मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों की अब ऑनलाइन हाजिरी होगी। यह व्यवस्था राजस्थान के 40 ग्राम पंचायतों में शुरू होगी। MMS एप पर श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी भरी जाएगी। इससे धरातलीय क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी साथ ही मजदूरों को भुगतान में जल्दी मिलेगा।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के श्रमिकों की अब मौके पर ही मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एमएमएस एप) से हाजिरी होगी। फिलहाल, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करोली जिले की आठों पंचायत समितियों की 5-5 ग्राम पंचायतों में यह नई व्यवस्था 13 अगस्त से लागू होगी। इसके लिए पंचायत समितिवार चयनित ग्राम पंचायतों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है।
मनरेगा के स्वीकृत कार्यों में ऑफलाइन मस्टररोल व श्रमिकों की उपस्थिति की मौजूदा प्रक्रिया से धांधली व अनियमिताओं के मामलों पर अंकुश लगाने की मंशा से सरकार ने ई-मस्टरराेल के बाद अब ऑनलाइन हाजिरी का सिस्टम ईजाद किया है। इसमें कार्यस्थल से श्रमिकों की फोटो एप के जरिए नरेगा सॉफ्ट पर तुरंत अपलोड हो जाएगी। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने श्रमिकों को भुगतान समय पर और सिस्टम में पारदर्शिता के लिए एमएमएस एप विकसित किया है।
वहीं राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के आयुक्त (ईजीएस) अभिषेक भगोतिया ने प्रदेश के सभी जिला परिषद सीईओ को सर्कुलर पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मनरेगा में अभी तक पखवाडा प्रारंभ होने पर मेट मस्टररोल मौके पर ले जाकर श्रमिकों की हाजिरी ऑफलाइन यानी पेपर पर भरता है। जिसमें प्रतिदिन हाजिरी को बाद के दिनों में भी एक साथ भरे जाने का विकल्प रहता है। इसमें मौका कार्यस्थल पर श्रमिकों की हाजिरी लेने का कोई प्रमाण भी नहीं होता है। लिहाजा, गडबडी व अनियमिताओं की पूरी आशंका से इंकार भी नहीं किया जा सकता।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रगतिरत कार्यों पर लगाए गए मेट के मोबाइल का रजिस्ट्रेशन नरेगा सॉफ्ट के पीओ लाॅगिन से किया जाएगा। ताकि, एमएमएस प्रणाली के तहत मेट प्रतिदिन 11 बजे से पहले मौका स्थल से कार्यस्थल की फोटो के साथ श्रमिकों की हाजिरी दर्ज कर सके। एप से हाजिरी तुरंत नरेगा सॉफ्ट पर अपलोड हो जाएगी। खास यह है कि एमएमएस के माध्यम से श्रमिक उपस्थिति पखवाडे के मध्य से प्रारंभ नहीं होगी, अर्थात पखवाडज्ञ प्रारंभ दिनांक से समाप्ति तक रोजाना एमएमएस से ही हाजिरी होगी।