उल्लू बेच कर लोगों को कमाई का झांसा देकर ठगी की जा रही है। ठगों ने 5 लाख रुपए के बदले 90 लाख रुपए कमाने का लालच देते है साथ ही कमाई का आधा हिस्सा देने की भी बात करते है। रुपए लेकर कपड़े में लपेटकर कबूतर थमा देते है। ऐसी ही एक उल्लू गैंग के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
जयपुर में अब उल्लू गैंग भी सर्किय हो गया है। ये लोगों को दुर्लभ प्रजाति का उल्लू बेच कर अच्छी कमाई करने का झांसा देते है। रुपए लेकर उन्हें उल्लू की जगह कपड़े में लपेट कर कबूतर पकड़ा कर फरार हो जाते है। जयपुर की कालाड़ेरा पुलिस ने ऐसे ही उल्लू गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
कालाड़ेरा थानाधिकारी हरबेंद्र सिंह ने बताया कि सायरमल बावरिया (21) पुत्र रामू बावरिया निवासी डाबर कॉलोनी कालाडेरा व भंवर उर्फ राजू बावरिया (30) पुत्र बालू बावरिया निवासी खोल्डया की ढाणी झालरा डूगंरी खुर्द रेनवाल को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों के पास से उल्लू के नाम पर ठगी कर करने वाले 4.30 लाख रुपए भी बरामद कर लिए है। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले जगदीश रैगर पुत्र कानाराम रैगर निवासी रैगर मौहल्ला कालाडेरा ने उल्लू बेचने और खरीदने वाले लोगों के खिलाफ 5 लाख रुपए की ठगने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों के मोबाइल के आधार पर लोकेशन को ट्रेस का दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को जगदीश ने बताया कि उसकी सायरमल बावरिया से पहचान हुई थी। सायरमल ने उसे सस्ते दामों पर उल्लू दिलाने की बात कहीं। उल्लू को 90 लाख रुपए में बेच कर रुपए कमाने का लालच दिया। सायरमल ने उसे जल्द रुपयों की व्यवस्था करने को कहा। वह एक रिश्तेदार से 5 लाख रुपए उधार लेकर आ गया। जगदीश को लेकर सायरमल जालसू गांव ले गया। वहां पर एक युवक पहले से खड़ा था। उसे एक कपड़े में लिपटा हुआ पक्षी दिखाया। वह उल्लू की तरह से लग रहा था। 5 लाख रुपए देकर उससे उल्लू ले लिया। उसे उल्लू देकर भीलपुरा में एक जंगल में भेज दिया। उसने कहा कि एक युवक 90 लाख रुपए देगा। वहां पर एक घंटे तक वह खड़ा रहा। लेकिन कोई भी नहीं मिला। सायरमल ने भी मोबाइल बंद कर लिया था। उसने घर आकर देखा तो वह कबूतर निकला।