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ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यो में कमी नहीं निकालने की एवजा में बीडीओ ने रिश्वत मांगी। ACB ने बीडीओ और ग्राम विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया। आरोपी ग्राम पंचायत में 95 लाख रुपए के हुए विकास कार्यो में कमी नहीं निकालने पर 3 प्रतिशत रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने दोनों को गिरफ्तार किया।

एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रविवार रात को कुशलगढ़ विकास अधिकारी (बीडीओ) फिरोज खान और कोटड़ा राणगा ग्राम सचिव मलजी धणावा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। ग्राम पंचायतों में हुए निर्माण कामों की जांच नहीं करने की एवज में इन्होंने 2.85 लाख रुपए मांगे थे। एसीबी ने दोनों आरोपियों के कब्जे से रिश्वत के 50 हजार रुपए भी बरामद किए। बांसवाड़ा व उदयपुर एसीबी ने कुशलगढ़ पंचायत समिति परिसर में बीडीओ के सरकारी आवास पर ये कार्रवाई की।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधोसिंह सोढा ने बताया कि कुशलगढ़ उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत लोहारिया बड़ा, सातलिया व रामगढ़ में वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 95 लाख रुपए लागत से कार्य हुआ है। काम की कमियां नहीं निकालने के एवज में बीडीओ फिरोज खां ने लागत का 3 प्रतिशत कमीशन मांगा था। सत्यापन के दौरान बीडीओ की ओर से 50 हजार रुपए पूर्व में लिए जाने की पुष्टि हुई। बकाया कमीशन राशि के 50 हजार रुपए लेते हुए एसीबी ने उसे धरदबोचा।

इससे पहले बिजोरी बड़ी (कुशलगढ़) निवासी गोविंद भाबोर ने बीडीओ की ओर से रिश्वत मांगने की शिकायत एसीबी से की थी। सत्यापन के बाद एसीबी ने आरोपी की धरपकड़ के लिए 15 अगस्त की शाम का समय तय किया। गौरतलब है कि आरोपी फिरोज खान मूलत: बीजापुर जिला पाली का रहने वाला है। कुशलगढ़ में हुई कार्रवाई के ठीक बाद उदयपुर एसीबी ने आरोपी के गांव पहुंचकर कार्रवाई शुरू की।

इधर, वर्ष 2018-19 में विधायक कोटे से निर्मित सामुदायिक भवन की कुल लागत 9 लाख रुपए के 2 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे कोटड़ा राणगा ग्राम सचिव मलजी धणावा को 20 हजार रुपए की रिश्वत के साथ एसीबी ने धर लिया। ग्राम सचिव मलजी ये राशि विकास अधिकारी फिरोज खां को देने के लिए मांग रहा था। यह पैसा मगरदा खतेला निवासी मुकेश कुमार से लिया गया था। यह कार्रवाई भी पंचायत समिति परिसर के सरकारी भवन में की गई। आरोपी मलजी मूलत: गडली थाना कुशलगढ़ का रहने वाला है। ये कार्रवाई एसीबी की दूसरी टीम ने की।

इस मामले में खास बात यह है कि बीडीओ को रिश्वत की राशि के साथ फंसाने वाले शिकायतकर्ता सरकारी कर्मचारी ही हैं। बीडीओ को 50 हजार की रिश्वत के साथ पकड़वाने वाला कर्मचारी वर्तमान में गोविंद भाबोर लोहारिया बड़ा में ग्राम विकास अधिकारी है। आरोपी मलजी को पकड़वाने वाला कर्मचारी मुकेश कुमार, कोटड़ा राणगा ग्राम पंचायत का तत्कालीन कनिष्ट सहायक था। इन सरकारी कर्मचारियों पर विकास अधिकारी की ओर से रिश्वत की राशि जुटाने के लिए बीते कई महीनों से दबाव बनाया जा रहा था।