सरकार का आदेश- न्यायालय के निर्णय के निलंबन से बहाल किया है प्रदेश में bjp सरकार बनने के बाद मांडलगढ़ नगरपालिका में एक बार फिर सियासी उलटफेर हुआ है। 21 जून 2021 को ठेकेदार से 4.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए पालिका चेयरमैन संजय डांगी को सरकार ने बहाल कर दिया है।
इस संबंध में बुधवार को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक सुरेशकुमार ओला ने आदेश जारी किए हैं। इसमें लिखा है कि सरकार ने भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ नगरपालिका के वार्ड नंबर नौ के सदस्य व पालिका अध्यक्ष को निलंबित किया गया था। इनको न्यायालय के निर्णय के अध्यधीन निलंबन से में बहाल किया है। अभी नगरपालिका में उपाध्यक्ष जफर टांक ही पालिका चेयरमैन थे। डांगी ने 13 फरवरी 2021 को पद संभाला था और 21 जून को ही bribe लेते पकड़ा गया था। डांगी करीब डेढ़ महीने तक जेल में भी रहा था। इस मामले में राज्य सरकार ने 25 अप्रैल 2022 को अभियोजन स्वीकृति भी दे दी है। इसके अलावा चालान भी पेश हो चुका है। प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही क्षेत्र के एक नेता चेयरमैन डांगी को बहाल कराने की कोशिश में लगे हुए थे। डांगी खनिज कारोबार से भी जुड़े हुए हैं।
bribe : 23% कमीशन मांगा, 30 हजार लिए
चेयरमैन डांगी ने bribe निर्माण कार्यों के बिलों के भुगतान करने और एसडी राशि जारी करने की एवज में ली थी। चेयरमैन ने ठेकेदार से 23 प्रतिशत कमीशन मांगा था। 20 लाख रुपए के बिल में 4.50 लाख रुपए bribe मांगी थी। शिकायत के सत्यापन के समय डांगी ने 30 हजार रुपए लिए थे। डांगी चेयरमैन बनते ही बजट नहीं होने का तर्क देकर पैसा अटका रहा था। निर्माण कार्य की लागत 16 लाख रुपए थी। 4 लाख रुपए सिक्योरिटी राशि थी। इस तरह कुल 20 लाख का भुगतान ठेकेदार का बकाया था। गेणोली चौराहे पर नाला निर्माण का काम दो साल पहले ही पूरा हो गया था लेकिन कमीशन के चक्कर में भुगतान रोक दिया था।