पाए गए। फिर चारों शव को आरके जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवा दिए, जहां परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई।
Truck Accident : टैंकर में भरा था ज्वलनशील क्लास 3 का केमिकल
Truck Accident : श्रीनाथ टॉल प्लाजा नेगड़िया के रूट मैनेजर हरिराम ने बताया कि टैंकर में क्लास 3 का केमिकल भरा होने से हादसे में कार सवार चारों लोगों के शरीर झुलस गए। शरीर पर फफोले पड़ गए। हादसे के बाद मांडावाड़ा टॉल प्लाजा के अलावा नेगड़िया से भी टीम मौके पर पहुंच गई। सुबह करीब 8 बजे से दोपहर दो बजे तक टीम के ज्यादातर सदस्य मौके पर रहे। घातक केमिकल से भरे टैंकर को खड़ा करवाया। केमिकल से कई कार्मिकों के हाथ भी झुलस गए, मगर फिर भी सभी टॉल प्लाजा कार्मिकों ने हिम्मत दिखाते हुए तत्परता से राहत कार्य में जुटे रहे। उन्होंने बताया कि केमिकल इतना ज्वलनशील होता है कि 50 डिग्री के ऊपर तापमान जाने के बाद यह अपने आप आग पकड़ लेता है। ऐसी स्थिति में टीम ने रेस्क्यू किया, तब कई लोगों के हाथ झुलस गए। टैंकर के पास जाने वाले लोगों की आंखें भी जलने लग गई, जबकि हाथ व पैर में भी जलन महसूस होनी लगी। इस पर फायर ब्रिगेड से पानी का छिड़काव किया। साथ ही आवश्यक दस्ताने मंगवाने के बाद रेस्क्यू किया गया। साथ ही टैंकर के नीचे दबी कार में फंसे चारों शव को बाहर निकालने में मदद करने वाले लोगों के हाथ पैर भी केमिकल के स्पर्श से जलने लग गए।
Accident in rajsamand : हादसे के बाद हाइवे पर एकतरफा यातायात
Accident in rajsamand : एसपी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर 4 बड़ी क्रेन और एंबुलेंस को तत्काल प्रभाव से बुलाया गया। स्थानीय लोगों ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी मदद की। काफी मशक्कत के बाद शवों को कार से बाहर निकाला गया और उन्हें राजसमंद अस्पताल में पहुंचाया गया। क्रेन की मदद से टैंकर को सीधा किया गया। हादसे के कारण हाइवे की फोरलेन पर एकतरफा यातायात रहा और एक लेन पूरी तरह से आधे दिन बंद रखी गई। क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर पुलिस ने यातायात को सुचारू करवा दिया है। टैंकर को खड़ा करने के लिए अतिरिक्त क्रेन मंगवाई गई। यह तो गनीमत रही कि हादसा सुबह हुआ, तब मौसम ठंडा व सुहावना रहता है। अगर दोपहर या उसके बाद होता, तो आग लगने का खतरा था। अगर आग लग जाती, तो पूरे गांव में इसका प्रभाव पड़ता। खास तौर से घातक केमिकल है, जिससे क्षेत्र का वातावरण भी प्रदूषित हो जाता, जिससे न सिर्फ बीड़ में घास, बल्कि खेतों की फसलें भी प्रभावित होती। कुंभलगढ़ डीएसपी ज्ञानेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में पुलिस टीम ने टोल प्लाजा सदस्यों के साथ मिलकर टैंकर को खड़ा करवा दिया।
Rajsamand Police : डेंजर जोन घोषित है, फिर भी सुरक्षा के उपाय नहीं
Rajsamand Police : हादसे की सूचना मिलते ही राजसमंद जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल सहित केलवा और चारभुजा पुलिस थाने से पुलिस मौके पर पहुंच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टैंकर के आगे ट्रेलर चल रहा था। ट्रेलर को पीछे से बेकाबू हुए टैंकर ने टक्कर मार दी, जिससे वह बीच डिवाइडर पर चढ़ गया, जबकि टैंकर दाईं तरफ फोरलेन के कट से गलत लेन में मुड़ गया। फिर सामने से आ रही कार पर पलट गया। टैंकर में घातक ज्वलनशील केमिकल भरा हुआ था। हादसे के बाद टैंकर से रसायन का रिसाव होने लगा, जिससे आसपास के इलाके में अफरातफरी मच गई। सूचना मिलने पर दमकल की टीम भी मौके पर पहुंची और रिसाव को रोकने के लिए काम शुरू कर दिया।
Car & truck accident : केलवाड़ा में अंतिम संस्कार
Car & truck accident : मानसिंहजी का गुड़ा में हुए दर्दनाक हादसे एक ही परिवार के दो भाई, मां व बड़े भाई की पत्नी की मौत के बाद परिवार पर मानो वज्रपात आ गिरा। चारों लोगों के शव आरके जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवाए, जहां पर पुलिस की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंच गए। फिर चारभुजा पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए। फिर दोनों भाई, मां सहित चारों के शव लेकर परिजन केलवाडा के लिए रवाना हो गए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आरके जिला अस्पताल परिसर में केलवाड़ा के अलावा उदयपुर से भी बड़ी तादाद में लोग पहुंच गए। क्योंकि दोनों भाई उदयपुर में रहते थे, जिससे उनके काफी मित्र व रिश्तेदार उदयपुर में ही है।
दोनों भाई के पिता की दो साल पहले हुई थी मौत
पुरुषोत्तम व मनीष उर्फ दीनबंधु उपाध्याय के पिता जगदीश उपाध्याय ग्राम विकास अधिकारी पद से रिटायर हुए थे, जिनका ज्यादातर कार्यकाल राजसमंद जिले के ही खमनोर क्षेत्र में निकला। फिर दो साल पहले ही उनका निधन हो गया। नौकरी के चलते पुरुषोत्तम व दीनबंधु दोनों ही उदयपुर में ही रहने लगे। बताया जा रहा है कि पुरुषोत्तम ने सेक्टर चार में एक फ्लैट खरीद लिया था, जबकि छोटा भाई दूसरी जगह रहता था। मां भी उनके साथ ही रह रही थी।
पुरुषोत्तम फाइनेंस एक्सपर्ट था, तो दीनबंधु था इंजीनियर
पुरुषोत्तम उपाध्याय फाइनेंस एक्सपर्ट था, जो उदयपुर में ही एचडीएफसी बैंक में लोन देने का कार्य करता था। इसी तरह छोटा भाई दीनबंधु उपाध्याय इंजीनियर था, जो प्राइवेट आर्कीटेक्ट कंपनी में नौकरी करता था। इसलिए दोनों भाई उदयपुर में ही रहने लग गए। बताया गया कि पुरुषोत्तम उपाध्याय के एक बेटा अनन्त है, जो कि अभी 12वीं में अध्ययनरत है, जबकि दीनबंधु के भी दो बच्चे होना बताया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अब परिवार में ये सदस्य रह गए
पुरुषोत्तम व दीनबंधु के साथ चार सदस्यों की मौत के बाद पूरा परिवार टूट गया। दीनबंधु के पिता जगदीश चंद्र उपाध्याय ग्राम सचिव रहे थे। उनकी 4 साल पहले मौत हो चुकी है। पुरुषोत्तम उपाध्याय बैंक से संबंधित फाइनेंस का काम करते थे। इनका 1 बेटा है अनंत जो 12वीं कक्षा में पढ़ता है। पुरुषोत्तम के भाई दीनबंधु पेशे से इंजीनियर थे। इनकी 2 बेटियां है। अब परिवार में दीनबंधु की पत्नी वर्षा उपाध्याय और इनकी 2 बेटियां तन्वी (9), डेढ़ साल की छोटी बेटी बेनू और पुरुषोत्तम उपाध्याय के बेटे समेत 4 लोग बचे है।
कलक्टर बोले- हादसे की करवाएंगे ऑडिट
मानसिंहजी का गुड़ा में जो हादसा हुआ है, वह बहुत ही दर्दनाक हादसा है, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। भविष्य में इस तरह के हादसे न हो, इसके लिए हाईवे अथॉरिटी, पीडब्लूडी, परिवहन विभाग के साथ मिलकर एक कमेटी का गठन करेंगे। साथ ही दुर्घटना की समीक्षा व ऑडिट करवाई जाएगी, ताकि भविष्य में आवश्यक सुधार किए जा सकें और कोई हादसा न हो।
डाॅ. भंवर लाल, जिला कलक्टर राजसमंद