
Bikaner Powerlifter Death : नेशनल नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट व नेशनल वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी यष्टिका आचार्य की जिम में प्रैक्टिस के दौरान दर्दनाक मौत हो गई। 270 किलो की भारी-भरकम वेटलिफ्टिंग रॉड उनकी गर्दन के ऊपर गिर गई, जिससे उनकी गर्दन टूट गई। हादसे के तुरंत बाद उन्हें प्राथमिक उपचार देने की कोशिश की गई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह घटना राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित एक जिम पर हुई, जहां वह रोज की तरह वेट लिफ्टिंग का अभ्यास कर रही थी।
National Powerlifting Champion : जिम पर प्रैक्टिस के दौरान हुए इस हादसे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में यष्टिका को वेटलिफ्टिंग करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में उनके पीछे एक ट्रेनर खड़ा था, जो गिनती कर रहा था। जैसे ही यष्टिका ने वेट उठाने का प्रयास किया, संतुलन बिगड़ गया और 270 किलो की स्क्वॉट्स रॉड सीधे उनकी गर्दन पर आ गिरी। भार इतना अधिक था कि वे इसे संभाल नहीं पाईं और तुरंत नीचे गिर गईं। जिम में मौजूद अन्य खिलाड़ियों और ट्रेनर ने तुरंत वेट हटाया और उन्हें होश में लाने की कोशिश की। कोच ने CPR भी दी, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
यष्टिका आचार्य हाल ही में गोवा में आयोजित 33वीं नेशनल बेंच प्रेस चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर लौटी थीं। उन्होंने इक्विप्ड कैटेगरी में गोल्ड और क्लासिक कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। यष्टिका को अपने खेल से बहुत लगाव था और वह नियमित रूप से कड़ी मेहनत करती थीं। उनकी इस उपलब्धि ने पूरे बीकानेर का नाम रोशन किया था।
कोच की मौजूदगी में हादसा | Weightlifting Accident
Gym Gym Weightlifting Accident : यष्टिका आचार्य रोज की तरह अपने कोच की निगरानी में वेटलिफ्टिंग का अभ्यास कर रही थीं। जिम में लगे सीसीटीवी कैमरे में हादसे का वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ है, जिसमें देखा जा सकता है कि ट्रेनर की गिनती पूरी होने के बाद यष्टिका ने वेट उठाया, लेकिन अचानक बैलेंस बिगड़ गया और भारी रॉड उनकी गर्दन पर आ गिरी। हादसे के तुरंत बाद वहां मौजूद खिलाड़ियों और ट्रेनर ने वेट हटाया और उन्हें सीपीआर (CPR) देकर बचाने की कोशिश की, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घर में मातम, पिता और बहनें गहरे सदमे में
Bikaner Gym Accident : यष्टिका के पिता ऐश्वर्य आचार्य बीकानेर में कॉन्ट्रैक्टर हैं। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं, जिनमें से एक और बेटी भी पावरलिफ्टिंग में सक्रिय है और वर्तमान में स्टेट टूर्नामेंट की तैयारी कर रही है। जिस दिन यह हादसा हुआ, उसी दिन परिवार के अन्य सदस्य हनुमानगढ़ में शादी समारोह में गए हुए थे, लेकिन यष्टिका अपनी प्रैक्टिस के प्रति समर्पित रहने के चलते घर पर ही रुकी हुई थीं।
परिजनों ने दर्ज नहीं करवाया मामला, पुलिस कर रही जांच
No Police Case Filed : नया शहर थाना प्रभारी विक्रम तिवाड़ी ने बताया कि परिजनों ने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। हालांकि, पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाया और अपनी जांच जारी रखी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ट्रेनर ने उन्हें गिनती के साथ वेट उठाने को कहा था, लेकिन अचानक संतुलन बिगड़ने से हादसा हो गया।
जिम का नाम ‘द पॉवर हेडक्टर’ बताया जा रहा है, जो बीकानेर के नत्थूसर गेट के पास स्थित है और कुछ ही महीने पहले खुला था। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि जिम में सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं।
यष्टिका के निधन से खेल जगत में शोक की लहर
यष्टिका आचार्य के असामयिक निधन से खेल जगत में शोक की लहर है। पावरलिफ्टिंग कम्युनिटी के लोगों ने इस हादसे पर दुख जताया है और इसे खेल के लिए एक बड़ी क्षति बताया है। उनके साथी खिलाड़ियों और कोच ने उन्हें मेहनती और समर्पित खिलाड़ी बताया, जिनका सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने का था। यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि जिम और पावरलिफ्टिंग ट्रेनिंग में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों को रोका जा सके।
जिम सुरक्षा पर उठे सवाल | Gym Safety issue
यह जिम हाल ही में बीकानेर के नत्थूसर गेट क्षेत्र में खुला था। हादसे के बाद जिम की सुरक्षा व्यवस्थाओं और ट्रेनिंग मानकों पर सवाल उठ रहे हैं। क्या जिम में सेफ्टी गियर (Safety Gear) और इमरजेंसी हेल्प (Emergency Medical Aid) की सही व्यवस्था थी? यह जांच का विषय बना हुआ है। यष्टिका आचार्य की आकस्मिक मौत ने पूरे खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर उनके लिए श्रद्धांजलि संदेश आ रहे हैं, और कई खिलाड़ियों ने जिम में सुरक्षा उपायों को लेकर चिंता जताई है। यह हादसा वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी और कोचिंग स्टैंडर्ड्स को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जिम में वेटलिफ्टिंग सुरक्षा उपाय : Gym safety remedy
Gym safety remedy : फिटनेस और बॉडी बिल्डिंग के बढ़ते क्रेज के चलते आजकल लोग बड़ी संख्या में जिम में शामिल हो रहे हैं। लेकिन जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी घातक साबित हो सकती है। हाल ही में बीकानेर की युवा पावरलिफ्टर यष्टिका आचार्य की जिम में प्रैक्टिस के दौरान दर्दनाक मौत ने वेटलिफ्टिंग और अन्य हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को उजागर कर दिया है। यदि आप भी जिम में वेटलिफ्टिंग या किसी अन्य प्रकार की हैवी एक्सरसाइज करते हैं, तो आपको कुछ विशेष सावधानियों का पालन करना चाहिए।
जिम में एक्सरसाइज करना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन सुरक्षा नियमों का पालन न करना जानलेवा भी हो सकता है। वेटलिफ्टिंग या अन्य हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट के दौरान सही तकनीक, उचित सुरक्षा उपकरणों और शरीर के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है।
1. उचित वार्म-अप करें
महत्व : वार्म-अप शरीर को वर्कआउट के लिए तैयार करता है और मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाता है, जिससे चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।
कैसे करें?
- 10-15 मिनट तक हल्के कार्डियो (जैसे रनिंग, साइकलिंग, जंपिंग जैक्स) करें।
- डायनामिक स्ट्रेचिंग करें ताकि मांसपेशियां सक्रिय हो जाएं।
- हल्के वेट से शुरुआत करें और धीरे-धीरे भार बढ़ाएं।
2. सही फॉर्म और तकनीक अपनाएं
महत्व : गलत तकनीक से वेटलिफ्टिंग करने पर गंभीर चोटें आ सकती हैं। सही फॉर्म आपके शरीर के संतुलन और स्थिरता को बनाए रखता है।
कैसे अपनाएं?
- किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले प्रशिक्षक (Trainer) से सही तकनीक सीखें।
- अपने शरीर की मुद्रा (Posture) पर ध्यान दें।
- अपनी पीठ को सीधा रखें और अचानक झटके देने से बचें।
- भारी वजन उठाने से पहले हल्के वजन से प्रैक्टिस करें।
3. स्पॉटर (Spotter) की सहायता लें
महत्व : भारी वेटलिफ्टिंग के दौरान दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। स्पॉटर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो वेटलिफ्टिंग के समय आपकी मदद करता है।
कैसे करें?
- जब भी बेंच प्रेस (Bench Press), डेडलिफ्ट (Deadlift) या स्क्वॉट्स (Squats) करें, तो अपने ट्रेनर या साथी को स्पॉट करने के लिए कहें।
- स्पॉटर आपकी मूवमेंट को मॉनिटर करता है और जरूरत पड़ने पर वजन संभालने में मदद करता है।
- अगर आपको लगे कि वजन ज्यादा हो रहा है, तो तुरंत स्पॉटर को इशारा करें।
4. ओवरलिफ्टिंग से बचें
महत्व : अपनी क्षमता से अधिक वजन उठाने से मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है और गंभीर चोटें लग सकती हैं।
कैसे बचें?
- अपनी क्षमता के अनुसार ही वेट उठाएं।
- धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं, अचानक अधिक वजन उठाने की गलती न करें।
- प्रोग्रेसिव ओवरलोड (Progressive Overload) के सिद्धांत का पालन करें, जिसमें धीरे-धीरे वजन बढ़ाया जाता है।
5. सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें
महत्व : सुरक्षा उपकरण चोटों से बचाने में सहायक होते हैं और आपकी स्टेबिलिटी को बनाए रखते हैं।
कैसे करें?
- वेटलिफ्टिंग बेल्ट (Weightlifting Belt): कमर की सुरक्षा के लिए उपयोग करें।
- रिस्ट रैप्स (Wrist Wraps): कलाई को सपोर्ट करने के लिए।
- नी ब्रेसेस (Knee Braces): घुटनों की सुरक्षा के लिए।
- जिम ग्लव्स (Gym Gloves): हाथों की पकड़ मजबूत करने के लिए।
6. उचित जिम मशीन और उपकरण का प्रयोग करें
महत्व : गलत तरीके से उपयोग की गई मशीनें भी गंभीर चोटों का कारण बन सकती हैं।
कैसे करें?
- जिम में किसी भी नई मशीन का उपयोग करने से पहले ट्रेनर से सही तरीका सीखें।
- उपकरण की स्थिति और सेफ्टी लॉक चेक करें।
- पुराने या टूटे हुए उपकरणों का उपयोग न करें।
7. हाइड्रेशन और न्यूट्रिशन का ध्यान रखें
महत्व : शरीर में पानी की कमी और पोषण की अनदेखी से कमजोरी आ सकती है, जिससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है।
कैसे करें?
- वर्कआउट से पहले और बाद में पानी पिएं।
- प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर संतुलित आहार लें।
- एक्सरसाइज के बाद रिकवरी ड्रिंक या इलेक्ट्रोलाइट्स लें।
8. शरीर के संकेतों को समझें
महत्व : थकान या दर्द को नजरअंदाज करने से गंभीर चोटें हो सकती हैं।
कैसे करें?
- यदि कोई असामान्य दर्द या असुविधा महसूस हो, तो तुरंत रुकें।
- यदि दर्द बना रहता है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- अत्यधिक थकान होने पर ब्रेक लें और जरूरत पड़ने पर पर्याप्त नींद लें।
9. इमरजेंसी प्लानिंग और मेडिकल सहायता
महत्व : किसी भी आपात स्थिति में उचित तैयारी होने से गंभीर चोटों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
कैसे करें?
- जिम में प्राथमिक चिकित्सा किट (First Aid Kit) हमेशा उपलब्ध होनी चाहिए।
- सभी ट्रेनर्स को सीपीआर (CPR) और फर्स्ट एड (First Aid) का ज्ञान होना चाहिए।
- यदि किसी को चोट लगती है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।